जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में गरज के साथ बरसेंगे बादल, ओलावृष्टि की आशंका

Apr 14, 2025, 4:15 PM | Skymet Weather Team
thumbnail image

उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में एक नया पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) 16 अप्रैल से सक्रिय होने जा रहा है। इसके प्रभाव से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अधिकतर हिस्सों में बारिश, गरज-चमक और बर्फबारी की संभावना है। हिमाचल प्रदेश में मौसम का प्रभाव व्यापक रहेगा, जबकि उत्तराखंड में छिटपुट गतिविधि देखने को मिलेगी। जम्मू क्षेत्र सहित निचले पहाड़ी इलाकों में ओलावृष्टि (Hailstorm) भी हो सकती है।

प्री-मानसून गतिविधियों में लगातार रुकावट

पिछले कुछ हफ्तों से पहाड़ी राज्यों में प्री-मानसून गतिविधियाँ लगातार बाधित रही हैं। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 1 मार्च से 14 अप्रैल तक 50% वर्षा की कमी रही है। हिमाचल प्रदेश में यह कमी लगभग 40% रही। केवल उत्तराखंड थोड़ा बेहतर है, जहां 14% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। उत्तर-पश्चिम भारत समग्र रूप से इस सीज़न में 42% बारिश की कमी का सामना कर रहा है। अब तक आधा सीजन बीत चुका है और अब घाटे की भरपाई और कठिन हो जाएगी।

मैदानी इलाकों पर सीमित असर

इस पश्चिमी विक्षोभ के साथ मैदानों में एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण (induced cyclonic circulation) भी सक्रिय होगा। लेकिन इसका प्रभाव ज्यादा व्यापक नहीं होगा। केवल तराई वाले क्षेत्रों में तक बारिश होगी, वो भी एक दो दिन के लिए। हालांकि, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती हिस्सों में यह प्रभाव काफी तीव्र हो सकता है। उत्तराखंड में भी मामूली असर रहेगा, जो कुछ दिनों तक चिंता बढ़ा सकता है।

16 से 20 अप्रैल: धीरे-धीरे बढ़ेगी गतिविधि

16 और 17 अप्रैल को मौसम हल्के रूप में सक्रिय होगा, जिससे जम्मू-कश्मीर में छिटपुट बारिश की संभावना है। 18 से 20 अप्रैल के बीच गति और तीव्रता दोनों में तेज बढ़ोतरी होगी। 19 अप्रैल को मौसम गतिविधि तेज रहेगी और फिर 21 अप्रैल से धीरे-धीरे शांत हो जाएगी।

अलर्ट: 18 से 20 अप्रैल तक सतर्कता ज़रूरी

जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में 18 से 20 अप्रैल तक खराब मौसम की आशंका है। इस दौरान सड़कों पर रुकावट, लैंडस्लाइड, ओलावृष्टि और पथरीले ढलानों से पत्थरों के गिरने जैसी घटनाएं हो सकती हैं। वीकेंड को देखते हुए पर्यटकों और ट्रेकिंग करने वालों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। बेहतर यही होगा कि लोग घर पर रहें और पहाड़ों की ओर गैर-जरूरी यात्रा से बचें, ताकि ‘नो मैन लैंड’ में फंसने की नौबत न आए।

Similar Articles