बंगाल और पूर्वोत्तर भारत में तेज बारिश और आँधी का कहर, अगले 7 दिन तक झमाझम बारिश
Apr 11, 2025, 8:00 PM | Skymet Weather Teamकोलकाता में आज से लेकर 17 अप्रैल तक लगातार प्री-मानसून गतिविधियां देखने को मिलेंगी। इस दौरान शहर में बार-बार गरज-चमक के साथ मध्यम से भारी बारिश और तेज बिजली गिरने की घटनाएं होंगी। शाम के समय अचानक बादल छा सकते हैं, तेज़ हवाएं चल सकती हैं जिससे दिन की गर्मी से थोड़ी राहत तो मिलेगी, लेकिन बिजली कटौती, जलभराव और ट्रैफिक जाम जैसी परेशानियां बढ़ सकती हैं।
'काल-बैसाखी' से इन ज़िलों में खतरा
इस समय बंगाल में 'काल-बैसाखी' यानी नॉर-वेस्टर तूफानों का मौसम होता है। इस हफ्ते कोलकाता, हावड़ा, हुगली, मिदनापुर, डायमंड हार्बर, दीघा, खड़गपुर, बर्दवान, बांकुरा और झाड़ग्राम ज़िलों में तेज़ आंधी, बिजली और भारी बारिश का ख़तरा है। ये तूफान पेड़ों, बिजली के तारों और इमारतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
दक्षिण बंगाल के अन्य हिस्सों में भी मौसम बिगड़ने के आसार
11 अप्रैल से दक्षिण बंगाल के पानागढ़, कांठी और कलाईकुंडा जैसे इलाकों में भी तेज़ आंधी और भारी बारिश का सिलसिला शुरू होगा। ये मौसम मुख्य रूप से शाम और रात के समय असर दिखाएगा। इससे बिजली गुल होने और ट्रैफिक बाधित होने की आशंका है। मौसम कभी-कभी सुहाना लगेगा लेकिन अचानक बदलाव हो सकता है।
उत्तर बंगाल और पहाड़ी इलाकों में भी अलर्ट
दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और कूचबिहार जैसे पहाड़ी इलाकों में भी भारी बारिश, बिजली गिरने और तेज़ हवाओं का असर रहेगा। खासकर दोपहर और शाम के वक्त खतरा बढ़ सकता है। चाय बागानों और पहाड़ों के ढलानों पर रहने वाले लोग सतर्क रहें, क्योंकि भूस्खलन और फ्लैश फ्लड (अचानक बाढ़) की आशंका बनी हुई है।
पूर्वोत्तर भारत में व्यापक बारिश की चेतावनी
असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम में 10 अप्रैल से प्री-मानसून मौसम सक्रिय रहेगा। पूरे सप्ताह मध्यम से भारी बारिश और गरज-चमक के साथ तूफानी हवाएं चल सकती हैं। निचले इलाकों में जलभराव और जन-जीवन बाधित होने की संभावना है।
मौसम प्रणाली का हाल
पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और इससे लगे दक्षिण-पश्चिम हिस्से में एक प्रमुख निम्न दबाव क्षेत्र बना हुआ है, जो अगले 12 घंटों में उत्तर की ओर बढ़ेगा। हालांकि 24 घंटों के बाद यह समुद्र में कमजोर हो सकता है, लेकिन इसका असर अगले 2-3 दिन तक बारिश बढ़ाने में मदद करेगा।
इसके अलावा, एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ उत्तर प्रदेश, बिहार होते हुए उत्तर बंगाल तक फैला हुआ है, जो बंगाल की खाड़ी से नमी भरी हवाओं को लेकर आ रहा है। वहीं, पूर्वी बांग्लादेश और असम-मेघालय से सटे इलाकों में एक चक्रवाती सिस्टम भी बना हुआ है, जो कम से कम एक हफ्ते तक बना रह सकता है।
स्थानीय लोग बरतें सावधानी
लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है। किसानों से अनुरोध है कि बिजली गिरने के दौरान खुले खेतों में काम करने से बचें। प्रशासन से अपील है कि वे फसल, सब्जियों और बुनियादी ढांचे को होने वाले नुकसान के प्रति सतर्क रहें। शहरी इलाकों में ट्रैफिक और जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए आपातकालीन टीमें तैनात रहें।