चक्रवात 'फेंगल' की रफ्तार थमी, डिप्रेशन के रूप में तट पार करने की संभावना

November 29, 2024 3:30 PM|
तमिलनाडु का मरीना बीच, फोटो: PTI

दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरा दबाव कल 28 नवंबर को एक तूफान में बदलने के लिए संघर्ष कर रहा था। हालाँकि, यह मौसम प्रणाली बहुत सी बाधाओं से जूझ रही थी और प्रतिकूल परिस्थितियों के सामने नहीं टिक सकी और कमजोर हो गई। यह गहरा अवसाद( डीप डिप्रेशन) आज देर रात तक अपनी तीव्रता बरकरार रख सकता है, लेकिन बाद में इसका स्तर कम होने की संभावना है। पूरी उम्मीद है यह कल 30 नवंबर की सुबह किसी भी समय यह मौसम प्रणाली डिप्रेशन के रूप में तमिलनाडु तट को पार करेगी।

चक्रवात फेंजल, सैटेलाइन इमेज

वर्तमान स्थिति और आगे की चाल: यह गहरा दबाव वर्तमान में 10.5°N और 82.6°E पर दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी में स्थित है, जो श्रीलंका के उत्तर-पूर्वी तट के पास है। यह नागपट्टिनम के पूर्व में लगभग 300 किमी और चेन्नई के दक्षिण-पूर्व में करीब 400 किमी की दूरी पर स्थित है। यह धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ेगा और कल 30 नवंबर की सुबह तट के करीब पहुंचने की संभावना है। यह प्रणाली ऐसी सीमांत परिस्थितियों में है जो इसकी तीव्रता को और बढ़ाने के लिए अनुकूल नहीं है।

समुद्रीऔरपर्यावरणीयप्रभाव: हालांकि, समुद्र की सतह का तापमान अभी भी अनुकूल (28°-29°C) बना हआ है, लेकिन, जैसे-जैसे यह गहरा दबाव तट के करीब पहुंचेगा, कमजोर होने लगेगा। ट्रॉपिकल स्टॉर्म हीट पोटेंशियल (Tropical Storm Heat Potential) भी 50 KJ/sq cm से कम हो रही है। इसके अलावा, ऊर्ध्वाधर पवन कतरनी (Vertical Wind Shear) अधिक है, जो सतह के तापमान के अनुकूल प्रभाव को संतुलित कर रही है। इस प्रणाली के बने रहने और विकसित होने के लिए पूरे तूफानी स्तंभ (Storm Column) का एकसमान रहना आवश्यक है। यदि पवन क्षेत्र में असंतुलन होता है, तो यह प्रणाली की तीव्रता के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

तमिलनाडु तट पर संभावित प्रभाव: यह गहरा दबाव कल 30 नवंबर की सुबह के शुरुआती घंटों में तमिलनाडु तट के करीब आ सकता है। हालांकि, यह एक मजबूत दबाव प्रणाली बना रहेगा, जिसमें तीव्र संवहनीय बादल (Convective Clouds) और तेज़ हवाएं होंगी। यह प्रणाली पुदुचेरी-कारैकल के पास तट को पार कर सकती है और जमीन पर कमजोर हो जाएगी। पुदुचेरी, कारैकल, नागपट्टिनम, कुड्डालोर और टोंडी जैसे तटीय क्षेत्र खराब मौसम की स्थिति से प्रभावित हो सकते हैं। तेज़ हवाओं और लगातार भारी बारिश का संयोजन इन क्षेत्रों के लिए सबसे खतरनाक साबित हो सकता है।

चेन्नईऔरअन्यप्रभावितक्षेत्र: तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई इस प्रणाली के बाहरी परिधीय क्षेत्र में स्थित रहेगी, लेकिन महाबलीपुरम, कांचीपुरम, तांबरम, मीनाम्बक्कम और नुंगम्बक्कम जैसे स्थानों पर भी खराब मौसम की कुछ झलक देखने को मिलेगी। तमिलनाडु के आंतरिक हिस्सों, रायलसीमा और दक्षिणी कर्नाटक में भी मध्यम से भारी बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। कमजोर होने के बाद यह प्रणाली केरल के हिस्सों में भी बारिश कर सकती है और अरब सागर में एक निम्न दबाव क्षेत्र के रूप में प्रवेश कर सकती है।

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