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[Hindi] बिहार का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (25-31 जुलाई, 2020) और फसल सलाह

July 25, 2020 12:40 PM |

आइए जानते हैं बिहार में इस सप्ताह यानि 25 से 31 जुलाई के बीच कैसा रहेगा मौसम। जानेंगे फसलों से जुड़ी सलाह भी।

बिहार में 1 जून से अब तक सामान्य से 55% अधिक वर्षा हुई है। मॉनसून की अक्षीय रेखा जब-जब हिमालय के तराई क्षेत्रों में पहुंची है तब तब बिहार में भारी वर्षा हुई और कई इलाके बाढ़ की चपेट में आए।

इस सप्ताह अगले 2 दिनों के दौरान यानि 25 और 26 जुलाई को बिहार में भारी बारिश नहीं होगी। मुख्यतः हल्की से मध्यम वर्षा जारी रह सकती है। 27 जुलाई से फिर से मॉनसून की अक्षीय रेखा हिमालय के तराई क्षेत्रों में पहुंचेगी जिसके चलते वर्षा की गतिविधियां बढ़ जाएंगी और सप्ताह के अंत तक कई स्थानों पर मध्यम तथा एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा देखने को मिलेगी।

आगामी बारिश का दौरान बाढ़ की स्थिति को और गंभीर बना सकता है। बिहार में अधिकांश नदियां पहले से ही उफान पर हैं तथा कई स्थानों पर अपने तटबंध तोड़ चुकी है। कोसी, गंडक, कमला, बालन आदि नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इस सप्ताह संभावित बारिश की स्थिति को देखते हुए बाढ़ की स्थिति में सुधार की संभावना नजर नहीं आ रही है।

बिहार के किसानों के लिए फसल सलाह

आर्द्र नक्षत्र में डाली गरी धान की नर्सरी की शीघ्र रोपाई करें। ऊपरी जमीन में जल्द पकने वाले धान प्रजातियों एवं सुगंधित बौनी किस्मों के लिए 80:40:20 कि.ग्रा. एन.पी.के. प्रति हेक्टर व सुगंधित लंबी किस्मों के लिए 40:30:20 कि.ग्रा. एन.पी.के प्रति हेक्टर की दर से उर्वरता प्रबंधन करें।

मेंड़ो को मजबूत कर खेतों में जल संचय करें। धान के खेत में नील हरित शैवाल से भूमि को नाइट्रोजन मिलता है। धान रोपाई 7-10 दिनों के अंदर टोलीपोथ्रीक्स टेन्यूस नामक ब्लू ग्रीन एल्गी का 8-10 कि.ग्रा. सूखा कल्चर प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में बिखेर दें। इसके बाद कम से कम 15 दिनों तक पानी खेत में लगा रहना चाहिए।

धान की मेड़ों पर अरहर की बुवाई करें। इसके लिए देर से पकने वाली प्रजाति बहार, नरेंद्र अरहर-1, मालवीय चमत्कार जैसी क़िस्मों का चयन करें जिसकी कटाई रबी फसलों की कटाई के पश्चात् हो। मेड़ पर लगी अरहर खरीफ से लेकर रबी फसलों तक बर्ड पर्चर का कार्य करती है जिससे कुछ हद तक कीट प्रबंधन होता है। खेतों में गिरने वाली इनकी पट्टियाँ मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ व नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ाती हैं।

खरपतवार के नियंत्रण हेतु पेंडिंमेथालीन 30 ई.सी. तृणनाशी 3 किग्रा व्यापारिक पदार्थ प्रति हेक्टेयर की दर से  600 से 700 लीटर पानी में मिलाकर मिट्टी पर छिड़काव करें।

Image Credit: The Financial Express

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