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[Hindi] मॉनसून 2021 का अब तक का सफर सुहाना

August 2, 2021 7:12 PM |

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2021 ने सीजन की पहली छमाही में सामान्य रूप से सामान्य वर्षा दर्ज की है। मौसम की संचयी वर्षा 01 जून - 31 जुलाई के दौरान सामान्य औसत बारिश 452.2 मिमी के मुकाबले 449 मिमी है। अब तक दर्ज की गयी कुल वर्षा लंबी अवधि के औसत (एलपीए) का 99.3% है और हाल के दिनों में अन्य मौसमों की तुलना में लगभग अधिक है। मानसून के दूसरे भाग अगस्त और सितंबर के लिए लंबी अवधि का औसत 428.4 मिमी है, जो पहली छमाही से कम है।

यहाँ गुजरात, केरल और पूर्वोत्तर भारत में मौसम के बीच में स्पष्ट कमी देखी जा सकती है। केरल और पूर्वोत्तर क्षेत्र सबसे अधिक वर्षा वाले क्षेत्र हैं और इसलिए पर्यावरण संतुलन को प्रभावित किए बिना लगभग 10-15% की कमी को ख़त्म कर सकते हैं। लेकिन 20% या उससे अधिक की कमी से बनी रह जाती हैं। गुजरात के मुख्य क्षेत्र पर 33% तथा सौराष्ट्र और कच्छ में 37% कमी देखने को मिली है।

वहीँ पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, पश्चिम उत्तर प्रदेश और पश्चिम मध्य प्रदेश के उप-मंडल मौसमी कमी से उबर चुके हैं। मराठवाड़ा के सूखा प्रभावित क्षेत्र में 32% अधिक बारिश देखने को मिली है। इसके अलावा मध्य महाराष्ट्र और विदर्भ के अन्य दो उप-मंडल भी क्रमशः 24% और 3% अधिक बारिश दर्ज हुई है।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगस्त के महीने की शुरुआत में उत्तरी और मध्य भागों में बारिश होनी तय होती है। पश्चिम मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में अगले 72 घंटों के दौरान भारी से बहुत भारी वर्षा होगी और उसके बाद धीरे-धीरे कम हो जाएगी। मॉनसून की ट्रफ रेखा 7 अगस्त से अपनी सामान्य स्थिति के उत्तर में बढ़ जाएगी और 9 अगस्त से व्यावहारिक रूप से निचले पहाड़ी इलाकों पर पहुँच जाएगी। इसके कारण, वर्षा की गतिविधियां भी उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तर बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत को कवर करते हुए निचले पहाड़ी इलाकों तक पहुंच जाएगी।






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