[Hindi] पंजाब का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (8-14 सितंबर, 2020), किसानों के लिए फसल सलाह

September 8, 2020 1:56 PM | Skymet Weather Team

आइये जानते हैं पंजाब में 8 से 14 सितंबर के बीच कैसा रहेगा मौसम और क्या है पंजाब के लिए फसल सलाह।

पंजाब में इस साल मॉनसून का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है। हालांकि आंकड़ों के हिसाब से देखें तो बारिश में बहुत ज़्यादा कमी नहीं रही है। 1 जून से 8 सितंबर के बीच पंजाब में कुल 391 मिमी बारिश हुई है जो सामान्य से महज़ 5% कम है। लेकिन यह बारिश टुकड़ों में हुई है यानि अधिकांश समय शुष्क मौसम और कुछ दिनों की झमाझम बारिश। ऐसी बारिश फसलों के लिए बहुत अच्छी नहीं मानी जाती है।

राहत की बात है कि पंजाब के अधिकांश इलाकों में सिंचाई की पर्याप्त सुविधा है जिसके चलते पंजाब के किसानों को खेती को बारिश में इस अंसंतुलन से ज़्यादा नुकसान होने की आशंका नहीं है।

इस सप्ताह भी पंजाब के ज़्यादातर भागों में हर दिन मौसम मुख्यतः शुष्क और साफ रहने की संभावना है। हालांकि आंशिक बादल आते रहेंगे जिससे छिटपुट बारिश की उम्मीद कहीं-कहीं पर की जा सकती है। शुष्क मौसम और बढ़ती धूप के प्रभाव से दिन के तापमान में फिर से वृद्धि हो सकती है।

उम्मीद है कि अमृतसर, जालंधर, पठानकोट, से लेकर लुधियाना, पटियाला, मोगा, बरनाला, फ़िरोज़पुर, फ़रीदकोट, फाजिल्का, श्रीमुक्तसर साहिब समेत ज़्यादातर जिलों में दिन का तापमान 34 से 36 डिग्री सेल्सियस के बीच जबकि न्यूनतम तापमान 24 से 26 डिग्री के बीच रहेगा। सामान्य से अधिक तापमान के कारण पंजाब के लोगों को गर्मी इस सप्ताह परेशान करेगी।

किसानों के लिए फसल सलाह

नमी और उमस के कारण धान की फसल में विभिन्न कीटो का प्रकोप हो सकता है। राइस हिस्पा के गर्ब धान की पत्तियों छेद कर के पत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं व पत्तियों में सफ़ेद धारियाँ बन जाती हैं, इसकी रोकथाम के लिए 800 मि.ली. एक्साडस 25 ई.सी. या 1.0 लीटर डार्स्बन 20 ई.सी. को प्रति 100 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें। प्लांट होप्पर के वयस्क व निम्फ़ पौधे का रस चूस कर पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसकी रोकथाम के लिए 1 लीटर कोराजेन या 40 मि.ली. कोन्फ़िडोर 100 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें। इस समय धान में शीथ ब्लाइट होने की संभावना भी बढ़ गई है।

शीथ ब्लाइट के कारण पत्तियों पर भूरे-हरे धब्बे बन जाते हैं, जिसकी किनारी बैंगनी रंग की होती है, जिसके कारण दाने कम बनते हैं। इसकी रोकथाम के लिए खेतों में अत्यधिक पानी ना लगने दें और फसलों की नियमित निगरानी करते रहें। यदि लक्षण दिखाई दें तो अमृतसर टॉप 325 एस.सी. टिल्ट/बम्पर 25 ई.सी. या फोलिकर 25 ई.सी. की 200 मि.ली. मात्रा को 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें। बासमती धान की कटाई से 35-45 दिन पहले अच्छी उपज हेतु, 200 मि.ली. एमीस्टार टॉप 200 लीटर पानी में या 500 ग्रा इंडोफिल-Z-78 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। 

मौसम में उमस होने के कारण बीटी कपास में सफ़ेद मक्खी, मीली बग, जेसिड जैसे कीटो का प्रकोप होने की संभावना है। इसकी रोकथाम हेतु पोलो, क्रेज़, रूबी कीटनाशक मे से किसी एक की 200 ग्राम मात्रा, मीली बग की रोकथाम हेतु एकालक्स, क्यूनलफॉस, क्यूनलगार्ड 25 ई.सी. में से किसी एक की 500 मि.ली. मात्रा, जेसिड की रोकथाम हेतु एकतारा, दोतारा 25 डब्लू.जी. में से किसी एक की 40 ग्राम मात्रा को 125-150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़कें।

अच्छे परिणाम के लिए कीटनाशकों को अदल-बदल कर प्रयोग करें।  अमरूद, किन्नो, मौसमी, आम, पपीते, चकोतरा, जामुन आदि के पौध की रोपाई हेतु अभी समय उपयुक्त है। किसान भाई खेतो को तैयार करके रोपाई कर सकते हैं।

Image Credit: The Hindu

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