देश के चार समरूप क्षेत्रों में से दक्षिण प्रायद्वीप सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। यहां लगभग कोई बारिश नहीं हुई है। 01 से 10 मार्च के बीच सीज़न की कमी 96% तक बढ़ गई है। जो भी थोड़ी बारिश हुई है, वो तटीय आंध्र प्रदेश और यनम में छिटपुट बारिश दर्ज की गई है। दक्षिण प्रायद्वीप में अब तक सामान्य 4.6 मिमी की तुलना में 0.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। इसमें कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु भी शामिल है, जो लंबे समय तक सूखे के कारण 'डे जीरो' जैसे जल संकट का सामना कर रहा है। इस मौसम में कर्नाटक राज्य के सभी तीन उपमंडलों उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और तटीय कर्नाटक में बारिश की 100% कमी है। स्थिति और भी जटिल हो सकती है, क्योंकि अगले दो सप्ताह तक बारिश की कोई संभावना नहीं है।
कम बारिश से बढ़ रही गर्मी: देश के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में मौसम की विपरीत स्थितियाँ बनी हुई हैं। जबकि, सर्दियों की बारिश के कारण उत्तर के मैदानी इलाके और पहाड़ काफी ठंडे और आरामदायक हैं। दक्षिणी हिस्से प्री-मानसून गतिविधि शुरू होने के इंतजार में हैं। हालाँकि, मार्च का महीना सर्दियों से प्री-मानसून तक संक्रमण का महीना होता है, लेकिन दक्षिणी हिस्सों में मौसमी बारिश जल्दी हो जाती है। वर्षा के अभाव में गर्मी थोड़ा पहले ही जोर पकड़ रही है। रायलसीमा और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। कुरनूल और अनंतपुर में पिछले 4 दिनों से तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है, जो कि 41 डिग्री के स्तर को भी पार कर गया है। मध्य महाराष्ट्र के शोलापुर में अधिकतम तापमान 39.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
जल्द बारिश की संभावना नहीं: प्रायद्वीपीय भारत में मार्च के महिने में दक्षिण प्रायद्वीप के आंतरिक भागों पर उत्तर-दक्षिण ट्रफ बनता है। ज्यादा गर्मी और थोड़ी नमी के साथ दोपहर औऱ शाम के समय गरज के साथ बारिश शुरू हो जाती है। यह उत्तर-दक्षिण गर्त, बाएँ और दाएँ भी दोलन करता है, जिससे मौसम की गतिविधि के क्षेत्र बदलते रहते हैं। दक्षिण आंतरिक कर्नाटक पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, जिसके साथ एक ट्रफ रेखा तमिलनाडु और केरल की सीमा रेखा तक फैली हुई है।
लंबे समय तक रहेगा शुष्क मौसम: हालाँकि, वायुमंडल की निचली परतें स्थिर और शुष्क हैं, जो इस क्षेत्र में नम हवाओं को रोकती हैं। इस क्षेत्र में किसी भी महत्वपूर्ण मौसम की संभावना नहीं है। अगर इस क्षेत्र में थोड़ी भी बारिश होती है तो वह बहुत थोड़े समय के लिए होगी। जो किसी भी तरह की राहत नहीं देगी। दक्षिण प्रायद्वीप में शुष्क, गर्म और सूखी स्थितियां मार्च महीने के तीसरे सप्ताह तक या उससे भी ज्यादा समय तक जारी रहेंगी।
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