जम्मू कश्मीर के पास इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है जिसके प्रभाव से पश्चिमी हिमालयी राज्यों में बारिश और बर्फबारी के लिए मौसम अनुकूल है। आने वाले दिनों में पहाड़ों पर जम्मू कश्मीर से लेकर लद्दाख और हिमाचल प्रदेश तक रुक-रुक कर गरज के साथ वर्षा होने, कहीं-कहीं पर बर्फ पड़ने और कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है।
पहाड़ों पर बारिश का यह स्पेल एक सप्ताह से अधिक समय के दौरान कई जगहों पर देखने को मिलेगा। इस दौरान एक-दो स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा और भारी बर्फबारी भी हो सकती है जिससे कुछ एक इलाकों में हिमस्खलन, भूस्खलन या अचानक बाढ़ जैसी विषम मौसमी स्थितियां पैदा हो सकती हैं।
इस मौसम को देखते हुए सभी स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को स्काइमेट का सुझाव है कि कम से कम 2 मार्च तक जम्मू कश्मीर के विभिन्न इलाकों जैसे वैष्णो देवी, गुलमर्ग, कुलगाम, पहलगाम, काजीगुंड, पुलवामा, हिमाचल प्रदेश में शिमला, कुल्लू, मनाली, लाहौल स्पीति, गुना, मंडी जबकि लद्दाख में लेह लद्दाख में बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री जैसे उत्तरी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी कुछ स्थानों पर वर्षा और बर्फबारी होने की संभावना है।
आपको बता दें कि 2 मार्च तक लगातार एक के बाद एक प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी राज्यों के करीब से होकर गुजरते रहेंगे जिसके कारण 2 मार्च तक इसी तरह की मौसमी गतिविधियां हमें उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में 2 मार्च तक देखने को मिलती रहेंगी। इस दौरान कुछ एक दिन ऐसे भी हो सकते हैं जब मौसम साफ रहे लेकिन इसकी संभावना कम है।
उत्तर भारत के पहाड़ों पर जारी इस मौसमी बदलाव का मैदानी इलाकों के मौसम पर बहुत व्यापक असर नहीं दिखेगा। हालांकि पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों और दिल्ली-एनसीआर में कभी कभार आंशिक बादल देखे जा सकते हैं और कहीं गर्जना के साथ बूंदाबांदी या हल्की वर्षा भी होने की संभावना रहेगी। लेकिन मैदानी इलाकों में तेज़ वर्षा की संभावना या आशंका बिलकुल नहीं है।
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