उत्तर प्रदेश में बढ़ेगी गर्मी की मार, 11 जून के बाद मिल सकती है राहत
Jun 6, 2025, 6:30 PM | Skymet Weather Teamउत्तर भारत के मैदानों, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में प्री-मानसून सीज़न का अंत अच्छी बारिश के साथ हुआ था। राज्यभर में समय पर और व्यापक वर्षा हुई। लेकिन 1 जून को दक्षिण-पश्चिम मानसून के आधिकारिक आगमन के बाद से बारिश की गतिविधि अचानक से कम हो गई है।
1 से 5 जून तक भारी वर्षा की कमी
1 से 5 जून के बीच उत्तर प्रदेश में वर्षा बहुत कम दर्ज की गई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में 58% और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 45% की भारी कमी देखी गई है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले पाँच दिनों तक बारिश की उम्मीद नहीं है, जिससे यह कमी और अधिक बढ़ सकती है।
वायुपरिवर्तन से सूखा और गर्म मौसम हावी
उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों पर बना चक्रवाती परिसंचरण अब कमजोर पड़ रहा है। इसके स्थान पर उत्तर-पश्चिमी गर्म और शुष्क हवाएं क्षेत्र में प्रभावी होंगी, जिससे नमी समाप्त हो जाएगी और आसमान साफ रहेगा। इसका सीधा असर वर्षा की गतिविधियों पर पड़ेगा, जो पूरी तरह थम जाएगी।
दिन के तापमान में वृद्धि, हीटवेव जैसे हालात
राज्य के अधिकांश हिस्सों में दिन का तापमान धीरे-धीरे बढ़ेगा। पहले से ही प्रयागराज और वाराणसी जैसे शहरों में पारा 40°C तक पहुँच चुका है। आने वाले दिनों में झांसी, महोबा, ललितपुर, बांदा, चित्रकूट, गाज़ीपुर, जौनपुर, प्रतापगढ़, लखनऊ, कानपुर, कन्नौज, रायबरेली, आगरा, हाथरस और अलीगढ़ जैसे ज़िलों में भी तापमान 40°C के आसपास रह सकता है। हालाँकि आधिकारिक तौर पर हीटवेव की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन लू जैसे हालात बन सकते हैं।
11 जून से मौसम में बदलाव की संभावना
11 जून से मौसम में बदलाव की उम्मीद है। पूर्वी भारत में एक नया चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है, जिससे बंगाल की खाड़ी से नमी भरी हवाएं उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ेंगी। शुरुआत में यह प्रणाली पूर्वी उत्तर प्रदेश को प्रभावित करेगी और छिटपुट बारिश शुरू होगी। बाद में इसका असर अन्य हिस्सों में भी देखने को मिलेगा। इसके साथ ही तापमान में गिरावट आएगी और पूर्वी मानसून की शाखा एक बार फिर पूर्वी उत्तर प्रदेश में आगे बढ़ेगी।