पूरे दिल्ली क्षेत्र में रात का न्यूनतम तापमान बढ़ गया है। तापमान सामान्य या सामान्य से थोड़ा कम दर्ज किया गया है। सफदरजंग बेस स्टेशन पर न्यूनतम तापमान 9°C दर्ज किया गया है, जो कल 12 दिसंबर के न्यूनतम तापमान 4.5°C के मुकाबले लगभग दोगुना है। कल 12 दिसंबर के सबसे ठंडे स्थान अयानगर और पूसा में न्यूनतम तापमान बढ़कर 6.4°C और 9.9°C दर्ज हुआ है। वहीं, क्षेत्र में सबसे कम तापमान पालम हवाई अड्डा वेधशाला में 6.3°C रहा। फिलहाल, दिल्ली/एनसीआर में शीतलहर की स्थिति कम होती दिख रही है।
दिसंबर में 5 डिग्री से कम तापमान: वैसे तो दिल्ली में दिसंबर के दूसरे पखवाड़े(आखिरी के 15 दिन) में ज्यादातर न्यूनतम तापमान पांच डिग्री से कम दर्ज किया जाता है। गौरतलब है, 06 दिसंबर 1987 की बात है जब दिसंबर के पहले सप्ताह में सबसे कम तापमान 4.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। वहीं, पिछले तीन दशकों का सबसे कम तापमान 30 दिसंबर 2013 और 28 दिसंबर 2019 को 2.4°C रिकॉर्ड किया गया। था। इस बार तापमान असामान्य रूप से दिसंबर के दूसरे सप्ताह में ही 5°C से नीचे चला गया।
तापमान कम होने का कारण: जिसका मुख्य कारण हिमाचल प्रदेश में शुरू हुई बर्फबारी है। बता दें, इस सीजन में हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी ने पिछले 12 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। शिमला, मनाली और आसपास के इलाकों में 08 दिसंबर 2024 को अच्छी बर्फबारी हुई थी, जो इस क्षेत्रों में काफी पहले हो गई थी। इस बर्फबारी के बाद दिल्ली समेत उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में तापमान गिर गया।
पंजाब और हरियाणा में कम तापमान: पंजाब और हरियाणा के कुछ स्थानों पर अभी भी पांच डिग्री से कम तापमान बना हुआ है। अमृतसर, पठानकोट, जालंधर, भटिंडा, नारनौल और हिसार में न्यूनतम तापमान 5°C से कम दर्ज किया गया। आज सुबह हिसार का तापमान 1.7°C तक गिर गया, जो लगातार दूसरे दिन 2°C से कम दर्ज किया गया।
आगे के दिनों में तापमान का अनुमान: उत्तर भारत के पहाड़ों से पश्चिमी विक्षोभ गुजर चुका है। इन मौसम प्रणालियों के गुजरने के बाद आमतौर पर मैदानी इलाकों, खासकर दिल्ली में रात के तापमान में गिरावट होती है। हालांकि, उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में एक हल्का चक्रवातीय प्रभाव बना हुआ है। साथ ही मौसमी एंटीसाइक्लोन थोड़ा पूर्व की ओर खिसक रहा है। इस वजह से दिल्ली में अगले 3-4 दिनों तक तापमान 7°C से नीचे गिरने की संभावना नहीं है। इसलिए, दिल्ली/एनसीआर में फिलहाल शीतलहर का कोई प्रभाव नहीं रहेगा, लेकिन दिसंबर के दूसरे भाग में यह फिर से शुरू हो सकती है।