
दिल्ली में इस बार सर्दियों की बारिश काफी कम दर्ज की गई है। जनवरी महीने में केवल 6.5 मिमी बारिश हुई, जबकि इस महीने का सामान्य औसत 20 मिमी होता है। इस पूरे महीने में एक भी दिन शीतलहर नहीं चली। घना कोहरा भी बहुत कम दिखाई दिया। जनवरी के दूसरे पखवाड़े में दिन का तापमान सामान्य से अधिक रहा। 8 जनवरी को महीने का सबसे कम न्यूनतम तापमान 4.8°C दर्ज किया गया था। पूरे महीने में सिर्फ यही एक दिन था जब तापमान 5 डिग्री से नीचे गया। कुल मिलाकर, जनवरी 2025 पिछले 5 वर्षों में सबसे गर्म जनवरी रही, जिसमें औसत अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से लगभग 1°C ज्यादा रहा।
पश्चिमी विक्षोभ से हल्की बारिश: पिछले दो दिनों में पश्चिमी विक्षोभ और इससे जुड़े सिस्टम के कारण मैदानी इलाकों में बहुत हल्की बारिश हुई थी। लेकिन यह बारिश नाकाफी रही और बारिश की कमी को पूरा नहीं कर पाई। यह मौसम प्रणाली (पश्चिमी विक्षोभ) अब मैदानी भागों से पूरी तरह निकल चुकी है और अगले 24 घंटों में पहाड़ों से भी हट जाएगी। इसके बाद 7 से 9 फरवरी के बीच तापमान में गिरावट होगी और न्यूनतम तापमान सिंगल डिजिट में जा सकता है।
इस दिन होगी बारिश और बर्फबारी:8 फरवरी से एक और नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में पहुंचेगा। इसके प्रभाव से 8 से 14 फरवरी के बीच पहाड़ों पर मौसमी गतिविधियाँ बनी रहेंगी। 9 से 11 फरवरी के दौरान मौसम का असर ज्यादा रहेगा। बारिश और बर्फबारी मुख्य रूप से पहाड़ी इलाकों तक सीमित रहेगी। लेकिन, बारिश पंजाब और हरियाणा के कुछ सीमावर्ती इलाकों तक पहुंच जाएगी। दिल्ली इस प्रणाली के बाहरी छोर पर रहेगी, इसलिए यहां किसी भी तरह की मौसम गतिविधि(बारिश) होने की संभावना नहीं है। 9 और 10 फरवरी को अधिकतम बादल छाए रह सकते हैं, जिससे धूप कुछ हद तक सीमित रहेगी।
इस बार सूखा पड़ सकता है: जनवरी और फरवरी आमतौर पर सर्दियों के सबसे ज्यादा बारिश वाले महीने माने जाते हैं। लेकिन जनवरी 2025 में भारी कमी देखी गई, जिसे अब पूरा कर पाना मुश्किल है। फरवरी का महीना भी अधिक बारिश का संकेत नहीं दे रहा है। महीने के पहले पखवाड़े में कोई खास बारिश नहीं होगी और शुष्क मौसम लंबे समय तक बना रह सकता है। इससे पहले फरवरी 2017, 2018 और 2023 पूरी तरह शुष्क रह चुकी है। इस बार पूरे देश में सर्दियों की बारिश पिछले 10 वर्षों में सबसे कम हो सकती है।