[Hindi] बिहार में 26 अप्रैल से 1 मई तक बारिश के आसार; काल बैसाखी का प्रकोप भी संभव

April 25, 2018 2:45 PM | Skymet Weather Team

बिहार में लंबे समय से जारी शुष्क मौसम अब करवट लेने वाला है। लगभग एक सप्ताह के शुष्क मौसम के बाद कल से बारिश की गतिविधियां शुरू हो सकती हैं। अनुमान है कि 26 और 27 अप्रैल को राज्य में कुछ स्थानों पर बारिश के बाद 28 अप्रैल को मौसम शुष्क रहेगा। लेकिन 29 अप्रैल से 1 मई तक बारिश का एक नया झोंका राज्य के कई भागों को प्रभावित कर सकता है।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस दौरान राज्य के पूर्वी और उत्तरी भागों में काल बैसाखी जैसी मौसमी हलचलें भी देखने को मिल सकती हैं। 26 अप्रैल से 1 मई के बीच होने वाली मौसमी हलचलों में गरज के साथ बारिश के साथ कुछ स्थानों पर तूफानी हवाएँ चलने और बादलों की तेज़ गड़गड़ाहट के साथ बिजली गिरने की भी आशंका है।

मार्च से मई के दौरान प्री-मॉनसून सीज़न में आमतौर पर बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में काल बैसाखी का प्रकोप देखने को मिलता है जिसमें कई लोगों की जान भी चली जाती है। काल बैसाखी उन मौसमी स्थितियों को कहा जाता है जिसमें बादलों की डरावनी गर्जना के साथ तूफानी हवाएँ चलना, बारिश होना और बिजली की तेज़ चमक के साथ बिजली गिरने की घटनाएँ होती हैं।

बिहार में इस समय प्री-मॉनसून बारिश और काल बैसाखी जैसी गतिविधियों से जान और माल को नुकसान होता है। ऐसे मौसमी बदलाव फसलों को चौपट कर देते हैं। इस समय राज्य में रबी फसलों की कटाई और मड़ाई चरम पर है। कई इलाकों में कटाई-मड़ाई हो चुकी है जबकि कुछ स्थानों पर अभी भी फसलें खेतों में खड़ी हैं। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।

स्काइमेट की कृषि टीम के अनुसार बिहार में गेहूं की लगभग 30-35 प्रतिशत हार्वेस्टिंग अभी बाकी है। ऐसे में अगले कुछ दिनों के दौरान संभावित मौसमी बदलाव किसानों की परेशानी बढ़ा सकते हैं। अनुमान के मुताबिक बारिश की शुरुआत 26 अप्रैल से बिहार के उत्तर-पूर्वी भागों से होगी। 27 अप्रैल को बिहार के उत्तरी भागों सहित अन्य इलाकों में गतिविधियां देखने को मिलेंगी।

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वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ महेश पालावत के अनुसार 28 अप्रैल को अल्प विराम रहेगा उसके बाद 29 अप्रैल से 1 मई तक बिहार में अच्छी बारिश होने की संभावना है। इस दौरान अररिया, किशनगंज, सुपौल, भागलपुर, गया, पटना, मधुबनी, सीतामढ़ी सहित आसपास के भागों को काल बैसाखी प्रभावित कर सकती है। सुझाव है कि इस दौरान खेती सहित खुले आसमान में होने वाली अन्य गतिविधियों को या तो बंद रखें या सावधानी बरतें, ताकि किसी अनहोनी का सामना ना करना पड़े।

Image credit: The Financial Express

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