जनवरी महीने में सम्पूर्ण भारत में सामान्य से 40% तक अधिक बारिश दर्ज की गई थी। सबसे ज़्यादा बारिश इस महीने में दक्षिण भारत के राज्यों में देखने को मिली थी। देश के तमाम मैदानी राज्यों में इस साल शीतलहर का प्रकोप सामान्य से कुछ ज़्यादा ही देखने को मिला। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जनवरी महीने में 8 दिन ऐसे रहे जब न्यूनतम तापमान 4 डिग्री से कम रहा और शीतलहर का प्रकोप देखने को मिला।
रबी फसलों की बुआई पूरी हो गई है। इस साल कुल 67.5 मिलियन हेक्टेयर में बुआई हुई है जो आजादी के बाद से अब तक सबसे बड़ा आंकड़ा है। पिछले साल की तुलना में 2.86% अधिक क्षेत्र फल में अधिक खेती से खाद्यान्न उत्पादन का एक नया रिकॉर्ड बनने की संभावना है। गेहूं की बुआई भी रिकॉर्ड उच्चतम स्तर हुई है, पिछले साल की तुलना में 3.13% अधिक है। पिछले साल की तुलना में धान का रकबा भी 15.24% बढ़ा है। बुआई के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार दलहनी और तिलहनी फसलों की बुआई भी पिछले साल के मुकाबले क्रमशः 2.61% और 5.34% अधिक हुई है। सरसों ने इस साल एक रिकॉर्ड दर्ज किया है और पिछले साल से 7.34% अधिक क्षेत्र में इस तिलहनी फसल की बुआई हुई है। इसकी ज़्यादा ख्सेतरी राजस्थान, हरियाणा, झारखंड और मध्य प्रदेश में हुई है। 2020 के मॉनसून के बाद हुई अच्छी बारिश के चलते देश के संग्रहीत पानी का पर्याप्त भंडारण है। यह 10 साल के औसत से 22% अधिक के स्तर पर है। इससे सिंचाई में सहूलियत मिलने वाली है। सरकार ने 300 मिलियन टन से अधिक खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसमें अकेले रबी सीजन की फसलों से प्राप्त खाद्यान्न होगा 151.65 मिलियन टन।
इस सप्ताह देश के मध्य और पूर्वी भागों में मौसम बिगड़ने और बेमौसम बरसात होने की आशंका है। जबकि दक्षिण भारत मौसम बदलाव की आहट देने लगा है और यहाँ गर्म व आर्द्र हवाओं का असर बढ़ने लगा है। उत्तर भारत समेत देश भर में शीतलहर की स्थिति में सुधार होने की संभावना है।
उत्तर भारत
इस सप्ताह उत्तर भारत में दो पश्चिमी विक्षोभ आएंगे और इनमें कोई ब्रेक नहीं होगा। इन सिस्टमों के चलते जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 1 और 4 फरवरी के बीच बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। 2 फरवरी को पश्चिम राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो जाएगा, जो बाद में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरफ बढ़ेगा।
सप्ताह के पहले भाग के दौरान जहां पहाड़ी राज्यों में बारिश और हिमपात की संभावना है वहीं 3 फरवरी से 5 फरवरी के बीच पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान में बारिश और गरज के साथ बारिश होने के आसार हैं। बारिश का दायरा इस दौरान पूर्वी दिशा में बढ़ता रहेगा क्योंकि मौसमी सिस्टम भी पूर्वी दिशा में बढ़ते रहेंगे। 4 से 6 फरवरी के बीच उत्तर प्रदेश में बारिश देखने को मिलेगी।
इस बीच उत्तर भारत के राज्यों और गंगा के मैदानी भागों में 2 फरवरी तक शीतलहर जारी रहने के आसार हैं। सप्ताह के आखिरी दिनों में बारिश की गतिविधियां बंद होने के बाद फिर से तापमान में गिरावट होने और घने कोहरे की वापसी होने की संभावना है।
पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत
बिहार, झारखंड और उत्तरी पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में शीतलहर का प्रकोप कम से कम 4 फरवरी तक जारी रहने की संभावना है। जबकि इन भागों में 5 और 6 फरवरी को हल्की बारिश होने की संभावना है। पूर्वोत्तर भारत में भी कुछ स्थानों पर बारिश के आसार हैं लेकिन यहाँ मौसमी गतिविधियां 6 और 7 फरवरी को अरुणाचल प्रदेश व असम तक सीमित रहेंगी।
मध्य भारत
विदर्भ, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 4 और 6 फरवरी के बीच बेमौसम बारिश और गरज के साथ बौछारें गिरने के आसार हैं। एक-दो स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है। सप्ताह के मध्य से मध्य भारत में तापमान बढ़ेगा और महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व ओडिशा के कुछ हिस्सों में तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है। जबकि इस अवधि के दौरान गुजरात और पश्चिमी मध्य प्रदेश में पारा फिर से गिरते हुए सामान्य से नीचे चला जाएगा।
दक्षिण भारत
तमिलनाडु के दक्षिण तटीय भागों में सप्ताह के शुरुआती दो दिनों के दौरान में हल्की बारिश हो सकती है। दक्षिण भारत के बाकी सभी राज्यों में इस सप्ताह के सभी दिन मौसम मुख्यतः साफ और शुष्क रहने की संभावना है। दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में पारा बढ़ने लगा है और इस सप्ताह दिन के तापमान में क्रमशः वृद्धि दर्ज की जाएगी जिससे मौसम गर्म और उमस होगी।
दिल्ली एनसीआर
इस सप्ताह के आरंभिक 2 दिनों तक शीतलहर का प्रभाव बना रहेगा। उसके बाद 3 फरवरी से शीतलहर की स्थिति में बदलाव होने की संभावना है। 3 फरवरी से दिल्ली में मौसम बदलेगा और 3 से 5 फरवरी के बीच गरज के साथ बारिश देखने को मिल सकती है। एक-दो स्थानों पर ओले गिरने की भी आशंका है।
चेन्नई
इस सप्ताह दक्षिण के प्रमुख महानगर चेन्नई में बारिश के आसार नहीं हैं। शहर और आसपास के भागों में मौसम गर्म और आर्द्र होगा। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 32 और 22 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है।
दिल्ली प्रदूषण
दिल्ली-एनसीआर में साल 2020-21 की सर्दी में प्रदूषण बीते कई वर्षों के मुकाबले कम रहा है। हालांकि हवाओं का रुख बदलने से राजधानी की हवा में प्रदूषण तत्व बढ़ने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता रहा है। इस बीच 29 और 30 जनवरी को हवा में सुधार हुआ था क्योंकि प्रदूषण का स्तर कुछ हद तक कम हो गया था।
इस समय हवाओं की रफ्तार धीमी हो गई है जिसके चलते प्रदूषण एक बार फिर से बढ़ गया है। इस सप्ताह के अधिकांश दिन हवा की कम रफ्तार के चलते वायु गुणवत्ता सूचकांक के खराब रहने की संभावना है। इस बीच 3 फरवरी और 4 फरवरी को हवा की गति बढ़ने की उम्मीद है जो प्रदूषण के स्तर को कुछ कम कर सकती है। जबकि 4 फरवरी और 5 फरवरी को दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर-पश्चिम भारत में छिटपुट बारिश होने की संभावना है।
Image credit: Patrika
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।