Skymet weather

[Hindi] निम्न दबाव उत्तर प्रदेश सहित पूर्वी एवं पूर्वोत्तर भारत को देता रहेगा बारिश

August 28, 2015 5:11 PM |

 

monsoon-ap_0ओड़ीशा के तट के करीब बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव का क्षेत्र ओड़ीशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, विदर्भ और छत्तीसगढ़ को भिगोते हुये उत्तर और पश्चिम की तरफ आगे बढ़ गया है। इसके प्रभाव से मध्य, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में बारिश की गतिविधियां देखी जा रही हैं।

पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में पिछले काफी समय से मॉनसून शिथिल था लेकिन निम्न दबाव के चलते इन राज्यों में बारिश बढ़ गई है। दूसरी तरफ बीते कई दिनों से हिमालय की तराई में स्थिर मॉनसून की अक्षीय रेखा भी दक्षिणवर्ती हुई है जिससे उत्तर प्रदेश में भी मौसम का मिजाज़ बदल गया है। बीते कई दिनों से उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क बना हुआ था।

स्काइमेट का अनुमान है कि पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में शुरू हुई बारिश के नए दौर में सबसे अधिक फायदा बिहार को होने वाला है। बिहार में बारिश अभी भी सामान्य से 20% कम है। वर्तमान मौसमी परिदृश्य संकेत दे रहा है कि इन आंकड़ों में जल्द ही कमी देखने को मिलेगी और बिहार में बारिश का आंकड़ा सामान्य के आसपास पहुंच जाएगा।

पूर्वी उत्तर प्रदेश में औसत से 35% कम बारिश दर्ज की गई है जिससे राज्य के पूर्वी जिलों में पानी की कमी भले है लेकिन बीच-बीच में होती रही बारिश से फसल को फिलहाल नुकसान नहीं पहुंचा है। राज्य के पूर्वी जिलों के ऊपर से गुज़र रही मॉनसून रेखा और पूर्वी भारत पर बने मौसमी सिस्टम के चलते बारिश की गतिविधियों में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार राज्य के अधिकांश भागों में अगले 2-3 दिनों तक बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती है जिससे आंकड़ों में सुधार होगा और कृषि को भी लाभ पहुंचेगा।

दूसरी तरफ ओड़ीशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और झारखंड में भी अगले 48 घंटों तक मॉनसूनी बारिश जारी रहने की संभावना है। 48 घंटों के पश्चात विदर्भ सहित मध्य भारत के भागों में बारिश कम हो जाएगी। जबकि पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में 48 से 72 घंटों तक मॉनसूनी बौछारें जारी रहने का अनुमान है।

 

Image Credit: pinterest.com

 






For accurate weather forecast and updates, download Skymet Weather (Android App | iOS App) App.

Other Latest Stories







latest news

Skymet weather

Download the Skymet App

Our app is available for download so give it a try