गुजरात के कच्छ में 4.3 तीव्रता का भूकंप, भुज में आए भूकंप की यादें हुई ताजा,कोई बड़ा नुकसान नहीं
गुजरात के कच्छ जिले में मंगलवार, 22 अप्रैल 2025 की रात 11:26 बजे रिक्टर स्केल पर 4.3 तीव्रता का मध्यम दर्जे का भूकंप महसूस किया गया। यह झटका हलचल का कारण बना, लेकिन शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार किसी बड़े नुकसान या जनहानि की सूचना नहीं है।
भूकंप की जानकारी: स्थान और गहराई
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, यह भूकंप ज़मीन से केवल 20 किलोमीटर की गहराई पर आया, जो कि अपेक्षाकृत उथला है। इसका केंद्र रापर से लगभग 23 किलोमीटर उत्तर-उत्तर-पूर्व (NNE) और राजकोट से करीब 160 किलोमीटर उत्तर-उत्तर-पश्चिम (NNW) की ओर स्थित था।
विज्ञान के नज़रिए से: क्यों महसूस हुआ यह झटका
जब भूकंप कम गहराई से आता है, तो इसका असर सतह पर अधिक महसूस होता है। 4.3 तीव्रता वाला यह भूकंप "लाइट" श्रेणी में आता है — यानी इसे घरों और बाहर भी स्पष्ट रूप से महसूस किया जा सकता है। खिड़कियाँ, दरवाज़े या झूमर हिल सकते हैं, लेकिन आमतौर पर मजबूत इमारतों को कोई बड़ा नुकसान नहीं होता।
कच्छ: भूकंप के लिहाज से संवेदनशील इलाका
कच्छ क्षेत्र पहले से ही भूकंपीय गतिविधियों के लिए जाना जाता है। यह क्षेत्र 'कच्छ रिफ्ट बेसिन' पर स्थित है, जहां कई सक्रिय फॉल्ट लाइनें मौजूद हैं। भारत की टेक्टोनिक प्लेट और उत्तर की ओर यूरेशियन प्लेट की टक्कर इस क्षेत्र में तनाव उत्पन्न करती है, जो समय-समय पर भूकंप के रूप में बाहर आता है।
बीते भूकंप की यादें: 2001 का भुज त्रासदी
इस भूकंप के झटकों ने बहुत से लोगों को 26 जनवरी 2001 के विनाशकारी भुज भूकंप की याद दिला दी। उस समय 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसने व्यापक तबाही मचाई थी और हजारों लोगों की जान चली गई थी। इसी इतिहास और भूगर्भिक स्थिति को देखते हुए कच्छ को ज़ोन-V में रखा गया है, जो भारत का सबसे अधिक जोखिम वाला भूकंपीय क्षेत्र है।
सतर्कता और राहत
कल रात जब भूकंप आया, तो कई लोगों ने झटका महसूस होते ही घरों से बाहर निकलने में ही सुरक्षा समझी — जो कि आम प्रतिक्रिया होती है। सौभाग्य से इस बार किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है और स्थिति अब सामान्य है। स्थानीय प्रशासन द्वारा संभावित असर की जांच जारी है।
जोखिम अभी भी बरकरार
यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि कच्छ क्षेत्र भूकंप के लिहाज से संवेदनशील बना हुआ है। भविष्य में किसी बड़े भूकंप से बचने के लिए मजबूत निर्माण मानदंडों, आपदा प्रबंधन की तैयारी और लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।







