उत्तर भारत के शहरों में हाड़ कंपाने वाली सर्दी कई दिनों से जारी है। बृहस्पतिवार, 17 दिसम्बर, 2020 को स्थितियाँ और गंभीर हुईं। कहीं-कहीं पर तापमान पानी जमने के स्तर पर पहुँच गया। राजस्थान के सीकर में आज न्यूनतम तापमान सामान्य से 5 डिग्री नीचे 0.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी तरह चुरू में 2.2 डिग्री, नाहन में 2.5 डिग्री, पिलानी में 2.5 डिग्री, नारनौल में 2.6 डिग्री सेल्सियस तापमान ने आज लोगों को काँपने को मजबूर कर दिया।
इसके अलावा उत्तर भारत के अन्य शहरों गंगानगर, बीकानेर, मेरठ, बरेली में भी न्यूनतम तापमान 4 डिग्री से नीचे ही रिकॉर्ड किया गया। इन सभी क्षेत्रों में पारा सामान्य से 5 डिग्री से भी कम दर्ज किया गया। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत उत्तर भारत के शहरों में शीतलहर का प्रकोप आगे भी बढ़ता रहेगा। दिल्ली के पालम में 4.5 डिग्री और सफदरजंग में 4.6 डिग्री तापमान रहा।
इस समय उत्तर भारत के शहरों में उत्तरी दिशा से हवाएँ आ रही हैं। यह हवाएँ पहाड़ों पर जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और लद्दाख में पिछले दिनों हुई व्यापक बर्फबारी की ठंडक अपने साथ लेकर आ रही हैं जिससे सर्दी समय से पहले ही चरम पर पहुँच गई है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 3-4 दिनों तक हवाओं की दिशा नहीं बदलेगी और रफ्तार में भी कोई परिवर्तन नहीं होगा। यानि अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, जालंधर, पठानकोट, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, अंबाला, पंचकुला, हिसार, सिरसा, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, चंडीगढ़, दिल्ली, नोएडा, गाज़ियाबाद, गुरुग्राम, फ़रीदाबाद, सीकर, चुरू, गंगानगर, बीकानेर समेत उत्तर भारत के शहरों पर बर्फ़ीली आफत कम से कम 20 दिसम्बर तक जारी रहने वाली है।
सीकर, चुरू, हिसार, अमृतसर समेत कुछ शहरों में आगामी तीन दिनों के दौरान पाला (ग्राउंड फ्रोस्ट) भी पड़ सकता है। पाला फसलों के लिए बहुत नुकसान पहुंचाने वाली मौसमी स्थिति होती है। किसानों को सुझाव है कि आलू, चने, मटर, सरसों आदि की फसलों में पहले से हल्की सिंचाई दे दें ताकि फसल नष्ट न हो।
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