मानसून 2025 के दौरान बिहार देश के मैदानी राज्यों में सबसे सूखा राज्य रहा है। सितंबर के आख़िर में कुछ बारिश हुई, लेकिन पूरे सीजन का 31% वर्षा घाटा दर्ज किया गया। यह पूरे देश के मैदानी इलाकों में सबसे अधिक कमी थी। मानसून की विदाई के बाद जब देश के अधिकांश हिस्सों में सूखा मौसम रहता है, तब बिहार में अक्टूबर-नवंबर में जोरदार बारिश हुई। अक्टूबर महीने में ही 169% अधिशेष बारिश दर्ज की गई, जो 1 अक्टूबर से 2 नवंबर 2025 के बीच बढ़कर 213% तक पहुंच गई।
10 दिनों में भारी बारिश, उत्तर बिहार सबसे ज्यादा प्रभावित
पिछले 10 दिनों में चुनावग्रस्त बिहार में भारी बारिश हुई। खासकर उत्तर बिहार के जिलों में हालात ज्यादा खराब रहे। कई जिलों जैसे पश्चिमी व पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सारण, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, पूर्णिया, भोजपुर, बक्सर, शेखपुरा और सिवान में बारिश 400% से अधिक हुई है। लगातार बारिश से कई चुनावी रैलियां रद्द करनी पड़ीं और कई कार्यक्रम खराब मौसम के कारण रद्द हो गए।
चक्रवात ‘मोंथा’ का असर: झारखंड-बिहार तक पहुंची बारिश
हाल के दिनों में मौसम पर चक्रवात मोंथा (Cyclone Montha) का असर देखने को मिला। यह उष्णकटिबंधीय तूफान आंध्र प्रदेश तट पार करने के बाद अंदरूनी हिस्सों से होते हुए झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल तक पहुंच गया। इससे बिहार के तराई और पूर्वांचल क्षेत्रों में लगातार कई दिनों तक तेज बारिश होती रही। अब मौसम में सुधार आया है और अगले कुछ दिनों तक यह स्थिति स्थिर रहेगी।
अब रहेगा सुहाना मौसम, मतदान के दिनों में कोई बाधा नहीं
कमजोर पड़ा तूफान अब चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) के रूप में पूरी तरह कमजोर होकर आगे बढ़ गया है। इसके हटने के बाद तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की जाएगी। 6 और 11 नवंबर 2025 को होने वाले मतदान के दौरान मौसम सुहाना रहने की उम्मीद है। दिन का तापमान लगभग 30°C के आसपास और सुबह का न्यूनतम तापमान 20°C या उससे कम रहेगा। चुनाव प्रक्रिया के दौरान अब किसी भी तरह की मौसम संबंधी बाधा की संभावना नहीं है।
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