Ramban Cloud Burst: राहत की सांस! कश्मीर में मौसम सामान्य, अब तेज होंगे राहत अभियान
Apr 22, 2025, 2:15 PM | Skymet Weather Teamपिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर में बादल फटने (क्लाउडबर्स्ट) की वजह से रामबन सेक्टर में अचानक आई बाढ़ (फ्लैश फ्लड) ने भारी तबाही मचाई। इस आपदा से सड़कें, पुल और मकान समेत कई बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा। कई पर्यटक फंसे रह गए क्योंकि उनकी गाड़ियाँ मलबे में दब गईं। इस हादसे के चलते जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद करना पड़ा। प्रशासन ने राहत और पुनर्वास कार्य शुरू कर दिया है। इस आपदा में 5 लोगों की जान चली गई और कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी।
बचाव कार्यों में खराब मौसम बना बाधा
प्राकृतिक आपदाओं में खराब मौसम अक्सर राहत कार्यों में बड़ी बाधा बनता है और रामबन की इस त्रासदी में भी यही हुआ। एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण दो दिनों तक जम्मू-कश्मीर में खराब मौसम बना रहा। तेज बारिश, गरज-चमक, ओलावृष्टि और तेज हवाओं ने मौसम को और ज्यादा खतरनाक बना दिया। साथ ही भारी भूस्खलन और चट्टानों के गिरने से राष्ट्रीय राजमार्ग का बड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ। कुछ जगहों पर तूफानी मौसम कल(21 अप्रैल) तक भी बना रहा। दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में भी कल शाम तेज ओलावृष्टि हुई, जिससे फसलें और बाग-बगीचे नष्ट हो गए और किसानों की चिंता बढ़ गई।
आज से मौसम में सुधार की संभावना
आज यानी 22 अप्रैल से जम्मू-कश्मीर के मौसम में सुधार के संकेत हैं, क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रहा है। साथ ही पंजाब और राजस्थान के ऊपर बना सहायक चक्रवाती परिसंचरण भी कमजोर हो जाएगा। बीते 24 घंटों में श्रीनगर, बनिहाल, रामबन, पहलगाम, गुलमर्ग, कुकर्नाग, बटोटे, कुपवाड़ा और जम्मू क्षेत्र में हल्की और छिटपुत बारिश दर्ज हुई है। आज सुबह पहाड़ी क्षेत्रों के निचले और मध्य इलाकों में मौसम बेहतर हुआ है, जिससे राहत कार्य में अब मौसम बाधा नहीं बनेगा। कल यानी 23 अप्रैल को भी यह राहत जारी रह सकती है और मौसम थोड़ा ज्यादा बेहतर हो सकता है।
24 अप्रैल को एक और कमजोर पश्चिमी विक्षोभ
24 अप्रैल को एक और कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के पहुंचने की संभावना है, जो 25 अप्रैल तक रहेगा। इसके असर से हल्की बारिश और मौसम में कुछ बदलाव हो सकते हैं, लेकिन यह उतना खतरनाक नहीं होगा। 26 अप्रैल से मौसम दोबारा साफ हो जाएगा और अप्रैल के अंत तक सामान्य रहने की संभावना है। हालांकि, 24 और 25 अप्रैल के दौरान स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि भारी बारिश के बाद पहाड़ों की मिट्टी कमजोर हो जाती है और हलकी सी भी हलचल से भूस्खलन हो सकता है। साथ ही, बारिश रुकने के बाद भी पहाड़ी जलधाराओं में बहाव बना रहता है, इसलिए अगले 48 घंटों तक सावधानी बरतना जरूरी है।