दक्षिण भारत में प्री-मानसून का असर तेज, कई राज्यों में गरज-चमक के साथ बारिश

Mar 28, 2025, 4:00 PM | Skymet Weather Team
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दक्षिण भारत में प्री-मानसून गतिविधियाँ

प्री-मानसून सीजन मार्च की शुरुआत में दक्षिण प्रायद्वीप से शुरू होता है और महीने के अंत तक यह पूरी तरह सक्रिय हो जाता है। दूसरी ओर, उत्तर भारत और गंगा के मैदानी इलाकों में इस समय पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव बना रहता है, जिससे यहां भीषण गर्मी कम होती है। इस साल भी गर्मी का यही पैटर्न देखने को मिला है।

मार्च में कहां रही सबसे ज्यादा गर्मी?

मार्च के महीने में सबसे अधिक गर्मी गुजरात, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में देखने को मिली। राजकोट (गुजरात) और बौध (ओडिशा) में तापमान 43.5°C तक पहुंच गया, जो इस महीने का सबसे अधिक दर्ज किया गया तापमान था। वहीं, कुरनूल और अनंतपुर (रायलसीमा), निजामाबाद (तेलंगाना), अकोला, चंद्रपुर और नागपुर (महाराष्ट्र) में अधिकतम तापमान 41-42°C तक दर्ज किया गया।

अप्रैल में बढ़ेंगे तूफान और बारिश

मार्च और अप्रैल में गर्मी बढ़ने के बाद दक्षिणी प्रायद्वीप में अप्रैल में लंबे समय तक बारिश और आंधी-तूफान देखने को मिलता है। इसी क्रम में उत्तर आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण मध्य महाराष्ट्र में निचले स्तरों पर चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) बनने जा रहा है। इसके अलावा उत्तर-दक्षिण प्रायद्वीपीय ट्रफ भी सक्रिय होने वाली है। यह ट्रफ प्री-मानसून सीजन में एक स्थायी प्रणाली होती है। जो पूर्व और पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए पूरे दक्षिण भारत में बारिश और तूफानों की गतिविधियों को फैलाएगी।

31 मार्च से 6 अप्रैल तक बारिश का प्रभाव

प्रायद्वीपीय भारत में बारिश और आँधी-तूफान का यह सिस्टम 31 मार्च से 6 अप्रैल तक सक्रिय रहेगा। विशेष रूप से 3 और 4 अप्रैल को इसकी तीव्रता और क्षेत्र में फैलाव ज्यादा रहेगा। पश्चिमी घाट की ऊँचाई के कारण केरल, तटीय कर्नाटक, गोवा और दक्षिण कोंकण में बारिश काफी तीव्र और प्रभावी हो सकती है।

किन राज्यों में होगी बारिश?

इस प्री-मानसून सिस्टम के प्रभाव से महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, कोंकण और गोवा, केरल और तमिलनाडु में भारी बारिश होगी।इसके अलावा कमजोर रूप में दक्षिण ओडिशा और दक्षिण छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में भी मौसम का असर देखने को मिल सकता है। बारिश और गरज-चमक के इस प्रभाव के चलते, दक्षिण भारत में अप्रैल की शुरुआत ठंडी होगी। हालांकि, इसके बाद तापमान दोबारा बढ़ जाएगा, जिससे फिर से गर्मी जोर पकड़ सकती है।

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