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[Hindi] मॉनसून 2019 लाइव अपडेट: दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश और अंडमान-निकोबार में सक्रिय बना रहेगा मॉनसून

August 29, 2019 6:04 PM |

Monsoon 2019 Live Updates

Updated on August 29, 2019: दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश और अंडमान-निकोबार में सक्रिय बना रहेगा मॉनसून

मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय जैसलमेर, सीकर, शिवपुरी, चाईबासा, गंगीय पश्चिम बंगाल, उत्तर ओडिशा और फिर दक्षिण-पूर्व में बंगाल की खाड़ी की ओर प्रवेश कर रही है।

पिछले 24 घंटों के दौरान, पूर्वी और दक्षिणी राजस्थान और कच्छ में मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश भी रिकॉर्ड हुई है। इसके अलावा, तटीय कर्नाटक में हल्की बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी बारिश भी देखने को मिली।

अगले 24 घंटों में, दक्षिणपूर्व राजस्थान और उससे सटे पश्चिमी मध्य प्रदेश और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के हिस्सों में मॉनसून सक्रिय रहने की संभावना है। इन क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी बारिश भी हो सकती है।

मध्य प्रदेश के लिए फिलहाल कोई राहत नजर नहीं आ रही है।अगले एक सप्ताह तक राज्य में बारिश जारी रहेगी।

Updated on August 27, 2019: उज्जैन, बनासकांठा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और रतलाम में अच्छी बारिश

समुद्र तल से मानसून ट्रफ रेखा अब जैसलमेर, सवाई माधोपुर, पन्ना, कोरबा, राउरकेला, बालासोर से होकर गुजर रही है और दक्षिण-पूर्व में बंगाल की पूर्वोतर खाड़ी की ओर बढ़ रही है और समुद्र तल से 2.1 किमी ऊपर तक है।

इसके कारण सौराष्ट्र और कच्छ के अलग-थलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। इसके अलावा, राजस्थान, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गुजरात , कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल में भी अलग-थलग स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है।


Updated on August 24, 2019: मध्य प्रदेश, छतीसगढ़, ओडिशा और विदर्भ के हिस्सों में भारी बारिश का पूर्वानुमान

पश्चिमी मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में एक-दो स्थानों पर भारी से मूसलाधार बारिश की संभावना है। अगले 24 घंटों के दौरान ओडिशा, छत्तीसगढ़, विदर्भ और मध्य प्रदेश में व्यापक वर्षा के साथ एक-दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।

Updated on August 21, 2019: केरल में मॉनसून की वापसी, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में मध्यम बारिश की संभावना

ओडिशा और केरल में एक-दो स्थानों पर भारी से अति भारी वर्षा की संभावना तथा उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, तमिलनाडु, पुदुचेरी, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, लक्षद्वीप और तेलंगाना के एक-दो स्थानों पर मूसलाधार बारिश की संभावना है ।

वहीं, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, ओडिशा और झारखंड में एक-दो स्थानों पर आकाशीय बिजली के साथ गरज की आशंका है।

Updated on August 18, 2019: गंगीय पश्चिम बंगाल के भागों पर निम्न दबाव क्षेत्र के रूप में तब्दील हुआ चकरवाती हवाओं का क्षेत्र

बंगाल की उत्तरी खाड़ी पर बने चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र अब गंगीय पश्चिम बंगाल के मध्य भागों और उससे सटे झारखंड के भागों पर निम्न दबाव क्षेत्र में तेज हो गया है।

पिछले 24 घंटों के दौरान, हिमाचल प्रदेश में कई स्थानों पर गरज के साथ भारी बारिश दर्ज हुई। भारी बारिश के कारण इस क्षेत्र में संपत्ति के नुकसान के साथ दिन-प्रतिदिन के जीवन में भी भारी नुकसान पहुंचा है।

अगले 24 घंटों में, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, केरल, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, असम, हिमाचल प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और बाकी बचे पूर्वोत्तर राज्यों में कई स्थानों पर तेज़ हवाओं और गरज के साथ मध्यम बारिश होने की संभावना है।

Updated on August 17, 2019: बिहार और झारखंड में बारिश की वापसी तथा हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी

हिमाचल प्रदेश में भारी से अति भारी वर्षा के साथ एक-दो स्थानों पर अत्यंत भारी बारिश की संभावना है। इसके अलावा, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में भी एक-दो स्थानों पर भारी से मूसलाधार बारिश की उम्मीद है। जबकि, उत्तर-पूर्वी भारत में इस सप्ताहांत और अगले सप्ताह में दक्षिण दिशा से चलने वाली उमस भरी हवाओं के कारण काफी गरज के साथ व्यापक बारिश देखी जा सकती है।

Updated on August 16, 2019: हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और राजस्थान के हिस्सों में भारी बारिश भारी बारिश की संभावना

पंजाब और हिमाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा के साथ एक-दो स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है। जबकि, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, तटीय आंध्र प्रदेश और उससे सटे तमिलनाडु के हिस्सों में एक-दो स्थानों पर भारी से अति भारी वर्षा के आसार हैं ।

Updated on August 14, 2019: पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश और केरल में भारी बारिश

पूर्वी राजस्थान में कुछ स्थानों पर भारी से अति भारी वर्षा के साथ एक-दो स्थानों पर अत्यंत भारी वर्षा की संभावना है। पश्चिमी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश, केरल, तटीय कर्नाटक और गुजरात में एक-दो स्थानों पर भारी से अति भारी वर्षा की संभावना है।

इसके अलावा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश, कोंकण और गोवा, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, असम, मेघालय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भी एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा की उम्मीद है ।


Updated on August 10, 2019: केरल, तटीय कर्नाटक, गोवा, हिमाचल और उत्तराखंड के हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश का अनुमान

सौराष्ट्र और कच्छ, केरल, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में एक-दो स्थानों पर भारी से अति भारी वर्षा होने की संभावना है। इस बीच, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, लक्षद्वीप, उत्तर आंतरिक कर्नाटक, उत्तराखंड, गुजरात क्षेत्र, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा देखी जाएगी।

Updated on August 7, 2019: डीप डिप्रेशन के कारण विदर्भ, दक्षिणी मध्य प्रदेश और पश्चिमी तटीय भागों में भारी बारिश की संभावना

ओडिशा के तटीय भागों पर बंगाल की खाड़ी में एक डीप डिप्रेशन बना हुआ है। यह सिस्टम धीरे-धीरे मध्य भारत के भागों पर आएगा। इसके चलते ओडिशा से लेकर, छत्तीसगढ़, दक्षिणी मध्य प्रदेश, विदर्भ, तेलंगाना, दक्षिणी कोंकण व गोवा और गुजरात सहित तटीय कर्नाटक और उत्तरी केरल के हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश की संभावना है।

पश्चिमी तटों पर मुंबई के दक्षिण से केरल तक मॉनसून सक्रिय रहेगा । हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी अगले दो-तीन दिनों के दौरान होगी अच्छी मॉनसून वर्षा होगी । हालांकि इस दौरान, दिल्ली में शुष्क मौसम रहने के आसार हैं।

इस बीच, दक्षिणी गुजरात और उससे सटे उत्तरी कोंकण व गोवा के हिस्सों में सक्रिय मानसून की स्थिति के कारण हल्की बारिश के साथ एक-दो जगहों पर भारी बारिश हो सकती है।

दक्षिण पश्चिम मॉनसून पिछले कई दिनों से देश के पश्चिमी तटों पर खासकर महाराष्ट्र और कर्नाटक के तटीय इलाकों पर व्यापक रूप में सक्रिय था। महाराष्ट्र के तटों पर पिछले दो-तीन दिनों में अथाह बारिश हुई है। अब स्थितियां बदलने वाली हैं क्योंकि ट्रफ केरल के करीब पहुँच रही है। दक्षिण भारत में केरल और कर्नाटक के अधिकांश शहरों में बारिश तेज़ होने की संभावना है।

दूसरी ओर मॉनसून की अक्षीय रेखा, जो इस समय राजस्थान से मध्य प्रदेश होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। यह ट्रफ धीरे-धीरे उत्तरी दिशा में आएगी जिससे उत्तर भारत में मॉनसून की हलचल बढ़ेगी। उम्मीद है कि दिल्ली, हरियाणा, उत्तर-पूर्वी राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान अच्छी बारिश देखने को मिलेगी।

उत्तराखंड में भी अच्छी वर्षा के आसार हैं। हिमाचल प्रदेश और पंजाब के तराई वाले शहरों में कुछ स्थानों पर बारिश की उम्मीद है। मध्य भारत में भी मॉनसून की सक्रियता बढ़ेगी क्योंकि बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हो रहा है। इसके प्रभाव से ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड से लेकर महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के अधिकांश इलाकों में बारिश देखने को मिलेगी। उत्तर प्रदेश और बिहार में भी मौसम बदलेगा।

Updated on August 2, 2019: मुंबई, राजस्थान, गोवा और कोंकण के हिस्सों में मध्यम से भारी मॉनसूनी बारिश की उम्मीद

जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में लगातार बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा को 4 अगस्त तक रोक दिया गया है। संभावना है कि कल यानि 3 अगस्त को देश की उत्तरी पहाड़ी इलाकों में मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश भी देखी जा सकती है। अगले 24 घंटों के दौरान कोंकण, गोवा, मुंबई, पूर्वी राजस्थान और मध्य महाराष्ट्र में भारी बारिश होने की उम्मीद है।

Updated on August 1, 2019: गुजरात, कोंकण, गोवा तथा उत्तरी तटीय कर्नाटक में अच्छे मॉनसूनी बारिश की संभावना

गुजरात क्षेत्र, कोंकण व गोवा, कर्नाटक के उत्तरी तट, पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्से, उत्तरी छत्तीसगढ़ और उससे सटे पूर्वी मध्य प्रदेश के भागों में मॉनसून के सक्रीय बने रहने के कारण के कारण इन क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।

Updated on July 31, 2019: अलवर, टोंक, गुणा और सागर में मध्यम मॉनसूनी बारिश की उम्मीद

मॉनसून कोंकण व गोवा, उत्तरी तटीय कर्नाटक, उत्तर-पश्चिमी राजस्थान और उससे सटे पंजाब और हरियाणा के भागों तथा दक्षिण पूर्व राजस्थान में सक्रिय होगा।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले कुछ दिनों में वित्तीय राजधानी, मुंबई में बारिश की गतिविधियां थोड़ी कम होंगी और भारी बारिश की उम्मीद नहीं है।

Updated on July 29, 2019: मध्य प्रदेश, उदयपुर, गंजम और गजापति में अच्छी मॉनसूनी वर्षा की उम्मीद

छत्तीसगढ़ के एक-दो स्थानों पर भारी से अति भारी यानि मूसलाधार वर्षा देखी जा सकती है। इसके अलावा तटीय कर्नाटक, कोंकण और गोवा, दक्षिण ओडिशा, राजस्थान के पूर्वी भागों में भ्ही भारी वर्षा की संभावना है।

हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा के उत्तरी जिलों, असम, मेघालय और नागालैंड के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है।

241 मिलिमीटर के साथ सबसे अधिक वर्षा महाराष्ट्र के महाबलेश्वर में रिकॉर्ड की गई। उसके बाद जगदलपुर में 202 मिलिमीटर, पूरी में 160 मिलिमीटर, जोधपुर में 117 मिलिमीटर और खंडवा में 99 मिलिमीटर बारिश दर्ज की गई।

Updated on July 28, 2019: राजस्थान, मध्य प्रदेश, कोंकण, गोवा और मुंबई में जारी हुआ रेड अलर्ट

राजस्थान, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश और गरज के साथ प्रचंड मॉनसून की स्थिति ने तटीय महाराष्ट्र को अलग थलग कर दिया है। ये हालात मॉनसून ट्रफ के कारण थे, जो बीकानेर, जयपुर, ग्वालियर और सतना में बढ़ रहा है। इसके साथ ही उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश और उससे सटे पूर्वी राजस्थान पर एक चक्रवाती सर्कुलेशन भी बना हुआ है।

शनिवार को सुबह 8:30 बजे से 24 घंटों के दौरान बूंदी में 264 मिमी, कोटा 152 मिमी, भोपाल 121 मिमी, होशंगाबाद 106 मिमी बारिश हुई।

मुंबई में भी बारिश जारी रही, जिससे शहर का अधिकांश हिस्सा जलमग्न हो गया। हालांकि शनिवार को कुछ राहत देखी गई थी, लेकिन सोमवार से शहर में भारी बारिश होने की संभावना है क्योंकि मॉनसून की भारी बारिश के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है।

इसके मद्देनजर, राजस्थान और कोंकण और गोवा क्षेत्र में मुंबई, और गुजरात और मध्य प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट खत्म हो गया है। हम इन सभी क्षेत्रों में बहुत भारी से बहुत भारी बारिश की उम्मीद कर रहे हैं।

Updated on July 27, 2019: कोंकण, गोवा, राजस्थान और गुजरात में भारी बारिश के आसार

ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण, गुजरात और राजस्थान में अगले 2 दिनों के दौरान भारी से अति भारी बारिश होने के आसार हैं।

इसके अलावा कोंकण, पूर्वी राजस्थान और गुजरात में अगले 2 से 3 दिनों के दौरान बेहद भारी बारिश होने की संभावना है।

Updated on July 26, 2019: मध्य प्रदेश, दक्षिणी कोंकण और तटीय कर्नाटक पर होगी अच्छी बारिश

मध्य प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, दक्षिणी कोंकण-गोवा और इससे लगे हुए उत्तरी तटीय कर्नाटक, दक्षिणी छत्तीसगढ़ और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश के भागों में मॉनसून के सक्रिय बने रहने के साथ मध्यम बारिश होने की संभावना है।

वहीं पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तरी प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, दक्षिणी बिहार, दक्षिणी गुजरात, उत्तरी कोंकण-गोवा के इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ मॉनसून के सामान्य बने रहने की संभावना है।

Updated on July 24, 2019: हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल में भारी बारिश के आसार

मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश से होते हुए पूर्वी तथा पूर्वोत्तर भारत तक बनी हुई है। इस रेखा के आसपास वाले इलाकों के साथ-साथ देश के पश्चिमी तटीय भागों और मध्य भारत में भी मॉनसून अगले 48 घंटों तक सक्रिय रहेगा और अच्छी बारिश दर्ज की जाएगी।

जिन भागों में अच्छी बारिश होगी उनमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओड़ीशा भी शामिल हैं। पूर्वोत्तर राज्यों में भी अच्छी बारिश होगी। साथ ही छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी अच्छी बारिश अगले दो दिनों तक देखने को मिलेगी।

पश्चिमी तटों पर मुंबई सहित महाराष्ट्र के तटीय इलाकों और तटीय कर्नाटक में अच्छी वर्षा के आसार हैं। महाराष्ट्र के विदर्भ, मराठवाड़ा और गुजरात में हल्की से मध्यम मॉनसून वर्षा होगी।

उत्तर भारत के पहाड़ों पर भी मॉनसून प्रभावी है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में अच्छी बारिश होने की संभावना है।

Updated on July 23, 2019: पूर्वोत्तर भारत, बिहार और उत्तर प्रदेश में अगले 24 घंटों में भारी बारिश के आसार

असम, मेघालय, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम सहित बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाकों में मॉनसून जोरदार बना रह सकता है।

कोंकण-गोवा और तटीय कर्नाटक में मॉनसून के सक्रिय बने रहने की संभावना है।

जबकि जम्मू-कश्मीर, आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के इलाकों समेत पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में में मॉनसून में कमी देखने को मिल सकती है।

Updated on July 21, 2019: केरल और तटीय कर्नाटक में बेहद भारी मॉनसूनी बारिश की उम्मीद

दक्षिण पश्चिम मॉनसून के अगले 24 घंटों के दौरान केरल, तटीय कर्नाटक, दक्षिणी आंतरिक कोंकण तट, रायलसीमा, तमिलनाडु, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम के निचले हिस्से और मेघालय के हिस्सों में जोरदार बने रहने की उम्मीद है।

जिसके कारण केरल, तटीय कर्नाटक, दक्षिणी कोंकण तट, सिक्किम, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, असम के निचले भागों, मेघालय और रायलसीमा के अधिकांश जगहों पर भारी से मूसलाधार बारिश जबकि एक-दो स्थानों पर बेहद भारी बारिश होने की संभावना है।

इस दौरान, करवर, होनावर, शिराली, मंगलुरु, कासरगोड, कन्नूर, कोझीकोड, कोच्चि, त्रिशूर, करिपुर, कोल्लम, और तिरुवनंतपुरम जैसे स्थानों पर भारी मॉनसूनी वर्षा देखने को मिलेगा।

Updated on July 20, 2019: केरल और तटीय कर्नाटक में भारी बारिश से बाढ़ की संभावना

केरल और कर्नाटक पर चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के साथ एक ट्रफ रेखा भी फैली हुई है। इससे कर्नाटक और केरल के तटीय इलाकों में भारी से बेहद भारी वर्षा होने के आसार हैं। वहीं आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु के इलाकों में भी हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
इस दौरान, करवार, होनवार, मैंगलुरु, कासरगोड, कोझिकोड, कोच्ची, थ्रिस्सूर, करीपुर, कोल्लम और तिरुवनंतपुरम में भी मॉनसूनी बारिश देखने को मिल सकती है।

Updated on July 19, 2019: बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मॉनसूनी वर्षा के आसार

मॉनसून, आज यानि 19 जुलाई को आखिरकार अपने अंतिम पड़ाव तक पहुंच गया। मॉनसून ने इस साल पूरे देश को 4 दिनों की देरी से कवर किया है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान, उत्तरी भारत के पहाड़ी राज्यों में बारिश की तीव्रता बढ़ने के आसार हैं।

इसके अलावा बिहार और उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में एक बार फिर से बेहद भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं केरल में भी बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी।

Updated on July 18, 2019: मॉनसूनी वर्षा से केरल में बाढ़ की संभावना

मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय बाड़मेर, जोधपुर, चूरू, हनुमानगढ़ और श्री गंगानगर से होते हुए गुजर रही है।

कर्नाटक से केरल तक फैले पश्चिमी तटीय इलाकों पर एक मॉनसून ट्रफ फैली हुई है तथा इसके साथ ही एक निम्न दबाव क्षेत्र बंगाल की खाड़ी पर बना हुआ है।

इसके कारण केरल में मूसलाधार बारिश होने की संभावना है। जिसके चलते यहां के अधिकांश इलाकों में बाढ़ की समस्या देखने को मिल सकती है।

Updated on July 17, 2019: मॉनसून ने पंजाब और हरियाणा समेत पश्चिमी राजस्थान के अन्य इलाकों में भी दी दस्तक

मॉनसून ने पंजाब और हरियाणा के अन्य हिस्सों समेत पश्चिमी राजस्थान के भी इलाकों में दस्तक दे दी है।

इस समय, मॉनसून की उत्तरी सीमा बाड़मेर, जोधपुर, चूरू, हनुमानगढ़ और गंगानगर से होते हुए गुजर रही है।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 48 घंटों में बंगाल की खाड़ी और इससे सटे तटीय ओडिशा और गंगीय पश्चिम बंगाल पर बने एक चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के कारण तटीय ओडिशा और आस-पास के इलाकों पर एक निम्न दबाव क्षेत्र बनने के आसार हैं।

इसके कारण केरल और इससे सटे तमिलनाडु तथा कर्नाटक को 18 से 20 जुलाई के बीच बेहद भारी बारिश होने की संभावना है।

Updated on July 16, 2019: मॉनसून हुआ हिमालय के तराई क्षेत्रों और पश्चिमी तटीय इलाकों तक सीमित

दक्षिणी कोंकण-गोवा, केरल, पंजाब के तराई क्षेत्र और उत्तर प्रदेश में मॉनसून सक्रिय रहने के साथ मध्यम से भारी बारिश देखने को मिली है। इसके अलावा पूर्वोत्तर भारत के असम और अरुणाचल प्रदेश समेत अन्य इलाकों में भी भारी बारिश हुई है।

हालांकि मध्य प्रदेश, आंतरिक महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात में निम्न मॉनसून की स्थितियां बनी रही। इस दौरान कहीं-कहीं बारिश देखने को मिली है।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, तराई क्षेत्रों के करीब एक ट्रफ रेखा फैली हुई है। इससे पंजाब और उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में बारिश हो सकती है। तथा अगले 2 से 3 दिनों में दिल्ली में हल्की बारिश होने के आसार हैं तथा अगले कुछ दिनों तक मौसम की स्थितियां ऐसी ही बने रहने की संभावना है।

Updated on July 15, 2019: बिहार, झारखंड, ओड़ीशा, छत्तीसगढ़ में मॉनसून कमजोर, पश्चिमी राजस्थान में अभी तक नहीं दी दस्तक 

पिछले 24 घंटों के दौरान, मॉनसून जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश, दक्षिण कोंकण व गोवा, उत्तरी तटीय कर्नाटक, उत्तरी केरल, लक्षद्वीप और अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह पर सक्रिय बना रहा। वहीं बाकी बचे पूर्वोत्तर भारत, तमिलनाडू और तटीय आंध्र प्रदेश के लिए मॉनसून के स्थिति सामान्य रहीं।

126 मिलिमीटर के साथ, सबसे अधिक वर्षा असम के मज़बात में रिकॉर्ड की गई। उसके बाद कन्नूर में 105 मिलिमीटर, पासीघाट में 91 मिलिमीटर, कार निकोबार में 90 मिलिमीटर और पटियाला में 89 मिलिमीटर बारिश दर्ज की गई।

दूसरी ओर, बिहार, झारखंड, ओड़ीशा, छत्तीसगढ़, उत्तरी कोंकण व गोवा, गुजरात, तेलंगाना और बाकी बचे भारत में मॉनसून कमजोर बना रहा। पश्चिमी राजस्थान में मॉनसून ने अभी तक दस्तक नहीं दी है।

मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय राजस्थान में बाड़मेर, जोधपुर, चुरू, पंजाब में फिरोजपुर से होकर गुज़र रही है।

Updated on July 14, 2019: उत्तराखंड, असम और मेघालय में भारी से मूसलाधार बारिश की संभावना

अगले 24 घंटों के दौरान, हरियाणा के उत्तरी भागों सहित उत्तरी पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मेघालय, सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश, तटीय कर्नाटक, दक्षिण कोंकण तट के हिस्सों में मॉनसून के सक्रीय से जोरदार होने की संभावना है।

पिछले 24 घंटों में, पश्चिम बंगाल का जलपाईगुड़ी शहर 204 मिमी वर्षा के साथ भारत में सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान रहा, इसके बाद अगरतला में 119 मिमी, विजयवाड़ा में 119 मिमी, कूच बिहार में 111 मिमी और सिलिगुड़ी में 105 मिमी बारिश दर्ज की गयी।

Updated on July 13, 2019: बिहार, असम, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भारी बारिश

पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तरी बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, दक्षिणी महाराष्ट्र और उत्तरी कर्नाटक समेत पूर्वोत्तर राज्योंसमेत तटीय कर्नाटक और दक्षिणी कोंकण में मॉनसून जोरदार बना रहा।

बीते 24 घंटों में कूच बिहार में 197 मिलीमीटर, जलपाईगुड़ी में 155 मिलीमीटर और चेरापूंजी में 150 मिमी, पासीघाट में 120 मिमी तथा गोरखपुर में 117 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी।

Updated on July 11, 2019: पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, असम और मेघालय में मॉनसून के जोरदार प्रदर्शन के कारण हो रही मूसलाधार बारिश

मेघालय और उत्तर प्रदेश के हिस्सों में बीते 24 घंटों में मॉनसून का जोरदार प्रदर्शन रहने के कारण भारी से मूसलाधार बारिश दर्ज की गई। कई शहरों में बारिश के तीन अंकों वाले आंकड़ें भी रिकॉर्ड हुए हैं।

बुधवार सुबह 8:30 बजे से पिछले 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 122 मिमी, बरेली में 112 मिमी, बहराइच में 105 मिमी, शाहजहांपुर में 101 मिमी, वाराणसी में 104 मिमी, पासीघाट में 125 मिमी और बिहार के छपरा में 123 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।

बारिश की तीव्रता में हुई बढ़ोत्तरी का मुख्य कारण है मॉनसून ट्रफ का हिमालय के तराई वाले भागों की ओर बढ़ना। इसके कारण ही कई जगहों पर भारी बारिश हो रही है।

अगले 24 घंटों के दौरान, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, असम और मेघालय में भारी से मूसलाधार मॉनसून बारिश जारी रहने की उम्मीद है। जिसकी कारण कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात भी पैदा हो सकते हैं।

Updated on July 10, 2019: जोरदार मॉनसून के कारण बिहार, उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश आगे भी जारी रहेगी

उत्तर प्रदेश, बिहार और पूर्वोत्तर भारत में पिछले 24 घंटों में मॉनसून के जोरदार स्थिति में रहने के कारण मूसलाधार बारिश रिकॉर्ड की गई। इस भारी बारिश के कारण इन राज्यों के कई इलाकों में बाढ़ जैसी हालात पैदा हो रहे हैं।

मंगलवार सुबह 8:30 बजे से पिछले 24 घंटों में बहराइच में 202 मिमी, गोरखपुर में 114 मिमी, भागलपुर में 102 मिमी, पासीघाट में 112 मिमी और असम के नॉर्थ लखीमपुर में 105 मिमी बारिश दर्ज की गई।

इस समय, उत्तर प्रदेश में एक चिन्हित निम्न दवाब क्षेत्र बना हुआ है तथा इस मौसम प्रणाली से एक ट्रफ रेखा पूर्वोत्तर भारत तक फैली हुई है। इन्हीं दोनों सिस्टमों के कारण इस क्षेत्र में मॉनसून की स्थिति जोरदार बनी हुई है।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि, अगले 24-48 घंटों के दौरान भारी से मूसलाधार बारिश होने की संभावना है। इस समय असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, उत्तर प्रदेश और बिहार के हिस्सों में भारी बारिश के कारण बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी गयी है।

Updated on July 09, 2019: चुरू और कपूरथला तक पहुंचा मॉनसून, लेकिन बारिश का ज़ोर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में होगा 

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून में 4 दिनों के बाद 9 जुलाई को प्रगति देखने को मिली। मॉनसून अब तीन राज्यों में आगे बढ़ रहा है। 9 जुलाई को मॉनसून पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ भागों में आगे बढ़ा। मॉनसून की उत्तरी सीमा, बाड़मेर, जोधपुर, चुरू, कपूरथला तक पहुँच गई है।

हालांकि जिन क्षेत्रों में आज मॉनसून ने दस्तक दी है उन भागों में जल्द तेज़ बारिश की संभावना नहीं है। बारिश अगले दो-तीन दिनों तक हिमालय के तराई क्षेत्रों में ही सीमित रहेगी। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बाकी हिस्सों में मॉनसून के आगमन के लिए जल्दी घोषणा हो सकती है लेकिन अच्छी बारिश के लिए अभी इंतज़ार करना होगा।  

Updated on July 08, 2019: उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में अच्छी वर्षा की उम्मीद 

पिछले 24 घंटों में सबसे अधिक वर्षा पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में दर्ज की गई। यहां 139 मिलीमीटर की भारी बारिश हुई। इसके अलावा महाबलेश्वर में 136, वलसाड में 80, पंतनगर में 77, माथेरान में 71 मिलीमीटर बारिश हुई है।

पिछले 24 घंटों के दौरान उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में मॉनसून का व्यापक प्रदर्शन देखने को मिला। इन भागों में मूसलाधार वर्षा दर्ज की गई।

उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दक्षिणी गुजरात, कोंकण गोवा, उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश, कर्नाटक, बिहार और असम में भी मॉनसून सक्रिय रहा और इन भागों में अच्छी वर्षा दर्ज की गई।

हरियाणा के कुछ हिस्सों, तेलंगाना के कुछ भागों और विदर्भ में सामान्य मॉनसून के कारण हल्की बारिश हुई है। झारखंड, ओड़ीशा, गंगीय पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर भारत के बाकी भागों, रायलसीमा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु में मॉनसून में सुस्ती देखने को मिली।

Updated on July 07, 2019: बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश में भारी मॉनसून वर्षा की संभावना

बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश, पूर्वोत्तर राजस्थान, असम, सिक्किम, उप-हिमालयन पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, कोंकण तट और कर्नाटक और मेघालय के तटीय इलाकों में दक्षिण पश्चिम मॉनसून की स्थिति जोरदार रहने की उम्मीद है। जिसके कारण इन सभी क्षेत्रों में अगले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश की संभावना है।

इसी के साथ दक्षिण पश्चिम मॉनसून के आगे की प्रगति के लिए भी मौसमी परिस्थितियां भी अनुकूल हैं और हमारा अनुमान है कि अगले 48 घंटों में पुरे हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के कुछ और भागों में मॉनसून का आगमन हो जायगा।

Updated on July 5, 2019: प्रगति के साथ दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ पंहुचा मॉनसून 

बीते कल यानि शुक्रवार को उत्तर-पश्चिमी राज्यों में दस्तक देने के बाद अब हरियाणा के बचे हिस्से सहित पंजाब और राजस्थान के कुछ और हिस्सों में अगले 48 घंटों में दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2019 की प्रगति के लिए मौसमी परिस्थितियां अनुकूल है।

कल यानि शुक्रवार की तरह अभी भी मॉनसून की उत्तरी सीमा यानि एन एल एम इस समय बाड़मेर, जोधपुर, सीकर, रोहतक, चंडीगढ़, ऊना और अमृतसर से होते हुए गुजर रही है।

इस समय, दक्षिणी उत्तर प्रदेश और उससे सटे पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश के भागों में एक निम्न दवाब क्षेत्र बना हुआ है। जो कि 4.5 किमी तक फैला है।

Updated on July 5, 2019: मॉनसून 2019 का प्रगति के साथ दिल्ली, पंजाब, हरियाणा सहित चंडीगढ़ में हुआ आगमन 

दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2019 प्रगति के साथ इस समय राजस्थान के कुछ भागों से होते हुए, उत्तर प्रदेश के बाकी हिस्सों, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू और कश्मीर तथा पंजाब के कुछ भागों सहित हरियाणा, चंडीगढ़ और पुरे दिल्ली में प्रवेश कर चुका है।

मॉनसून की उत्तरी सीमा यानि एन एल एम इस समय बाड़मेर, जोधपुर, सीकर, रोहतक, चंडीगढ़, ऊना और अमृतसर से होते हुए गुजर रही है।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 2-3 दिनों में हरियाणा के बाकी हिस्से, पंजाब सहित राजस्थान के कुछ और भागों में मॉनसून की प्रगति के लिए मौसमी परिस्थितियां अनुकूल है।

Updated on July 4, 2019: राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के इलाकों में जल्द दस्तक देगा मॉनसून

मॉनसून का आगमन गुजरात, अरब सागर, मध्य प्रदेश और राजस्थान के अन्य इलाकों में भी हो चुका है। मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय, बाड़मेर, अजमेर, ग्वालियर, शाहजहांपुर, नजीबाबाद और मंडी से होते हुए गुजर रही है।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड समेत हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में मौसम, अगले 24 घंटों में मॉनसून के आगमन के अनुकूल बना हुआ है।

Updated on July 3, 2019: मॉनसून ने दी गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ और इलाकों में दस्तक

मॉनसून की प्रगति गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ और इलाकों में हो गयी है। इस समय, मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय, द्वारका, डीसा, उदयपुर, कोटा, ग्वालियर, शाहजहांपुर, नजीबाबाद और मंडी से होते हुए गुजर रही है।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, निम्न-दबाव क्षेत्र के पश्चिमी-उत्तर पश्चिमी दिशा की ओर बढ़ने के आसार हैं। इसके कारण गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ अन्य इलाकों के साथ ही अगले 48-72 घंटों में हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के भी कुछ इलाकों में मॉनसून का आगमन हो सकता है।

Updated on July 2, 2019: मॉनसून ने राजस्थान में दी दस्तक, दिल्ली को करना होगा इंतज़ार

मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय द्वारका, अहमदाबाद, राजगढ़, खजुराहो, लखनऊ, नजीबाबाद और मंडी से होते हुए गुजर रही है।

इसके अलावा बंगाल की खाड़ी पर बना हुआ का निम्न-दबाव क्षेत्र अब मध्य भारत की ओर बढ़ गया है। इसके कारण अगले 2-3 दिनों के दौरान उत्तरी अरब सागर, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के बचे हुए भागों में मॉनसून की दस्तक के लिए मौसम अनुकूल हो जायेगा। इसके अलावा राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के भी कुछ अन्य इलाकों मॉनसून दस्तक देगा।

मॉनसून की शुरुआत से ही मुंबई में हो रही बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। मुंबई में बीते 24 घंटों के दौरान 375 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है। बारिश की इन गतिविधियों के कारण यहां जन-जीवन अस्त-बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

Updated on July 1, 2019: निम्न दबाव वाले क्षेत्र के कारण ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में होगी भारी बारिश

मॉनसून की उत्तरी सीमा द्वारका, अहमदाबाद, भोपाल जबलपुर, पेंड्रा, सुल्तानपुर, लखीमपुर खीरी और मुक्तेश्वर से होकर गुजर रही है।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के उत्तरी तटों और इससे सटे गंगीय पश्चिम बंगाल पर बना हुआ निम्न दबाव का क्षेत्र अब आगे की ओर बढ़ेगा और इसके कारण ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के मध्य और दक्षिणी भागों सहित मराठवाड़ा, विदर्भ, कोंकण-गोवा, गुजरात और कर्नाटक के तटीय भागों में मध्यम बारिश स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।

Updated on June 30, 2019: बंगाल की खाड़ी पर बने निम्न दबाव वाले क्षेत्र के कारण ओडिशा, छत्तीसगढ़ में होगी भारी बारिश

मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय द्वारका, अहमदाबाद, भोपाल, जबलपुर, पेंड्रा, सुल्तानपुर, लखीमपुर खीरी और मुक्तेश्वर से होते हुए गुजर रही है।

इसके अलावा बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों और पश्चिम बंगाल के तटीय भागों से सटे इलाकों पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह सिस्टम तीव्र होने के साथ ही पश्चिमी/उत्तर-पश्चिमी दिशा की ओर बढ़ेगा। वहीं अगले 48 घंटों में यह सिस्टम डिप्रेशन के रूप में बदल जायेगा।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि इन मौसमी सिस्टमों के कारण अगले 24 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और गंगीय पश्चिम बंगाल के इलाकों में भारी बारिश होने की उम्मीद है।

Updated on June 29, 06:20 PM: मुंबई में भारी बारिश ने जमाया डेरा, कल से हो सकती है तीव्रता में कमी

ज़ोरदार मॉनसून के चलते गुरुवार रात से ही मुंबई और इससे सटे कोंकण-गोवा के इलाकों में काफी बारिश हुई है। स्काइमेट वेदर द्वारा किये गए पूर्वानुमान के मुताबिक ही मुंबई में बीते 24 घंटों से मध्यम से भारी बारिश जारी है।

कल यानि 28 जून की शाम से से आज यानि 29 जून की सुबह तक अच्छी तीव्रता के साथ बारिश हुई है। मुंबई के सांता क्रूज़ में सुबह 08:30 बजे से बीते 09 घंटों यानि शाम 05:30 बजे तक 69 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है।

Updated on June 28, 3:50 PM:  मुंबई में मॉनसून सक्रीय होने के कारण भारी बारिश की संभावना, अहमदाबाद और भोपाल की ओर बढ़ा एनएलएम

मुंबई तथा कोंकण व गोवा तट के आसपास के क्षेत्रों में गुरुवार रात से जोरदार मॉनसून की स्थिति बनी हुई है। स्काईमेट द्वारा किये गए के अनुसार, पिछले 24 घंटों में मध्यम तीव्रता की बारिश मुंबई को लुभा रही है। सुबह से ही तीव्रता काफी बढ़ गई थी, जिसमें मुंबई में सांता क्रूज़ ऑब्जर्वेटरी ने सुबह 8:30 बजे से 11:30 बजे तक तीन घंटे के अंतराल में 96 मिमी बारिश दर्ज की।

इस बीच, दक्षिण पश्चिम मॉनसून की पश्चिमी शाखा उत्तरी अरब सागर, गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ गई है। जबकि, पूर्वी शाखा स्थिर रहा।

मॉनसून की उत्तरी रेखा यानि एनएलएम इस समय, द्वारका, अहमदाबाद, भोपाल, जबल्पुर, पेन्द्रा, सुल्तानपुर, लखीमपुर खेरी और मुक्तेश्वर होकर गुजर रही है।


Updated on June 27, 5:30 PM: कोंकण व गोवा में मूसलाधार मॉनसूनी बारिश की उम्मीद

पिछले 24 घंटों में, मॉनसून व्यापक रूप से दक्षिण कोंकण व गोवा पर सक्रिय बना रहा, तो वहीं विदर्भ, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश पर यह सक्रिय बना रहा। तटीय कर्नाटक, तटीय तमिलनाडू, तटीय आंध्र प्रदेश, बाकी बचे पूर्वोत्तर भारत, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पूर्व मध्य प्रदेश के कुछ भागों पर मॉनसून की स्थिति सामान्य बनी रही।

292 मिलिमीटर के साथ सबसे अधिक वर्षा मेघालय के चेर्रापुंजी में रिकॉर्ड की गयी, उसके बाद महाराष्ट्र के वेंगुर्ला में 150 मिलिमीटर, रत्नागिरी में 135 मिलिमीटर और पंजीम में 96 मिलिमीटर बारिश दर्ज की गयी।

मॉनसून की उत्तर सीमा वेरावल, सूरत, इंदौर, मंडला, पेंडरा, सुल्तानपुर, लखीमपुर खेरी और मुखतेश्वर से होकर आगे बढ़ रही है।

अगले 24 घंटो के दौरान, मॉनसून कोंकण व गोवा पर सक्रिय बना रहेगा। जिससे इन इलाकों में भारी से मूसलाधार मॉनसून की बारिश होने की उम्मीद है।

Updated on June 26, 2:30 PM: मेघालय और असम के इलाकों में मॉनसून देगा भारी बारिश

असम, सिक्किम और उप हिमालयी पश्चिम बंगाल में पिछले 24 घंटों के दौरान भारी मॉनसून बारिश दर्ज हुई । साथ ही, अंडमान व निकोबार द्वीप समूह, केरल, तटीय कर्नाटक, दक्षिणी कोंकण व गोवा और तटीय आंध्र प्रदेश के हिस्सों में मॉनसून सक्रिय रहा।

मॉनसून की उत्तरी सीमा यानि एनएलएम इस समय वेरावल, सूरत, इंदौर, मंडला, पेंडरा, सुल्तानपुर, लखीमपुर खेरी और मुक्तेश्वर के रास्ता से गुजर रही है ।

पिछले 24 घंटों के दौरान मॉनसून में कोई महत्वपूर्ण प्रगति देखने को नहीं मिली है ।

बीते कल यानि 25 जून को 159 मिमी के साथ सबसे अधिक बारिश मेघालय के चेरापुंजी में दर्ज की गई जबकि गोपालपुरा में 126 मिमी, पंजीम में 98 मिमी, गंगटोक में 83 मिमी और कूच बिहार में 77 मिमी बारिश दर्ज की गई ।

अगले 24 घंटों के दौरान, मेघालय और असम के इलाकों में भारी बारिश की उम्मीद है । इसके अलावा, तटीय कर्नाटक, केरल, कोंकण व गोवा और गुजरात के हिस्सों में भी मॉनसून की बारिश देखने को मिलेगी ।

Updated on June 25, 04:05 PM: मॉनसून की दस्तक से मुंबई, सूरत और इंदौर में अच्छी बारिश के आसार

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून लगातार 6वें दिन भी प्रगति पर है। मॉनसून अब तक महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ अन्य इलाकों तक पहुंच गया है। इसके अलावा मुंबई, सूरत और इंदौर जैसे शहरों में भी मॉनसून का इंज़ार खत्म हो चला है।

हालाँकि, मॉनसून की प्रगति सिर्फ पश्चिमी भागों में देखने को मिली है। जबकि पूर्वी हिस्से में कोई विशेष बदलाव देखने को नहीं मिला है।

मॉनसून की उत्तरी सीमा, इस समय वेरावल, सूरत, इंदौर, मांडला, पेंड्रा, सुल्तानपुर, लखीमपुर खीरी और मुक्तेश्वर से होकर गुजर रही है।

इसके साथ ही कोंकण-गोवा, गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश और विदर्भ में अगले 24 में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पूर्वोत्तर भारत के भागों में मॉनसून के सक्रिय बने रहने की संभावना है। इसके कारण उप-हिमाली पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और मेघालय में एक-दो स्थानों पर भारी से अति भारी बारिश होने के आसार हैं। वहीं पूर्वोत्तर भारत के एक-दो स्थानों पर बेहद भारी बारिश हो सकती है।

Updated on June 24, 07:00 PM: मॉनसून पहुंचा उत्तराखंड, मुंबई और गुजरात होगा अगला पड़ाव

मॉनसून प्रगति के साथ कोंकण के भागों समेत, मध्य महाराष्ट्र के अधिकांश भागों और पूरे विदर्भ तथा मराठवाड़ा तक पहुंच चुका है। इसके अलावा मॉनसून मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश होते हुए उत्तराखंड में भी दस्तक दे चुका है।

मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय अलीबाग, खांडवा, छिंदवाड़ा, मांडला, पेंड्रा, सुल्तानपुर, लखीमपुर खीरी और मुक्तेश्वर से होकर गुजर रही है।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मॉनसून के मुंबई समेत महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के साथ मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के भागों को कवर करने के लिए स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। इसके अलावा अगले 24-48 घंटों में दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून 2019 के दक्षिणी गुजरात और मुंबई में दस्तक देने की उम्मीद है।

Updated on June 23, 04:50 PM: मॉनसून ने महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों को किया कवर, जल्द पहुँच सकता है मुंबई और गुजरात

देश के अधिकांश भागों में मॉनसून का आगमन हो चुका है। सक्रिय मॉनसून स्थितियों के कारण दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून देश के अन्य हिस्सों में भी प्रभावी हो गया है। इस समय मॉनसून मध्य प्रदेश और विदर्भ के इलाकों सहित विदर्भ के अधिकांश इलाकों की ओर बढ़ गया है। तथा इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों में पहुंच गया है

मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय रत्नागिरी, अहमदनगर, औरंगाबाद, नागपुर, पेंड्रा, वाराणसी और बहराईच से होते हुए गुजर रही है।

जिसके कारण उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों और छत्तीसगढ़ में मूसलाधार बारिश देखने को मिली है। वहीं केरल, तटीय कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के एक-दो स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश हुई है।

कल यानि शनिवार 22 जून की सुबह 08:30 बजे से बीते 24 घंटों के दौरान ग़ाज़ीपुर में 89 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी। वहीं अंबिकापुर में 85 मिमी, बहराइच में 59 मिमी, होन्नावर में 37 मिमी, तुनी में 34 मिमी, गया में 30 मिमी, कोच्चि में 31 मिमी, जगदलपुर में 32 मिमी, पटना में 31 मिमी, थ्रिसूर में 26 मिमी तथा मंगलुरु में 24 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है।

मुंबई समेत सम्पूर्ण महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों में अगले 48 घंटों के दौरान स्थितियां मॉनसून की प्रगति के लिए अनुकूल बन रही हैं।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून, दक्षिणी गुजरात और पूर्वी तथा दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश के भागों तक 25 जून को पहुंच सकता है।

Updated on June 22, 03:45 PM: मॉनसून हुआ वाराणसी, गोरखपुर और ब्रह्मपुरी की ओर अग्रसर

मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय रत्नागिरी सोलापुर, आदिलाबाद, ब्रह्मपुरी, पेंड्रा, वाराणसी और गोरखपुर होते हुए गुजर रही है। इसके अलावा मध्य अरब सागर, कोंकण, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, विदर्भ और छत्तीसगढ़ समेत उत्तरी अरब सागर, दक्षिणी गुजरात और मध्य प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मॉनसून की प्रगति के लिए अगले 2 से 3 दिनों के दौरान मौसमी स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, दक्षिणी तटीय भागों समेत बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में बीते 24 घंटों में मॉनसून की तीव्रता में बढोत्तरी हुई है। इसके अलावा पूर्वोत्तर राज्यों समेत उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, दक्षिणी मध्य महाराष्ट्र, कर्नाटक और उत्तरी तेलंगाना में मॉनसून सक्रिय बनी हुई हैं।वहीं तमिलनाडु के पूर्वी भागों में मॉनसून कमजोर तथा बाकी हिस्सों में सामान्य बना रहा।

अब मॉनसून के पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ और मध्य महाराष्ट्र की ओर बढ़ने की संभावना है।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि गोवा, तटीय कर्नाटक और केरल के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़ तथा इससे सटे हुए पूर्वी मध्य प्रदेश, उत्तरी मध्य महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ स्थानों में मॉनसून की तीव्रता में बढ़ोत्तरी हो सकती है। वहीं पूर्वोत्तर राज्यों, पश्चिमी बिहार, झारखंड, दक्षिणी छत्तीसगढ़ और देश के दक्षिणी भागों में मॉनसून सामान्य बना रह सकता है।

इसके अलावा तमिलनाडु, गंगीय पश्चिम बंगाल के भागों समेत दक्षिण-पूर्वी बिहार और इससे सटे हुए झारखंड के भागों में मॉनसून की स्थितियां कमजोर बनी रहेंगी।

Updated on June 21, 1:20 PM: तटीय कर्नाटक, महाराष्ट्र तथा कोंकण और गोवा में अच्छी बारिश देगा मॉनसून

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2019 इस समय मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों सहित तटीय कर्नाटक के बाकी हिस्सों, दक्षिणी कोंकण व गोवा के कुछ हिस्सों, दक्षिणी मध्य महाराष्ट्र और आंतरिक कर्नाटक, बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, पूर्वोत्तर राज्यों के बाकी बचे हिस्सों और पश्चिम बंगाल के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ा है।

129 मिलिमीटर के साथ सबसे अधिक वर्षा असम के जोरहाट में रिकॉर्ड की गयी। उसके बाद अमिनदीवी में 97 मिलीमीटर, सिल्चर में 63 मिलिमीटर और कन्नूर में 52 मिलिमीटर बारिश दर्ज की गयी।

इसके अलावा, अगले दो से तीन दिनों के दौरान मध्य अरब सागर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों, तेलंगाना, तमिलनाडु के बाकी भागों, बंगाल की खाड़ी, पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कुछ और हिस्सों सहित बिहार, झारखंड और ओडिशा के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की प्रगति के लिए स्थितियाँ अनुकूल हो रही है।

Updated On June 20, 04:15 PM: महाराष्ट्र में हुआ मॉनसून का आगमन, केरल, तटीय कर्नाटक, और कोंकण-गोवा में जारी रहेगी भारी बारिश

पश्चिमी तटीय भागो जैसे कोंकण-गोवा और तटीय महाराष्ट्र के भागों सक्रीय मॉनसून स्थितियों के कारण भारी से मूसलाधार बारिश देखने को मिली है। इसी के साथ मॉनसून ने तटीय कर्नाटक और पूर्वोत्तर राज्यों के बचे हुए हिस्सों से बढ़ते हुए आंतरिक कर्नाटक समेत दक्षिणी कोंकण-गोवा, दक्षिणी मध्य महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के भी भागों में मॉनसून ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है।

मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय रत्नागिरी, कोल्हापुर, शिमोगा, सालेम, कुड्डालोर, कोलकाता और गंगटोक से होकर गुजर रही है।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 24 घंटों तक इस समय सक्रीय मॉनसून की स्थितियों के कारण तटीय कर्नाटक और कोंकण-गोवा में भारी से मूसलाधार बारिश होने की संभावना। इसके अलावा केरल में भी मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है।

Updated on June 19, 11:55: केरल और तटीय कर्नाटक में सक्रिय रहेगा मॉनसून, मध्यम से भारी वर्षा का अनुमान

मॉनसून 2019 की प्रगति में कल यानि 18 जून को कोई सुधार नहीं देखा गया। हालांकि, सक्रिय मॉनसून के चलते केरल, तटीय कर्नाटक और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मध्यम से भारी वर्षा दर्ज की गई। कुछ स्थानों में अत्यंत भारी बारिश यानि तीन अंकों की वर्षा भी दर्ज की गई।

मंगलवार सुबह 8:30 बजे से 24 घंटे के दौरान, हट बे में 108 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा पोर्ट ब्लेयर 36 मिमी, तथा माया बंदर में 26 मिमी। वहीं केरल में कन्नूर में 71 मिलीमीटर, कोझीकोड में 49 मिमी, कारीपुर में 35 मिमी, होनावार में 43 मिमी, मैंगलोर में 35 मिमी और कोच्चि में 10 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।

इसके अलावा असम के भी कुछ हिस्सों में सक्रिय मानसून की स्थिति देखी गई। इस दौरान असम के सिल्चर ने 49 मिमी, हाफलोंग में 21 मिमी और लुमडिंग में 18 मिमी बारिश दर्ज की गयी है। हालांकि, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर राज्यों के बाकी इलाकों में मॉनसून कमज़ोर बना रहा।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून की सक्रियता के कारण, केरल और तटीय कर्नाटक में मध्यम से भारी बारिश जारी रहेगी। इसके अलावा उत्तरपूर्वी राज्यों में सामान्य मानसून की स्थिति देखी जाएगी, जिसमें कुछ हिस्सों में भारी बारिश भी दर्ज की जाएगी।

Updated on June 18, 08:30 PM: लंबे ब्रेक के बाद मॉनसून अगले तीन-चार दिनों में लगाएगा लंबी छलाँग, गोवा और ओड़ीशा में होगा आगाज़

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2019 केरल में एक सप्ताह की देरी से आगमन के बाद से बहुत सुस्त चल रहा है। हालांकि स्थितियाँ अब बदल रही हैं। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून अगले तीन से चार दिनों में कर्नाटक के अधिकांश हिस्सों को पार करते हुए दक्षिणी कोंकण-गोवा क्षेत्र में दस्तक दे देगा। इसके अलावा तमिलनाडु के भी बचे भागों से आगे बढ़ते हुए आंध्र प्रदेश के ज़्यादातर हिस्सों में आ जाएगा।

बंगाल की खाड़ी से मॉनसून के पूर्वी सिरे को पूरा सपोर्ट आने वाले दिनों में मिलेगा जिसके चलते मॉनसूनी हवाएँ ओड़ीशा में भी पहुँच जाएंगी। साथ ही पूर्वोत्तर भारत के बाकी बचे हिस्सों के साथ-साथ उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में मॉनसून आगे बढ़ जाएगा।

मॉनसून 2019 की उत्तरी सीमा 18 जून तक मंगलोर, मैसूर, सलेम, कुड्डालोर, गोलपाड़ा, अलीपुरद्वार और गंगटोक से होकर गुज़र रही है। आने वाले दिनों में जैसे-जैसे मॉनसून आगे बढ़ेगा, बारिश की गतिविधियां भी ज़ोर पकड़ेंगी।

Updated on June 17, 12:35 PM: छत्तीसगढ़ में अगले 2 से 3 दिनों में हो सकता है मॉनसून का आगमन

छत्तीसगढ़ में अगले 24 से 48 घंटों में बारिश होने की उम्मीद है। जिनमे से जगदलपुर, राजनांदगांव, अंबिकापुर, बिलासपुर और रायपुर में भी यह गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।

अगले 3-4 दिनों में छत्तीसगढ़ के दक्षिणी ज़िलों में मॉनसून का आगमन होने की उम्मीद है।

इसके अलावा ओडिशा होते हुए एक ट्रफ रेखा फैली हुई है। इसके कारण ओडिशा के खासकर दक्षिणी और तटीय भागों बारिश की तीव्रता में बढोत्तरी देखने को मिल सकती है।वहीं आंतरिक भागों में कुछ और दिनों तक छिटपुट बारिश जारी रहने के आसार हैं।

इसके अलावा पूरे राज्य में अगले 2 से 3 दिनों तक रुक-रुक कर गरज के साथ बारिश की गतिविधियां जारी रहने की उम्मीद है।

इसके अलावा ओडिशा में बारिश की गतिविधियों में बढ़ोत्तरी होने के कारण मॉनसून का आगमन अगले 2 से 3 दिनों में होने की संभावना है।

Updated on June 15, 12:50 PM: ओडिशा और पुरे पूर्वोत्तर भारत में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान दस्तक देने वाला है मॉनसून

पिछले 24 घंटों में दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2019 पूर्वोत्तर भारत के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ा है, लेकिन अब लगभग सभी पूर्वोत्तर राज्यों में मॉनसून की प्रगति के लिए मौसमी परिस्थितियाँ अनुकूल हैं। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि, अगले 24 से 48 घंटों में, मॉनसून 2019 उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम सहित पूर्वोत्तर के सभी राज्यों जैसे असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा तक पहुंच जाएगा। कम से कम अगले तीन से चार दिनों तक यहां रुक -रुक कर हो रही बारिश की गतिविधियां जारी रहने की संभावना है।

अरब सागर से चलने वाली दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ हैं जो देश के मध्य भागों सहित ओडिशा तक पहुँच रही हैं। इसके अलावा, उत्तरी शुष्क हवाएँ भी राज्य में पहुँच रही हैं। ओडिशा और उससे सटे आसपास के क्षेत्रों में यह दोनों विपरीत हवाएं एक साथ मिलेंगी। इसके अलावा, एक ट्रफ रेखा भी पूर्वोत्तर भारत से लेकर ओडिशा के तटीय भागों तक फैली हुई है। इन मौसम प्रणालियों के कारण राज्य में बारिश की गतिविधियों में वृद्धि होगी और अगले तीन से चार दिनों तक बारिश में वृद्धि की उम्मीद है।

स्काइमेट के मुताबिक, मॉनसून अब ओडिशा में दस्तक देने वाला है। संभावना है कि, मॉनसून का अगले 24 से 48 घंटों में ओडिशा के भागों में खासकर दक्षिणी तटीय ओडिशा में आगमन होने वाला है।

Updated on June 14, 2:00 PM: दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2019: अगले 24 से 48 घंटों के दौरान, पुरे कर्नाटक सहित कर्नाटक में हो सकता है मॉनसून का आगमन

दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2019 की सुस्त प्रगति जारी है और लंबे समय से स्थिर बनी हुई है। 15 जून तक, मॉनसून देश के कम से कम दो तिहाई हिस्से को कवर कर लेगा। हालांकि, अब तक, देश का केवल 10 प्रतिशत हिस्सों में ही मॉनसून की बारिश रिकॉर्ड हुई है।

पूर्वोत्तर भारत में आमतौर पर जून की शुरुआत में मॉनसून का आगमन हो जाता है, लेकिन इस बार, मॉनसून अब तक केवल मिज़ोरम और मणिपुर के कुछ हिस्सों तक ही पहुंचा है।

हालांकि, अब मॉनसून के अगले 24 से 48 घंटों के दौरान केरल, तटीय कर्नाटक के अधिकांश हिस्सों और कोंकण व गोवा के कुछ हिस्सों को कवर करते हुए आगे बढ़ने की संभावना है। दूसरी तरफ, पूर्वोत्तर भारत में भी मॉनसून का आगमन हो सकता है।

Updated on June 12, O3:00 PM: अगले 24 घंटों के दौरान कर्नाटक, कोंकण और गोवा में हो सकता है मॉनसून का आगमन

पिछले 24 घंटों के दौरान, महाराष्ट्र, कर्नाटक से केरल के पश्चिमी तटीय इलाकों में बारिश की गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं। हालांकि, आंतरिक प्रायद्वीप पर बारिश की गतिविधियां अभी भी कम हैं। इसके अलावा, पूर्वोत्तर भारत में भी अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बारिश की गतिविधियाँ चल रही हैं।

स्काइमेट का अनुमान है कि, अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून, तटीय कर्नाटक के पुरे हिस्से सहित कोंकण और गोवा को कवर कर लेगी। दूसरी ओर, आंतरिक प्रायद्वीप और पूर्वोत्तर भारत को मॉनसून के आगमन के लिए दो से तीन दिनों तक इंतजार करना होगा।

हालांकि, 24 घंटे के बाद पूर्वोत्तर भारत में बारिश की तीव्रता में वृद्धि के कारण, मॉनसून 14 जून तक पूर्वोत्तर के भागों पर प्रगति कर सकता है।

Updated on June 11 at 5:20 PM: केरल, कर्नाटक तथा महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में बारिश के बावजूद नहीं बढ़ रहा मॉनसून

केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में आज भी हल्की से मध्यम बारिश जारी रही रही। साथ ही, पिछले कुछ घंटों से असम के कुछ इलाकों में भी बारिश देखी जा रही है। इन क्षेत्रों में यह बारिश मॉनसून की शुरुआत का संकेत दे रही है। महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक तथा उत्त्तर पूर्वी भारत सहित बिहार के पूर्वी भागों में बारिश जारी रहेगी।

स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों ने पहले से ही, अगले 24 से 48 घंटों में कर्नाटक और पूर्वोत्तर राज्यों में मॉनसून की शुरुआत का अनुमान लगाया है। अगले दो दिनों में गोवा, कर्नाटक तथा उत्तर पूर्वी भारत में मॉनसून के दस्तक देने की संभावना है।

Updated on June 11 at 12:40 PM: केरल के अधिकांश हिस्सों सहित कर्नाटक और पूर्वोत्तर भारत को कवर करने वाला है मॉनसून 

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2019 की उत्तरी सीमा यानि एन एल एम इस समय बंगाल के दक्षिण-पश्चिमी और पूर्वी-मध्य खाड़ी से लेकर बंगाल की पूर्वोत्तर खाड़ी होते हुए आइज़ोल के रास्ते कन्नूर और मदुरै से होकर गुजर रही है है। पिछले 24 घंटों के दौरान, केरल, तटीय कर्नाटक और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में मध्यम से भारी बारिश रिकॉर्ड हुई है। पूर्वोत्तर राज्यों सहित उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में हल्की से मध्यम बारिश देखी गई, जबकि सिक्किम में कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश दर्ज की गई।

मौसमी स्थितियां अनुकूल बनी हुई है और अनुमान है कि, अगले 48 घंटों के दौरान मॉनसून केरल, दक्षिणी कर्नाटक, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश भागों को कवर कर लेगा।

Updated on June 10 at 03:30 PM: केरल और कर्नाटक में भारी बारिश, पूर्वोत्तर भारत में प्रवेश कर रहा मॉनसून 

लम्बे इंतज़ार के बाद आखिरकार दक्षिण पश्चिम मॉनसून का पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में आगमन हो गया। मॉनसून ने मिजोरम और मणिपुर के अधिकांश हिस्सों को कवर कर लिया है। इस समय तक दक्षिण पश्चिमी मॉनसून, दक्षिणी अरब सागर, दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी, लक्षद्वीप समूह सहित केरल के अधिकांश भागों, तमिलनाडु के ज्यादातर क्षेत्रों और दक्षिण पश्चिमी तथा पूर्वी मध्य खाड़ी सहित पश्चिमी मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ क्षेत्रों को कवर कर चुकी है।

Updated on June 10 at 11:50 AM: केरल में 8 जून को दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2019 के आगमन के बाद से कर्नाटक के तटीय इलाकों और केरल में बारिश की तीव्रता बढ़ गयी है। पिछले 48 घंटों के दौरान केरल के अधिकांश हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश रिकॉर्ड हुई है।

पिछले 24 घंटों में यानि रविवार को सुबह 08:30 बजे से, अलप्पुझा में 106.4 मिमी, कोट्टायम में 92.4 मिमी, कोच्चि में 90.6 मिमी, तिरुवनंतपुरम में 115.6 मिमी, पुनालुर में 48.8 मिमी, कोझिकोड में 26.6 और कण्णूर में 13.8 मिमी बारिश दर्ज की गई।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, एक चिन्हित निम्न दवाब क्षेत्र डिप्रेशन का रूप ले लिया है। अगले 24-48 घंटों में इसके चक्रवाती तूफ़ान का रूप लेने की संभावना है। इसे चक्रवात वायु के नाम से जाना जायेगा। 

पश्चिमी मध्य बंगाल की खाड़ी पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के कारण अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में भी भारी से अतिभारी बारिश देखने को मिली। स्काइमेट के मुताबिक अगले 2-3 दिनों तक भारी से अति भारी बारिश जारी रहने की उम्मीद है। इसलिए, पर्यटकों को उचित सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

Updated on June 9, 2019 at 02:50 PM: मॉनसून 2019 लाइव अपडेट: केरल में 48 घंटों तक सक्रिय रहेगा मॉनसून, इसी दौरान पूर्वोत्तर में भी दे सकता है दस्तक

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2019 ने केरल में 8 जून को दस्तक दी। इसके चलते पिछले 24 घंटों के दौरान केरल में कई जगहों पर अच्छी बारिश दर्ज की गई।

साल 2019 में मॉनसून लगभग एक सप्ताह की देरी से केरल में पहुंचा है। दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2019 का आगमन केरल में तो हो गया है लेकिन पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में इसका इंतज़ार अभी भी जारी है। हालांकि मौसमी स्थितियां मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल हैं। उम्मीद है कि 48 घंटों में पूर्वोत्तर भारत में मॉनसून दस्तक दे देगा।

8 जून तक के आंकड़ों के मुताबिक, केरल में 63 प्रतिशत बारिश की कमी रिकॉर्ड हुई है। लेकिन, पिछले 24 घंटों से केरल के अधिकांश भागों में गरज के साथ मध्यम से भारी बारिश होने के बाद अनुमान है कि केरल में बारिश की कमी का स्तर कम होगा या फिर सामान्य तक पहुंच जायेगा। इस तरह के व्यापक बारिश के कारण अगले एक सप्ताह में केरल में बारिश के स्तर में उछाल की उम्मीद है।

पिछले 24 घंटों में यानि शनिवार को सुबह 08:30 बजे से, अलप्पुझा में 66 मिमी, तिरुवनंतपुरम में 32 मिमी, त्रिवेंद्रम में 28 मिमी, कोच्चि में 23 मिमी, पुनालुर में 12 मिमी और कोट्टायम में 5 मिमी बारिश दर्ज की गई।

Updated on June 8, 2019 at 02:15 PM: दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2019 का केरल में 8 जून को आगाज़ हुआ। पिछले दो-तीन दिनों से 14 स्थानों पर बारिश हो रही थी जिसके चलते मॉनसून के आगमन के लिए स्थितियाँ अनुकूल बनी थीं। इस समय मॉनसून की उत्तरी सीमा यानि एनएलएम लक्षद्वीप में अमिनीदिवी, केरल में कोचीन और तमिलनाडु में मदुरै से होकर गुज़र रही है।

बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी-मध्य और पूर्वी-मध्य भागों में भी मॉनसून में प्रगति हुई है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इसका पश्चिमी छोर कमजोर रहेगा जिससे दक्षिण भारत के बाकी हिस्सों में इसकी कमजोर प्रगति की आशंका है। लेकिन पूर्वोत्तर भारत के भागों में मॉनसून के जल्द दस्तक देने के लिए मौसमी परिदृश्य अनुकूल बना हुआ है।

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Originally Published on June 8, 2019 at 12:00 PM: दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2019 का 7 दिनों की देरी के बाद आखिरकार केरल में 8 जून को आगमन हो गया। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून के आगमन के लिए सभी स्थितियां शुक्रवार को ही अनुकूल बन गई थीं। इसके चलते 8 जून को दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगमन की औपचारिक घोषणा हो गई और अब भारत के मुख्य भूभाग पर मॉनसून का 4 महीनों लंबा सफर शुरू हो गया है।

स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अरब सागर के दक्षिण-पश्चिमी भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन रहा है, जो जल्द ही निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो सकता है। इस सिस्टम को मॉनसून के केरल में लाने का श्रेय दिया सकता है। लेकिन यह सिस्टम उत्तर पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा जिसके कारण आगमन के बाद केरल में जल्द ही बारिश की गतिविधियां कम हो जाएंगी। इससे पहले 6 और 7 जून को लक्षद्वीप, केरल और कर्नाटक के पूर्व निर्धारित 14 स्थानों पर अच्छी बारिश हुई है।

 






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