राजस्थान में बारिश के आंकड़े अधिक, लेकिन ज़मीन सूखी, किसानों की चिंता बढ़ी, खेती पर संकट गहराया
राजस्थान इन दिनों गंभीर सूखे की स्थिति का सामना कर रहा है। बीते कई दिनों से यहां बारिश न के बराबर हुई है। खासतौर पर कृषि पर निर्भर समुदायों के लिए यह चिंता का विषय बन गया है क्योंकि राज्य में सिंचाई की सुविधाएं बहुत सीमित हैं। यहां की खेती मुख्य रूप से मानसून की बारिश पर ही निर्भर करती है और जब बारिश नहीं हो रही, तो स्थिति बेहद गंभीर हो जाती है।
आंकड़ों का भ्रम: बारिश तो हुई, लेकिन कब?
दिलचस्प बात यह है कि बारिश के आंकड़े कुछ और कहानी बयां करते हैं। 6 अगस्त तक के आंकड़ों के अनुसार पश्चिम राजस्थान में सामान्य से 70% अधिक और पूर्वी राजस्थान में 73% अधिक बारिश दर्ज की गई है। लेकिन यह "अधिशेष" बारिश वास्तव में भ्रामक है क्योंकि ज्यादा बारिश जून और जुलाई के पहले सप्ताह में हुई थी। इसके बाद से मौसम लगभग सूखा बना हुआ है।
प्रमुख शहरों की स्थिति: लगातार सूखा
राजस्थान की राजधानी जयपुर में पिछले 4-5 दिनों में कोई खास बारिश नहीं हुई है। पश्चिमी राजस्थान की हालत और भी खराब है। जैसलमेर में जुलाई के मध्य से अब तक सिर्फ पाँच दिन ही बारिश रिकॉर्ड हुई है। वहीं, बाड़मेर भी 22 जुलाई से पूरी तरह सूखा है और जोधपुर में भी पिछले दस दिनों से कोई प्रभावशाली वर्षा नहीं हुई है।
पूर्वानुमान भी नहीं दिला रहा राहत की उम्मीद
दुर्भाग्यवश, राजस्थान के लिए आगामी मौसम पूर्वानुमान भी निराशाजनक है। मानसून ट्रफ, जो क्षेत्र में बारिश लाने के लिए अहम होती है, अभी भी हिमालय की तराई के पास बनी हुई है। ऐसा कोई मौसम सिस्टम फिलहाल सक्रिय नहीं है जो इस ट्रफ को दक्षिण की ओर खींच सके और राजस्थान में बारिश की गतिविधियों को दोबारा शुरू कर सके।
थोड़ी बहुत राहत की संभावना, लेकिन नाकाफी
हालांकि, 9 से 11 अगस्त के बीच गंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू जैसे उत्तर-पश्चिमी जिलों में हल्की व छिटपुट बारिश हो सकती है। इसके अलावा 12 और 13 अगस्त के दौरान पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी छिटपुट बौछारें पड़ सकती हैं। लेकिन ये बारिशें इतनी कमज़ोर होंगी कि मौजूदा सूखे से राहत दिलाने में सक्षम नहीं होंगी।
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अगस्त का पहला पखवाड़ा रहेगा सूखा, किसानों की बढ़ती चिंता
अब यह लगभग साफ होता जा रहा है कि अगस्त का पहला आधा हिस्सा राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में शुष्क ही रहने वाला है। शुरूआती मानसूनी बारिश ने भले ही आंकड़ों को बेहतर दिखाया हो, लेकिन मौजूदा हालात सूखा दिखा रहे हैं, जो राजस्थान के किसानों के लिए गंभीर चिंता का कारण बन गया है। क्योंकि खेत सूख रहे हैं और किसान अब सिर्फ आसमान की ओर उम्मीद से देख रहे हैं कि कब फिर बारिश होगी।







