पूर्वी और मध्य भारत में बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और बिजली गिरने की आशंका

Mar 21, 2025, 2:45 PM | Skymet Weather Team
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पूर्व और मध्य भारत के कई हिस्सों में गरज-चमक के साथ बेमौसम बारिश शुरू हो गई है। जिससे उन क्षेत्रों को नमी मिल रही है, जिनमें गंभीर बारिश की कमी थी। बता दें, 1 से 20 मार्च के बीच मध्य भारत में 99% की भारी वर्षा कमी दर्ज की गई थी, जबकि पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में यह कमी 26% थी। कुल मिलाकर, इस दौरान पूरे भारत में औसत रूप से 24% बारिश की कमी दर्ज की गई।

अचानक मौसम में बदलाव का कारण

पिछले 24 से 48 घंटों के दौरान पूर्वी और मध्य भारत के कई हिस्सों में बारिश हो रही है। इस बदले हुए मौसम का मुख्य कारण उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बने एंटीसाइक्लोन (प्रतिचक्रवात) को माना जा रहा है, जो नमी को पूर्वी और मध्य भारत की ओर धकेल रहा है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ से उत्तर आंतरिक कर्नाटक तक महाराष्ट्र के रास्ते फैली एक ट्रफ भी इस मौसमी प्रणाली को और अधिक सक्रिय कर रही है।

किन राज्यों में होगी ज्यादा बारिश?

इन मौसमी प्रणालियों के संयुक्त प्रभाव से अगले 24 से 48 घंटों में कई इलाकों में व्यापक रूप से बारिश होगी। इस दौरान तेज़ हवाएं, बिजली गिरने की घटनाएं और ओलावृष्टि भी देखने को मिल सकती है। सबसे अधिक प्रभावित दक्षिण-पूर्वी बिहार, झारखंड के कुछ हिस्से और गंगा तटीय पश्चिम बंगाल होंगे। इसके अलावा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, विदर्भ और पूर्वी मध्य प्रदेश में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना बनी हुई है

असामयिक बारिश से फसलों को खतरा

इस असमय बारिश का सबसे बड़ा खतरा खड़ी फसलों को हो सकता है। प्रभावित राज्यों में तेज हवाएं और ओलावृष्टि से कृषि क्षेत्र को बड़ा नुकसान हो सकता है। किसान पहले से ही पिछले कुछ हफ्तों में अत्यधिक गर्मी से जूझ रहे थे, और अब यह खराब मौसम उनकी फसल के लिए नई चुनौती बन सकता है। गंगा तटीय पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा में मार्च के दूसरे और तीसरे सप्ताह में तापमान 40°C से अधिक दर्ज किया गया था, जिससे इन तीव्र मौसम परिस्थितियों का विकास होने की संभावना बनी है।

कब मिलेगी बारिश से राहत?

23 मार्च से पश्चिमी बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में बारिश से धीरे-धीरे राहत मिलने की संभावना है। आमतौर पर, प्री-मानसून गतिविधियाँ अप्रैल में शुरू होती हैं और मई-जून में तेज़ आँधी-तूफान (जिन्हें स्थानीय रूप से 'काल बैसाखी' कहा जाता है) के रूप में विकसित होती हैं। लेकिन इस साल असामान्य रूप से जल्दी और तीव्र गर्मी के कारण यह असमय बारिश और गरज-चमक की स्थिति बन गई है।

मौसम का प्रभाव और सतर्कता की जरूरत

हालांकि यह बारिश अस्थायी रूप से तेज गर्मी से राहत दे सकती है, लेकिन यह मौसम के अनिश्चित स्वरूप को भी दिखा रही है। जिसका दीर्घकालिक प्रभाव कृषि और जनजीवन पर पड़ेगा। मौसम विभाग और प्रशासन को सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि किसानों और आम जनता को किसी भी संभावित नुकसान से बचाया जा सके।

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