
दक्षिण पश्चिम मानसून के मौसमके दौरान एक अच्छे प्रदर्शन के बाद, अक्टूबर का महीना भी बारिश के मामले में अच्छा रहा है।
हालांकि, ये बारिश कृषि क्षेत्र के लिए फायदेमंद नहीं हैं क्योंकि महाराष्ट्र के कई हिस्सों में अंगूर और कई अन्य फलों की कटाई चल रही है। 29 अक्टूबर तक, कोंकण और गोवा 134 प्रतिशत से अधिक थे, मध्य महाराष्ट्र 174 प्रतिशत , मराठवाड़ा 213 प्रतिशत और विदर्भ केवल 12 प्रतिशत की कमी वाला क्षेत्र है।
अब, उम्मीद करते हैं कि महाराष्ट्र में अगले 24 से 48 घंटों तक बारिश जारी रहेगी। विदर्भ, उत्तर मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा के कुछ हिस्सों में अगले 24 घंटों के दौरान हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिलेगी। इसके बाद विदर्भ पर बारिश कम होगी लेकिनमध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के कुछ हिस्सों मेंजारी रहेगी। जबकि कोंकण और गोवा में हल्की छिटपुट बारिश संभव है, और क्षेत्र के दक्षिणी जिलों में मध्यम बारिश होगी। पुणे में हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिलेगी जबकि नासिक में हल्की बौछारें ही पड़ सकती हैं। 31 अक्टूबर से 2 नवंबर के बीच मुंबई में भी बारिश होने वाली है।
अनुमान है की, यह बारिश 4 नवंबर तक कम हो जाएगी। तब तक छिटपुट बारिश जारी रहेगी और इन बारिश को विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। उत्तरी और उत्तर पूर्वी हवाएँ जब एक साथ मिलती है तो बंगाल की खाड़ी से नमी वाली हवाएँ दक्षिण की ओर चलती है।
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जब दो हवाएँ एक साथ मिलती है तो बादल छाए रहते है उससे बारिश की गतिविधियां बढ़ने की उम्मीद होती है।
Image credit: Hindustantimes
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