[Hindi] फ़ानी ने लिया भयंकर तूफान का रूप, ओड़ीशा में गोपालपुर और पुरी के पास से करेगा लैंडफॉल

May 1, 2019 12:48 PM | Skymet Weather Team

भीषण चक्रवाती तूफ़ान फ़ानी ने उम्मीद से पहले ही अत्यंत भयंकर तूफ़ान बन गया है। तूफ़ान फ़ानी उत्तर-पश्चिमी दिशा में बढ़ते हुए बंगाल की खाड़ी के मध्य-पश्चिमी भागों पर पहुँच गया है। बुधवार की सुबह तूफ़ान फ़ानी आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से लगभग 500 किलोमीटर दूर दक्षिण-दक्षिण-पूर्वी में था। जबकि ओड़ीशा के पूरी से इसकी दूरी तकरीबन 725 किलोमीटर दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में थी।

भयंकर रूप ले चुके तूफ़ान फ़ानी की रफ़्तार अब बढ़ गई है। स्काइमेट का आंकलन है कि 1 मई तक यह उत्तर-पश्चिमी दिशा में ही बढ़ता रहेगा उसके बाद इसकी दिशा में परिवर्तन होगा और उत्तर तथा उत्तर-पूर्वी दिशा में बढ़ते हुए इसी दिन शाम तक ओड़ीशा के करीब आ जाएगा। भीषण समुद्री तूफ़ान फ़ानी के ओड़ीशा के तटों पर गोपालपुर और पुरी के बीच से 3 मई को हिट करने की संभावना है।

मौसम विशेषज्ञों का आंकलन है कि जब तूफ़ान का लैंडफॉल होगा, उस समय भी इसकी क्षमता में मामूली कमी आएगी क्योंकि समुद्र की सतह का तापमान कम हो जाएगा, वर्टीकल विंड शीयर ऊपर की ओर होगा साथ ही अन्य वायुमंडलीय स्थितियाँ भी बदलेंगी। इसके बावजूद यह अत्यंत भयंकर तूफ़ान की श्रेणी में ही रहेगा।

Also read in English: FANI BECOMES EXTREMELY SEVERE CYCLONE, TO HIT ODISHA ON MAY 3 NEAR GOPALPUR AND CHANDBALI COAST

तूफ़ान जब ओड़ीशा में प्रवेश करेगा, राज्य के तटीय भागों के लोगों के लिए यह किसी आफत से कम नहीं होगा क्योंकि उस दौरान तटीय ओड़ीशा के शहरों में तबाही वाली बारिश देखने को मिल सकती है। इसके अलावा 170 से 185 किलोमीटर प्रतिघण्टे की रफ़्तार से हवाएँ चलेंगी। हवाओं की रफ़्तार 205 किलोमीटर प्रतिघण्टे तक जा सकती है। साथ ही ओड़ीशा में भयंकर बादलों की गर्जना होने और बिजली गिरने की भी आशंका है।

भारत के पूर्वी तटों के पास बंगाल की खाड़ी में समुद्र में उथल-पुथल की स्थिति रहेगी। इसे देखते हुए अगले 3 दिनों तक बंगाल की खाड़ी में मछुआरों को ना जाने की सलाह दी गई है। इस दौरान समुद्र में 13 से 14 फुट ऊंची लहरें उठने की आशंका जताई गई है।

मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि तूफ़ान के कारण ओड़ीशा में होने वाली भारी बारिश लोगों के लिए मुसीबत बन सकती है। निचले हिस्सों में बाढ़ का ख़तरा है। इसके अलावा भीषण हवाओं के कारण कच्चे मकानों के क्षतिग्रस्त होने, बिजली के खंबे उखड़ने, पेड़ गिरने और कच्ची-पक्की सड़कों के पानी में बह जाने का ख़तरा है। लोगों को सुझाव दिया गया है कि तूफ़ान के दौरान बाहर निकलने से बचें। हो सके तो कमज़ोर मकानों को खाली कर दें।

Image Credit: IndiaToday

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