[Hindi] महाराष्ट्र का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (11 से 17 मई, 2020), और फसल सलाह

May 11, 2020 2:20 PM | Skymet Weather Team

आइए जानते हैं इस सप्ताह यानि 11 से 17 मई, 2020 के बीच कैसा रहेगा महाराष्ट्र में मौसम का हाल और महाराष्ट्र के किसानों के लिए क्या है इस सप्ताह फसलों से जुड़ी सलाह।

महाराष्ट्र के विदर्भ प्रांत में पिछले कुछ दिनों से कुछ हिस्सों में हल्की वर्षा देखने को मिल रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान विदर्भ, मराठवाड़ा तथा दक्षिणी मध्य महाराष्ट्र में भी वर्षा की गतिविधियां बढ़ी हैं।

विदर्भ तथा मराठवाड़ा के कुछ भागों में अगले 24 घंटों के दौरान भी गरज के साथ बौछारें गिरने की संभावना है। 13 मई से लगभग पूरे महाराष्ट्र का मौसम शुष्क हो जाएगा हालांकि विदर्भ में छिटपुट बारिश जारी रह सकती है।

13 मई से मौसम शुष्क होने के साथ ही राज्य के ज़्यादातर जिलों में अधिकतम तापमान बढ़ने लगेंगे। विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के उत्तरी जिलों में लू का प्रकोप बढ़ सकता है। खासतौर पर जलगांव, मालेगाँव, अकोला, अमरावती, बुलढाणा और नागपुर तथा आसपास के इलाके लू की गिरफ्त में होंगे।

महाराष्ट्र के किसानों के लिए फसल सलाह:

ग्रीष्म-कालीन धान की फसल अभी दाना भरने की अवस्था में है, ऐसे में उचित नमी बनाए रखने के लिए नियमित सिंचाई करते रहें। आम और केले के उद्यानो में भी उचित नमी बनाए रखें। कोंकण में धान व मूँगफली की कटाई अभी की जा सकती है।

कद्दू वर्गीय सब्जियों व फलों की भी तुड़ाई की जा सकती है। कटी हुई फसल व तोड़े हुए उत्पादों को साफ एवं छाएदार स्थानों पर रखें। जिन खेतों में कटाई सम्पन्न हो चुकी है, वहाँ अवशेषो व खर-पतवारों को निकाल कर खेत की सफाई करें।

रबी फसलों की कटाई के बाद, 2-3 साल में एक बार, खेतों की गहरी जुताई करनी चाहिए। इससे जमीन की उपरी कठोर परत टूट जाती है, जिसके कारण वर्षा का पानी रिस के जमीन के अन्दर जाता है। मिट्टी की जल भरण क्षमता बढ़ती है, जमीन की भौतिक संरचना मे सुधार होता है और हवा का संचार ठीक से हो जाता है।

यही नहीं गहरी जुटाई से लाभदायक सूक्ष्म जीवों की संख्या में बढ़ोतरी होती है। और आपके खेतों की उर्वरा शक्ति में सुधार होता है।

खेतों में समतलीकरण मेड़बंदी का काम इस समय किया जा सकता है।

Image credit: DNA India

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