
उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है, जो अगले दो दिनों तक बारिश और बर्फबारी का कारण बनेगा। इसके प्रभाव से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के तराई क्षेत्रों में छिटपुट बारिश होने की संभावना है। हालांकि, कल 5 फरवरी से मौसम में सुधार होगा और उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों को छोड़कर पूरे देश में मौसम साफ रहेगा। 5 फरवरी से 8 फरवरी तक मैदानी इलाकों में कोई खास मौसमी गतिविधि नहीं होगी।
नया पश्चिमी विक्षोभ और मौसमी बदलाव: 8 फरवरी की देर रात एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर में पहुंचेगा। इसके प्रभाव से 9 फरवरी को दक्षिण राजस्थान में एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण (Induced Cyclonic Circulation) बनने की संभावना है। इसके साथ ही मौसमी प्रतिचक्रवात (Anticyclone) अपने सामान्य स्थान से हटकर पूर्व की ओर छत्तीसगढ़ और ओडिशा की तरफ खिसक जाएगा। 10 फरवरी को यह प्रेरित चक्रवात उत्तर मध्य प्रदेश में स्थानांतरित हो जाएगा।
मध्य भारत में असामान्य बारिश: इस मौसमी बदलाव के दौरान प्रेरित चक्रवात और प्रतिचक्रवात के बीच एक अभिसरण क्षेत्र (Convergence Zone) बनेगा। अरब सागर से आने वाली नमी वाली हवाएं इस अभिसरण क्षेत्र को और मजबूत करेंगी, जिससे मध्य भारत के कुछ हिस्सों में असामान्य बारिश और गरज-चमक (Thunderstorms) की संभावना बनेगी।
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में वर्षा: 9 और 10 फरवरी को मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बारिश हो सकती है, खासकर 10 फरवरी को वर्षा अधिक होगी। इस दौरान पूर्वी मध्य प्रदेश और विदर्भ क्षेत्र में सबसे अधिक वर्षा की संभावना है।
बारिश का पूर्वी भारत की ओर बढ़ना: 11 फरवरी को हल्की बारिश छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और झारखंड की ओर बढ़ेगी। हालांकि, बारिश की तीव्रता कम होगी और 12 फरवरी से पूरे क्षेत्र में मौसम साफ हो जाएगा।