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[Hindi] अगले दो सप्ताह तक कमजोर रहेगा मॉनसून, जलाशयों में घटते जलस्तर से कृषि के लिए चिंता का समय-जतिन सिंह, एमडी-स्काइमेट

June 24, 2019 1:12 PM |

Paddy sowing NYDailyNews 1200

भारत में बारिश में कमी के आंकड़ों में सुधार देखने को मिला। 23 जून को बारिश सामान्य से 38 फ़ीसदी कम के स्तर पर पहुँच गई जो एक सप्ताह पहले 43% पर थी। भारत में इस समय मौसम का ठीक वैसी ही प्रदर्शन देखने को मिल रहा है जैसा कि हमने अनुमान लगाया था।

मॉनसून पिछले तीन-चार दिनों के दौरान तेज़ी से आगे बढ़ा है और कल यानी 23 जून को  लगातार चौथे दिन मॉनसून की उत्तरी सीमा यानी एनएलएम में प्रगति देखने को मिली। मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय रत्नागिरी, अहमदनगर, नागपुर, पेंड्रा रोड, वाराणसी और बहराइच होकर गुजर रही है।

Progress Of Monsoon

हमारा अनुमान है कि अगले दो-तीन दिनों में मॉनसून इसी तरह आगे बढ़ेगा और मुंबई सहित समूचे महाराष्ट्र को कवर कर लेगा। साथ ही छत्तीसगढ़ में भी आगे बढ़ जाएगा और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ और हिस्सों में मॉनसून आगे बढ़ेगा। मॉनसून में इस प्रगति को देखते हुए मध्य भारत के भागों खासकर महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और गुजरात में बारिश बढ़ने की संभावना है।

इसके अलावा दक्षिण भारत में तटीय कर्नाटक, आंतरिक कर्नाटक और इससे सटे उत्तरी तेलंगाना में बारिश बढ़ेगी। पूर्वी भारत में बिहार और उत्तरी पश्चिम बंगाल में अगले 24 से 48 घंटे तक अच्छी वर्षा जारी रहने की संभावना है। स्काइमेट ने पहले ही कहा था कि 21 जून से 30 जून मॉनसून के लिहाज से काफी अच्छा समय होगा और ऐसा ही मौसम अब तक देखने को मिला है।

मॉनसून की आगे बढ़ने की रफ्तार और इसके प्रदर्शन को देखते हुए दक्षिण, मध्य और पूर्वी भारत के भागों में बुआई का काम करने का यह अच्छा समय है। इन क्षेत्रों में मिट्टी में नमी के स्तर में सुधार देखने को मिल रहा है। नीचे दिए गए मैप में मिट्टी में नमी का स्तर देख सकते हैं।

आने वाले दिनों में भारत के ज्यादातर भागों में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आर्द्र हवाएं आती रहेंगी जिसके कारण मिट्टी की नमी में और सुधार होगा। नीचे दिए गए चित्र में आप देख सकते हैं कि 31 मई से 17 जून के बीच नमी के स्तर में किस तरह से बदलाव हुआ है। मैप में नीला रंग बढ़ती नमी को दर्शा रहा है।

soil moisture in India soil moisture in India

जलाशयों में कम अभी भी कम है जल का स्तर

हालांकि अब तक मॉनसून का कुल प्रदर्शन देश भर में काफी निराशाजनक रहा है और बारिश में कमी से चिंता बढ़ी है। मध्य भारत में जहां पर खेती का बड़ा हिस्सा मॉनसून वर्षा पर निर्भर करता है, वहां मॉनसून में बारिश अब तक 50% कम हुई है। मध्य भारत के क्षेत्रों में जलाशयों की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है। क्षेत्र में कुल 12 जलाशयों में से 10 जलाशयों में दीर्घावधि औसत से भी 40% कम कम पानी उपलब्ध है। यही स्थिति उत्तर, पश्चिम और पूर्वी भारत में भी है।

खराब मॉनसून वर्षा के कारण देश में जलाशयों की स्थिति की गंभीरता नीचे दिए गए टेबल में आप समझ सकते हैं:

situation of the reservoirs in the country

जलाशयों में पानी की वर्तमान स्थिति उन क्षेत्रों के लिए सबसे ज्यादा गंभीर चिंता का कारण है जहां पर खेती का काम पूरी तरह मॉनसून वर्षा पर निर्भर है। हालांकि अगले दो-तीन दिनों के दौरान मध्य पूर्वी और दक्षिण भारत के भागों में अच्छी वर्षा की संभावना है। जिसके कारण हम उम्मीद कर सकते हैं कि ज्यादातर जलाशयों में पानी के स्तर में सुधार देखने को मिलेगा।

हम एक बार फिर से बता दें कि खरीफ फसलों खासकर सोयाबीन, धान और कपास की बुवाई का यह सबसे अच्छा समय है, अगर अब तक आपने खेती शुरू नहीं की है तो देर न करें।

दूसरी ओर मुंबई में 25 जून के आसपास से निरंतर बारिश का सिलसिला शुरू होगा। इस सप्ताह लगातार बारिश जारी रहेगी। देश की आर्थिक राजधानी में जहां भी जल संकट का सामना लोगों को करना पड़ रहा है, आगामी बारिश से इससे निपटने में मदद करेगी। यही नहीं एक दो बार भीषण वर्षा की भी आशंका है।

चेन्नई में अगले 2 सप्ताह तक व्यापक वर्षा के आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। क्योंकि चेन्नई इस समय पानी के संकट से जूझ रहा है।

Image credit: NYDailyNews

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