Skymet weather

[Hindi] दिल्ली प्रदूषण: क्या कृत्रिम बारिश की कवायद होगी कामयाब

December 3, 2018 1:25 PM |

Delhi pollution_The Indian express 600

दिल्ली-एनसीआर के शहरों में प्रदूषण की लुकाछिपी का खेल जारी है। दो दिनों के लिए हवा साफ होती है तो 4 दिन प्रदूषण ख़तरनाक श्रेणी में पहुँच जाता है। प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार के अलावा केंद्रीय सरकार का पर्यावरण मंत्रालय प्रयास ज़रूर कर रहा है लेकिन यह सभी प्रयास अब तक ढाक के तीन पात ही साबित हुए हैं।

हालिया प्रयास के तहत केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने के लिए वह बादलों के आगमन और मौसम विभाग से मंजूरी का इंतजार कर रहा है। मंत्रालय के मुताबिक बढ़ते प्रदूषण के मद्देनज़र मध्य दिसम्बर तक राष्ट्रीय स्वच्छ हवा कार्यक्रम यानि एनसीएपी की शुरुआत किए जाने की योजना है। एनसीएपी के अंतर्गत प्रदूषण से मुक़ाबले के लिए में कई रणनीतियां बनाई जाएंगी।

दिल्ली वालों के लिए अब सर्दी का मौसम किसी आफत से कम नहीं क्योंकि अक्टूबर से जनवरी के बीच यानि चार महीनों की अवधि में प्रदूषण ख़तरनाक श्रेणी में पहुँच जाता है जिससे लोगों का सांस लेना दूभर होता है। इस प्रदूषण से राहत के प्रयासों के क्रम में जो कवायद चल रही है, उसके बारे में पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि हवा में मौजूद प्रदूषक तत्वों को दूर करने के लिए ‘क्लाउड सिडिंग’ के माध्यम से कृत्रिम बारिश कराई जा सकती है। ‘क्लाउड सिडिंग’ की प्रक्रिया में सिल्वर आयोडाइड, ड्राई आईस और टेबल सॉल्ट का इस्तेमाल होता है।

इस प्रक्रिया में बादलों का घनत्व बढ़ जाता है जिससे ना बरसने वाले बादलों को भी जबरन बरसने के लिए मजबूर किया जाता है। लेकिन स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यह सीज़न क्लाउड सीडिंग यानि कृत्रिम बारिश के अनुकूल नहीं है। क्योंकि इस दौरान आमतौर पर मध्यम और ऊंचाई वाले बादल बनते हैं जिनसे जबरन बारिश कराने की कोशिश नाकाम हो सकती है। कृत्रिम बारिश में भी कामयाबी निचले स्तर पर बनने वाले बादलों से ही मिलती है, जो फिलहाल बनाते दिखाई नहीं दे रहे हैं।

दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाज़ियाबाद और फ़रीदाबाद में इस समय उत्तर-पश्चिमी हवाओं की रफ्तार मंद हुई है। जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक फिर से कई जगहों पर 400 के करीब पहुँच गया है। अगले 24 घंटों तक हालात ऐसे ही बने रहेंगे उसके बाद हवा की गति कुछ बढ़ेगी और 48 घंटों की राहत मिलेगी। लेकिन 6 दिसम्बर से फिर से एक नया पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के पास पहुँचने वाला है, जिससे हवा मंद होगी और प्रदूषण बढ़ेगा।

हालांकि यह पश्चिमी विक्षोभ भी मैदानी इलाकों में कोई चक्रवाती क्षेत्र विकसित कराने में नाकाम रहेगा जिससे ना तो प्रकृतिक रूप से बारिश होगी और ना ही निचले स्तर के बादल बनेंगे जिनसे कृत्रिम बारिश कराई जा सके।

Image credit: New Indian Express

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।

 

 






For accurate weather forecast and updates, download Skymet Weather (Android App | iOS App) App.

Other Latest Stories







latest news

Skymet weather

Download the Skymet App

Our app is available for download so give it a try