Monsoon Update: बंगाल की खाड़ी में बन रहा सिस्टम, बंगाल-बिहार-झारखंड में जोर पकड़ेगा मानसून
Jun 26, 2025, 2:00 PM | Skymet Weather Teamउत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तर ओडिशा व गंगीय पश्चिम बंगाल के हिस्सों पर एक चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) सक्रिय है। इसके प्रभाव से अगले 24 घंटों के भीतर इसी क्षेत्र में एक निम्न दबाव का क्षेत्र (Low Pressure Area) बनने की संभावना है। यह सिस्टम कुछ समय तक इसी क्षेत्र में स्थिर रह सकता है और धीरे-धीरे मज़बूती पकड़ सकता है। 29 जून तक यह सिस्टम बांग्लादेश और गंगीय पश्चिम बंगाल के दक्षिणी हिस्सों पर केन्द्रित रहेगा और उसके बाद यह इंडो-गंगेटिक मैदानों की ओर बढ़ेगा।
26 से 28 जून तक पूर्वी राज्यों में व्यापक बारिश
इस सिस्टम के प्रभाव से 26 से 28 जून के बीच पश्चिम बंगाल, उत्तर ओडिशा, बिहार, झारखंड और उत्तर छत्तीसगढ़ में मध्यम बारिश होगी, लेकिन इसका दायरा काफी फैला हुआ होगा। 29 और 30 जून को बारिश की तीव्रता व क्षेत्रीय विस्तार और अधिक बढ़ेगा। जिससे बारिश अब पूर्वी उत्तर प्रदेश और बाकी छत्तीसगढ़ तक फैल जाएगी।
1 जुलाई से कई राज्यों में भारी से अति भारी बारिश
1 जुलाई से मानसून की गतिविधियाँ और तेज होंगी। बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी से अति भारी वर्षा देखने को मिलेगी। 2 से 4 जुलाई के बीच यह बारिश की बेल्ट और पश्चिम की ओर बढ़ेगी और पश्चिमी मध्य प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दक्षिण राजस्थान को भी अपनी चपेट में लेगी। इसके अलावा उत्तर और दक्षिण गुजरात और कोंकण क्षेत्र में भी भारी से अति भारी वर्षा की संभावना है।
बारिश की कमी दक्षिण भारत में बिगाड़ सकती है हालात
वर्तमान में बिहार में वर्षा की कमी 22% और छत्तीसगढ़ में 32% है, जबकि ओडिशा में यह घाटा केवल 7% है। आगामी सप्ताह में इन राज्यों में होने वाली बारिश इस कमी को काफी हद तक पूरा कर सकती है। दूसरी ओर मध्य प्रदेश और राजस्थान में पहले से ही बारिश सामान्य से अधिक है और आने वाले सप्ताह में ये राज्य और अधिक वर्षा प्राप्त कर सकते हैं, जिससे वहाँ 'अत्यधिक वर्षा' की स्थिति बन सकती है।
दक्षिण भारत में बढ़ेगी बारिश की कमी
जहां एक ओर देश के पूर्वी, मध्य, पश्चिमी और उत्तरी हिस्सों में मानसून सक्रिय रहेगा, वहीं दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में मानसून कमजोर बना रहेगा। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, विदर्भ, मराठवाड़ा, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में वर्षा की कमी और अधिक बढ़ने की संभावना है। इन क्षेत्रों में मानसूनी सुधार की उम्मीद फिलहाल कम है।