
उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में इस सप्ताह बारिश और बर्फबारी शुरू होने वाली है। लगातार दो पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) सक्रिय होंगे, जिससे इन क्षेत्रों में बर्फ की सफेद चादर बिछने की उम्मीद है। यह बर्फबारी बेहद जरूरी है क्योंकि इस साल पहाड़ों में सर्दियों का भयावह सूखा देखने को मिला है। पहला पश्चिमी विक्षोभ 4 और 5 फरवरी के बीच हल्की और कम अवधि का होगा, जबकि दूसरा विक्षोभ 8 से 11 फरवरी के बीच बड़े पैमाने पर प्रभाव डालेगा।
खराब रही है पहाड़ों की सर्दियाँ:इस साल सर्दियों में पहाड़ी राज्यों में वर्षा और बर्फबारी की भारी कमी रही है। 1 जनवरी से 2 फरवरी 2025 के बीच जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 83% की कमी, हिमाचल प्रदेश में 84% की कमी, और उत्तराखंड में 88% की कमी दर्ज की गई है। इस कमी का असर 22 से 25 फरवरी के बीच पहलगाम में होने वाले विंटर गेम्स पर भी पड़ सकता है। इन खेलों के लिए मोटी बर्फ की परत जरूरी होती है, जिससे कार्यक्रम सुचारू रूप से आयोजित किया जा सके।
गढ़वाल क्षेत्र में खराब मौसम: 4 और 5 फरवरी के बीच आने वाला पहला पश्चिमी विक्षोभ कमजोर रहेगा, लेकिन यह आने वाले बड़े विक्षोभ की भूमिका तैयार करेगा। इसके प्रभाव से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बर्फबारी और बारिश हो सकती है। उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में मौसम अधिक खराब रहने की संभावना है, जबकि कुमाऊं क्षेत्र पर इसका प्रभाव कम होगा।
पहाड़ों राज्यों में भारी बारिश/ बर्फबारी:8 से 11 फरवरी के बीच पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में तीव्र बारिश और बर्फबारी होगी। यह पहले विक्षोभ की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली और व्यापक होगा। जम्मू-कश्मीर के निचले और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में श्रीनगर, सोनमर्ग, पहलगाम और गुलमर्ग में अच्छी मात्रा में बर्फबारी होगी। हिमाचल प्रदेश में केलांग और मनाली में मध्यम बर्फबारी देखने को मिलेगी, जबकि डलहौजी, धर्मशाला, शिमला और कुफरी में बारिश और बर्फबारी का मिश्रण रहेगा।
उत्तराखंड में बर्फबारी और बारिश: उत्तराखंड के मध्यम और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होने की संभावना है। चमोली, जोशीमठ, केदारनाथ और बद्रीनाथ में व्यापक बर्फबारी देखने को मिलेगी। निचले और मध्यम ऊंचाई वाले स्थानों जैसे मुक्तेश्वर, धारचूला, मसूरी, नैनीताल, पौड़ी और टिहरी गढ़वाल में ज्यादा बारिश और गरज के साथ बौछारें (Thundershowers) हो सकती हैं, जबकि बर्फबारी कम मात्रा में होगी।
ओलावृष्टि की संभावना: इस दौरान उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि (Hailstorm) की संभावना भी बनी रहेगी। इससे किसानों और बागवानी के क्षेत्र में नुकसान हो सकता है। लोगों को इस दौरान सतर्क रहने और मौसम की अपडेट्स पर नजर बनाए रखने की सलाह दी जाती है।