Skymet weather

[Hindi] उत्तर प्रदेश का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (17-23 सितंबर, 2020), किसानों के लिए फसल सलाह

September 17, 2020 1:42 PM |

आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश में 17 से 23 सितंबर के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल

पिछले 2 दिनों से पूर्वी उत्तर प्रदेश में हल्की से मध्यम वर्षा की गतिविधियां जारी है। 16 और 17 सितंबर के बीच 24 घंटों के दौरान गोरखपुर तथा बहराइच में अच्छी बारिश दर्ज की गई।

इस मॉनसून सीज़न में उत्तर प्रदेश में बारिश में कमी रही है। पूर्वी उत्तर प्रदेश अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में जहां 12% की कमी है जबकि 35% के साथ पश्चिमी भागों में सूखे जैसा संकट बना हुआ है।

इस बीच एक ट्रफ रेखा उत्तर पूर्वी उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश के बीच बन गई है। इसके प्रभाव से पूर्वी उत्तर प्रदेश के तराई वाले क्षेत्रों में अगले दो दिनों तक अच्छी वर्षा होने की संभावना है। शेष पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी छिटपुट वर्षा संभव है। यह भी अनुमान है कि उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में लगभग पूरे सप्ताह हल्की वर्षा की गतिविधियां जारी रहती हैं। लेकिन पश्चिमी भागों पर मॉनसून अपने आखिरी चरण में भी मेहरबान नहीं होगा।

एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में 20 सितंबर के आसपास बनेगा। जिसके प्रभाव से उत्तर प्रदेश के पूर्वी तथा मध्य जिलों तक 22 और 23 सितंबर को वर्षा की गतिविधियां बढ़ सकती हैं और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा भी संभव है।

उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह

आने वाले दिनों में मौसम मुख्यतः गर्म रहेगा। कहीं-कहीं हल्की वर्षा का अनुमान है। किसान फसलों में केवल आवश्यकतानुसार सिंचाई दें। आर्द्रता बढ़ जाने के कारण फसलों में कीटों और रोगों का संक्रमण की संभावना बढ़ गई है। इसलिए फसलों की नियमित निगरानी।

खड़ी फसलों में अत्यधिक पानी का जमाव न होने दें, निचली सतह वाली फसलों में जल निकासी का उचित प्रबंध करें। फसलों में अत्यधिक नाइट्रोजन देने से बचें, अन्यथा कीटों का प्रकोप बढ़ सकता है। फसलों से अवांछित पौधों और खर-पतवारों को निकाल कर तुरंत नष्ट करें।

गन्ने में नाइट्रोजन की शेष मात्रा मौसम साफ रहने पर दें। सब्जियों की रोपाई के लिए अभी समय उपयुक्त है। सितंबर में अरहर की खेती के लिए 5 टन प्रति हेक्टेयर की दर से गोबर की सड़ी खाद मिलाकर खेत की तैयारी करें। बीजोपचार कर ही बुवाई करें। पंक्ति से पंक्ति 40 से 50 सेंटीमीटर तथा पौधा से पौधा 15 से 20 सेंटीमीटर की दूरी रखें।

धान में ब्राउन स्पॉट रोग के कारण पत्तियों पर जहां-तहां भूरे रंग की चित्ती बन जाती है। अधिक प्रकोप होने पर पत्तियां सूख जाती हैं तथा फसल नष्ट हो जाती है। इसके नियंत्रण के लिए मैंकोज़ेब 75 डब्ल्यू.पी. का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर, मौसम साफ रहने पर छिड़काव करें।

गन्ने में शल्क एवं दहिया कीट के प्रबंधन के लिए सूखी पत्तियों को 25-30 दिनों के अंतराल पर निकाले तथा प्रभावित पत्तियों को काटकर जला दें और मलाथियान 50 ई.सी. का 2 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। 

Image credit: Competitive India

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।






For accurate weather forecast and updates, download Skymet Weather (Android App | iOS App) App.

Other Latest Stories







latest news

Skymet weather

Download the Skymet App

Our app is available for download so give it a try