
उत्तर भारत के राज्यों में इस समय सर्दी के मौसम पर ला नीना का प्रभाव नहीं दिखाई दे रहा है। ला नीना के होने पर कड़ाके की सर्दी सर्दी के लंबे समय तक जारी रहने की संभावना होती है। इसके विपरीत फरवरी का महीना पिछले कुछ वर्षों में सबसे गर्म महीना हो सकता है। फरवरी दिल्ली सहित उत्तर भारत के लिए सर्दियों के मौसम का सबसे अधिक बारिश वाला महीना होता है जबकि इस क्षेत्र में फरवरी में बहुत कम वर्षा हुई है। इसके अलावा, दिल्ली में फरवरी महीने में अब तक एक दिन भी ऐसा नहीं रहा जब कोल्ड डे कंडीशन बनी हो या शीतलहर चली हो। सर्दियों के मौसम में देश में बारिश में 28% की कमी है।
देश के अन्य ज्वलंत मुद्दों पर बात करें तो किसान की आय को दोगुना करने के केंद्र सरकार के मिशन में बाधाएँ दिखाई दे रही हैं। इस मिशन में कोविड-19 और इसके दुष्प्रभावों को निश्चित रूप से मुख्य बाधक माना जा सकता है। हालांकि सरकार लक्ष्य तक पहुंचने को लेकर सतर्क और आशावादी है, लेकिन यह इन बाधाओं को दूर किए बिना इस मिशन को पूरा नहीं कर सकती है। आधार वर्ष के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है जब से आय दोगुनी होने की उम्मीद है। NSSO (राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय) द्वारा किसान परिवारों का आखिरी सर्वेक्षण 2013 में किया गया था। उसके बाद उनकी आय के संबंध में कोई आकलन प्रक्रिया नहीं अपनाई गई।
मुद्रास्फीति की मौजूदा दर के साथ अगर 2013 के आंकड़े की तुलना करें तो वह अब तक दोगुने हो जाने चाहिए। हालांकि, सर्वेक्षण के करने वाली समिति ने दावा किया है कि 2015-16 को आधार वर्ष माना गया है और वर्ष 2013 में जुटाये आंकड़ों में तार्किक ढंग से वृद्धि की गई है। आधार वर्ष में किसानों की प्रति वर्ष आय 97,000 रुपये से अधिक आंकी गई थी। समिति ने कहा है कि वर्ष 2022 तक किसानों की कृषि और गैर-कृषि से आय प्रतिवर्ष लगभग 2,00,000 रुपये से अधिक होनी चाहिए। स्काइमेट आशा करता है कि किसानों की आय बढ़े ताकि उनकी जीवन शैली बेहतर हो, मूलभूत सुविधाएं उन्हें मिलें और आत्महत्या के मामले शून्य पर आ जाएँ।
स्काइमेट किसानों की बेहतरी के लिए पिछले 18 वर्षों से काम कर रहा है। मौसम की जानकारी समय पर किसानों तक पहुँचने से उनकी कृषि से जुड़ी गतिविधियां आसान हो रही हैं।
फिलहाल उत्तर भारत के पहाड़ों पर तो मौसमी हलचल बढ़ गई है लेकिन मैदानी इलाकों में लोगों को इस सप्ताह भी बारिश देखने को नहीं मिलेगी। इसके अलावा मध्य भारत के भागों पर भी इस सप्ताह बेमौसम बारिश नहीं होगी। फरवरी महीने में देश में बहुत कम बारिश की संभावना है। फरवरी में पहले तीन हफ्तों में देश भर में महज़ 4.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो औसत वर्षा 16.1 मिमी से 70% कम है।
उत्तर भारत
जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड समेत पश्चिमी हिमालयी राज्यों के लिए यह एक बर्फीला सप्ताह होने वाला है। रुक-रुक कर बारिश की गतिविधियां पूरे सप्ताह में जारी रहेंगी लेकिन आखिरी दिनों में बारिश और बर्फबारी शुरुआती दिनों की तुलना में ज़्यादा होगी। जिन पश्चिमी विक्षोभों के कारण पहाड़ों पर मौसम बिगड़ेगा उनका असर मैदानी भागों के मौसम पर नहीं दिखेगा। हालांकि सप्ताह में एक या दो दिन ऐसे हो सकते हैं जब पंजाब और हरियाणा के तराई क्षेत्रों में हल्की वर्षा हो। अब उत्तर भारत में कोल्ड डे या कोल्ड वेव की आशंका फिलहाल नहीं है।
पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत
बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल समेत पूर्वी भारत के हिस्सों में इस सप्ताह कोई महत्वपूर्ण मौसमी गतिविधि की उम्मीद नहीं है। अरुणाचल प्रदेश और ऊपरी असम में 24 से 26 फरवरी के बीच हल्की बारिश हो सकती है। सप्ताह के मध्य तक तेज़ हवाएँ चलेंगी जिससे सर्दी में कुछ इजाफा रहेगा। असम घाटी सहित कई स्थानों पर घने कोहरे की संभावना है।
मध्य भारत
मध्य भारत के राज्यों में इस सप्ताह पिछले सप्ताह के विपरीत मौसम रहेगा। यानि पिछले सप्ताह जहां मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा में बारिश दर्ज की गई वहीं इस सप्ताह कोई भी मौसमी हलचल की संभावना या आशंका नहीं है। सप्ताह के मध्य से गुजरात, महाराष्ट्र और ओडिशा पर गर्मी जोर पकड़ने वाली है।
दक्षिण भारत
दक्षिण भारत के राज्यों में भी इस मध्य भारत की तरह ही पिछले सप्ताह काफी व्यापक बारिश दर्ज की गई थी। इस सप्ताह के शुरुआती एक-दो दिनों में तमिलनाडु, केरल और तटीय कर्नाटक में बादल छाए रहने और हल्की बारिश होने के आसार हैं। सप्ताह के बाकी दिन समूचे क्षेत्र में मौसम शुष्क ही रहने की संभावना है। दक्षिणी राज्यों में सप्ताह के मध्य से बढ़ते पारे के साथ गर्मी और उमस बढ़ जाएगी। प्री-मॉनसून सीज़न मार्च के पहले सप्ताह से शुरू होने की प्रतीक्षा है।
दिल्ली
दिल्ली में इस सप्ताह मौसम और गर्म हो जाएगा। ज़्यादातर दिन धूप वाले होंगे। इस साल का फरवरी महीना ऐसा रहा जब एक भी दिन शीतलहर वाले या कोल्ड डे वाले नहीं रहे। इस महीने के समापन तक राजधानी में बारिश की संभावना नहीं है। ऐसे में फरवरी महीना औसत से 80% कम वर्षा के साथ सम्पन्न होगा।
चेन्नई
सप्ताह के शुरुआती एक-दो दिनों में शहर और उपनगरों में हल्की बारिश होने की संभावना है। बाकी के दिन गर्म और उमस भरे रहेंगे। इस सप्ताह के दौरान प्री-मॉनसून गर्मी बढ़ेगी और अगले सप्ताह तक काफी तेज़ हो जाएगी। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 32 और 23 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
दिल्ली प्रदूषण
दिल्ली में पिछले सप्ताह के दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक कई जगहों पर कई बार बेहद खराब श्रेणी में पहुंचा। इसकी वजह थी अनिश्चित दिशा से चलने वाली हल्की हवाएँ। इसके अलावा सुबह के समय कोहरे के कारण भी प्रदूषक तत्व हवा में निचले स्तर पर बने रहे।
हवाओं की गति इस सप्ताह पिछले सप्ताह की तुलना में अधिक होगी जिससे प्रदूषण अपेक्षाकृत कम रहेगा। हालांकि कुछ एक दिन ऐसे भी हो सकते हैं जब वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब श्रेणी में पहुँच जाए। ऐसे में मास्क लगाना ही बेहतर उपाय है। मास्क आपको न सिर्फ कोविड से बचाएगा बल्कि प्रदूषण के दुष्प्रभावों से भी आपकी सुरक्षा करेगा।
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