[Hindi] मॉनसून 2018: अगस्त की शुरुआत में कमजोर रहेगा मॉनसून

July 31, 2018 2:03 PM | Skymet Weather Team

मॉनसून सीजन में सबसे ज्यादा बारिश अगस्त महीने में होती है। अगस्त में देश भर में आमतौर पर 261.3 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की जाती है, जो पूरे मॉनसून सीजन का लगभग 30% है। हालांकि हर वर्ष इसमें उतार चढ़ाव देखने को मिलता है। यानि किसी साल अगस्त में ज़्यादा बारिश होती है तो किसी वर्ष कम।

अगस्त महीने में मॉनसून वर्षा मुख्यतः दो कारणों पर निर्भर करती है, जिसमें उत्तर भारत में पहुंचने वाले मॉनसून सिस्टम, मॉनसून की अक्षीय रेखा को भी उत्तर में ले जाते हैं। जिसके चलते देश के बाकी भागों में मॉनसून वर्षा कम हो जाती है। दूसरा कारण है मॉनसून ब्रेक की स्थिति जो अगस्त में देखने को मिलती है और कई बार मॉनसून में ब्रेक की स्थिति काफी लंबे समय तक बनी रह जाती है।

इस दौरान सबसे ज्यादा बारिश प्रायः पूर्वोत्तर भारत और हिमालय के तराई क्षेत्रों में देखने को मिलती है। जबकि बाकी हिस्सों में मॉनसून कमजोर हो जाता है। इससे पहले अगस्त महीने में अच्छी बारिश वर्ष 2011 में हुई थी जब देशभर में सामान्य से 11% अधिक बारिश वर्षा रिकॉर्ड की गई थी। इसी तरह अगस्त 2012 में भी मॉनसून सामान्य रहा और 1% अधिक बारिश हुई।

उसके बाद पिछले सभी 5 वर्षों में मॉनसून सीजन में सामान्य से कम बारिश देखने को मिली। इसमें 2015 में सबसे बुरा हाल रहा जब देश में अगस्त महीने में सामान्य से 22% कम बारिश हुई। वर्ष 2017 में बारिश में 12 फ़ीसदी की कमी रही। अगस्त महीना कृषि के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इस समय खरीफ फसल को बारिश के पानी की काफी आवश्यकता होती है और ऐसे में बारिश में कमी से सबकी चिंता बढ़ जाती है। नीचे दिए गए टेबल में 2011 से 2017 के बीच अगस्त महीने में रिकॉर्ड की गई बारिश के आंकड़े देख सकते हैं।

इस साल के अगस्त में संभावित बारिश की बात करें तो इस समय उत्तर प्रदेश के उत्तर पूर्वी हिस्सों पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है और मॉनसून की अक्षीय रेखा अपनी सामान्य जगह से उत्तर से होकर गुजर रही है। अगले 48 घंटों तक इस स्थिति में बदलाव की अपेक्षा फिलहाल नहीं है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में बारिश केंद्रित रहेगी जबकि मध्य, उत्तर और दक्षिण भारत में सामान्य से काफी कम बारिश देखने को मिलेगी।

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यानी अगस्त महीने की शुरुआत कमजोर मॉनसून के साथ होगी। इसमें भी 2 से 5 अगस्त के बीच देश के ज्यादातर हिस्सों में मॉनसून निष्प्रभावी रहेगा और बारिश बहुत कम जगह पर देखने को मिलेगी। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 6 अगस्त तक बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों पर एक मौसमी सिस्टम विकसित हो सकता है, जो जल्द ही जमीनी भागों पर पहुंचेगा। इसके चलते पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश से तेज हो जाएगी जबकि देश के बाकी हिस्सों में बारिश में कमी बनी रहेगी।

Image credit: Pro Kerala

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