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[Hindi] मध्य प्रदेश के उत्तरी भागों समेत आस पास के इलाकों में अगले 48 घंटों के दौरान भारी बारिश की संभावना

July 26, 2021 5:00 PM |

उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश और आसपास के इलाकों पर निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इससे पहले, यह निम्न का दबाव क्षेत्र 22 जुलाई को बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ था और ओडिशा, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश के भागों पर पहुंच गया था। इस सिस्टम के चलते पिछले 3-4 दिनों में तेलंगाना, विदर्भ, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ हिस्सों को प्रभावित किया है। कोंकण क्षेत्र के तटीय इलाकों के आसपास भी भारी से बहुत भारी बारिश हुई। जिसके परिणामस्वरूप रायगढ़ और रत्नागिरी में भूस्खलन की घटनायें हुई हैं। सांगली, सतारा और कोल्हापुर जिलों में अत्यधिक भारी बारिश के कारण सड़कें और पुल जलमग्न हो गए। मौसम की इन घटनाओं को वजह से महाराष्ट्र में 149 लोगों और 3000 से अधिक मवेशियों की जान चली गई और संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ। हालांकि, इस क्षेत्र में बारिश कम हो गई है, लेकिन अब भी बाढ़ का पानी कम होने का इंतजार है। अगले 2 से 3 दिनों तक भारी बारिश होने के आसार नहीं हैं जिससे राहत व बचाव कार्य सुचारू रूप से चलता रहेगा।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, निम्न दबाव के क्षेत्र के बचे हुए हिस्से अब उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश पर स्थित हैं और क्षोभमंडल स्तर तक एक चक्रवाती हवाओ का क्षेत्र भी बना हुआ है। अगले 24 घंटों में, यह मौसमी सिस्टम उत्तर प्रदेश तक पहुंच जाएगी।

इन मौसमी सिस्टमों के कारण मध्य प्रदेश के श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, राजस्थान के अलवर, धौलपुर, दौसा, जयपुर, और हरियाणा के कुछ हिस्सों जैसे रोहतक, रेवाड़ी, पलवल, मेवात और आसपास के हिस्सों में गरज के साथ भारी बारिश होने के आसार हैं। वहीं, बाद में आगरा, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, अलीगढ़, एटा, बदायूं, शाहजहांपुर, बरेली, हरदोई, सीतापुर सहित पश्चिम और मध्य उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में और कानपुर, इलाहाबाद और लखनऊ तक भी वर्षा होने की प्रबल संभावना है।

उत्तर प्रदेश पर बना यह कमजोर निम्न दबाव का क्षेत्र कम प्रभावी होते हुए मानसून की ट्रफ रेखा को सामान्य स्थिति से थोड़ा उत्तर में ले जाएगा। इस कमजोर मौसमी सिस्टम के अलावा, 27-28 जुलाई को बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्सों और बांग्लादेश पर एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। यह दोनों मौसमी सिस्टम, मिलकर सप्ताह के बाकी दिनों में गंगीय मैदानी इलाकों में बारिश की गतिविधियों को बढ़ाएंगे। वहीं, इस दौरान बिहार, झारखंड, उत्तरी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की संभावना है।






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