सर्दी में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली में सूखे जैसे हालात, इस दिन से बरस सकते हैं बादल
Feb 13, 2025, 5:27 PM | Skymet Weather Teamजनवरी 2025 में पूरे देश में 71% की वर्षा की कमी दर्ज की गई है। हालांकि, पंजाब और हरियाणा की स्थिति थोड़ी बेहतर रही, जहां क्रमशः 59% और 35% की वर्षा की कमी रही है। फरवरी की अब तक की बेहद खराब बारिश के कारण 1 जनवरी से 13 फरवरी के बीच देशभर में वर्षा की कमी बढ़कर 73% और 57% तक पहुंच गई है। पंजाब और हरियाणा में 1 से 13 फरवरी के बीच लगभग शुष्क स्थिति बनी रही। यहां तक कि राजधानी दिल्ली में मात्र 0.5 मिमी बारिश हुई, जिसे बेहद खराब वर्षा की श्रेणी में रखा जाता है।
फरवरी में सबसे ज्यादा सर्दी की बारिश: फरवरी उत्तर भारत के राज्यों के लिए सर्दियों का सबसे ज्यादा बारिश वाला महीना माना जाता है। पंजाब और हरियाणा में इस महीने औसतन 27.1 मिमी और 20 मिमी वर्षा होती है, जबकि दिल्ली में औसतन 21.5 मिमी बारिश होती है। हालांकि, इस बार इन इलाकों में सूखे जैसे हालात बन गए हैं। राहत की एकमात्र उम्मीद अगले सप्ताह संभावित वर्षा का दौर है। आने वाला दौर बारिश की कमी को पूरी तरह संतुलित नहीं कर पाएगा, लेकिन इस मौसम के लिए यह बारिश किसी संजीवनी से कम नहीं होगी।
क्या है वर्षा की कमी का कारण: अब तक जितने भी पश्चिमी विक्षोभ आए, वे ज्यादातर पहाड़ी क्षेत्रों तक ही सीमित रहे। ये सिस्टम अक्सर सक्रिय तो रहे लेकिन कमजोर साबित हुए, जिससे पहाड़ों में भी बारिश और बर्फबारी में भारी कमी दर्ज की गई। अब अगले सप्ताह एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है, जो 17 से 20 फरवरी के बीच पहाड़ों में बारिश और बर्फबारी लाएगा। इसके साथ ही मैदानी इलाकों में भी एक चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है, जिससे पूरे उत्तर भारत में हल्की से मध्यम बारिश का दौर चलेगा।
उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में बारिश: 17 से 20 फरवरी 2025 के बीच पश्चिमी विक्षोभ और प्रेरित चक्रवात के संयुक्त प्रभाव से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में व्यापक स्तर पर बारिश होगी। इस दौरान 19 और 20 फरवरी को बारिश की तीव्रता और फैलाव सबसे ज्यादा रहेगा।
इस दिन दिल्ली और पंजाब में बारिश: पंजाब और हरियाणा के उत्तरी हिस्सों और तराई क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ बारिश होगी। वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 19-20 फरवरी को तेज बारिश देखने को मिलेगी। 20 फरवरी के बाद यह प्रणाली पश्चिमी इलाकों को छोड़ते हुए पूर्वी राज्यों की ओर बढ़ेगी।
पूर्वी भारत के सूखाग्रस्त राज्यों को राहत: अब तक बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में इस मौसम में शून्य वर्षा दर्ज की गई है, जिससे इन राज्यों में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं। 20 फरवरी के बाद पश्चिमी विक्षोभ का असर पूर्वी भारत में बढ़ेगा और इन राज्यों में भी कुछ हद तक बारिश होने की संभावना है। हालांकि, यह बारिश पूरी तरह से संपूर्ण वर्षा घाटे को पूरा नहीं कर पाएगी, लेकिन थोड़ी राहत जरूर मिलेगी।