[Hindi] उत्तर भारत में इस बार प्रचंड गर्मी से राहत की उम्मीद; नहीं होगा भीषण लू का लंबा दौर

March 3, 2019 4:56 PM | Skymet Weather Team

मार्च महीने को समूचे भारत में गर्मियों के आगाज का महीना माना जाता है। मार्च, अप्रैल और मई, इन 3 महीनों में भारत के उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक पारा लगातार ऊपर चढ़ता है और मई में गर्मी अपने चरम पर पहुंच जाती है। इसमें मार्च महीने को दो ऋतुओं के बदलाव वाले महीने के तौर पर माना जाता है। मार्च में एक ओर सर्दी विदा हो रही होती है और दूसरी ओर देश के कई हिस्सों में गर्मी का आगाज़ हो जाता है।

हालांकि इस दौरान उत्तर भारत में थोड़े-थोड़े अंतराल पर आने वाले पश्चिमी विक्षोभ और उसके प्रभाव से मैदानी इलाकों में बनने वाले चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के कारण रुक-रुक कर बारिश होती रहती है। बारिश बंद होने के बाद पहाड़ों से बर्फ की ठंडक लेकर आने वाली हवाओं के कारण उत्तर से लेकर मध्य भारत तक सर्दी का प्रभाव मार्च महीने में भी जारी रहती है।

भारत में गर्मी का औपचारिक आगाज आमतौर पर अप्रैल में होता है और मई में गर्मी चरम पर होती है। यही नहीं अप्रैल के मध्य से देश के कई हिस्से लू की गिरफ्त में आ जाते हैं, जिसमें पश्चिम में राजस्थान और गुजरात, मध्य में महाराष्ट्र दक्षिण में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के रायलसीमा क्षेत्र शामिल हैं। इन राज्यों में 15 अप्रैल से अधिकतम तापमान 40 डिग्री के ऊपर पहुंच जाता है।

मैदानी इलाकों में लू की औपचारिक शुरुआत तब मानी जाती है जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री से ऊपर और सामान्य से 5-6 डिग्री अधिक हो। पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकतम तापमान के 30 डिग्री से ऊपर पहुँचने और सामान्य से 5 डिग्री ऊपर होने की स्थिति पर लू की घोषणा की जाती है।

Read in English: Cool summers ahead of North India, limited period of extreme heatwave condition

मार्च का महीना शुरू हो गया है। मौसम में बदलाव की उम्मीद भी देश के तमाम हिस्सों में है। हालांकि स्काईमेट का आकलन है कि इस बार गर्मी प्रचंड रूप नहीं लेगी और हो सकता है लोगों को चिलचिलाती गर्मी से इस बार तुलनात्मक रूप में राहत रहे। ऐसा माना जा रहा है कि इस बार भीषण लू की स्थिति लगातार और लंबे समय तक ना दिखाई दे। हालांकि तेलंगाना और ओड़ीशा में ऐसी किसी राहत की संभावना नहीं है।

एक नजर तीनों गर्म महीनों में संभावित तापमान पर:

मार्च में तापमान का रुझान

मार्च महीने में देश के उत्तरी और पूर्वी भागों में तापमान औसत से नीचे रहने की संभावना है। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि जिस तरह से फरवरी में एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ आते रहे और मैदानी इलाकों पर चक्रवाती सिस्टम बनते रहे और बारिश होती है, ऐसी स्थितियां मार्च में भी जारी रह सकती हैं।

लेकिन मध्य और दक्षिण भारत के राज्यों में तापमान औसत के आसपास रहेगा इसमें कुछ हिस्से खासकर उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, रायलसीमा और तेलंगाना के अधिकांश भागों में पारा सामान्य से 0.5 डिग्री सेल्सियस ऊपर रिकॉर्ड किया जा सकता है।

अप्रैल में तापमान का रुझान

अप्रैल में भी उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में तापमान सामान्य के आसपास रहने की संभावना है। हालांकि राजस्थान, गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश, विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र में दिन का तापमान सामान्य से 1 डिग्री अधिक रिकॉर्ड किया जा सकता है।

राजधानी दिल्ली के अलावा पंजाब और हरियाणा में भी सामान्य से कुछ ऊपर तापमान अप्रैल में रहने की संभावना है। इसी तरह दक्षिण भारत के राज्यों में भी अधिकतम तापमान के औसत से 0.5 डिग्री या 1 डिग्री ऊपर रहने की संभावना है।

मई में तापमान का रुझान

बात सबसे अधिक गर्म रहने वाले महीने मई की करें तो, इसमें भी दिन का तापमान उत्तर, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य रहेगा। जबकि महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, ओड़िशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में पारा सामान्य से 1 डिग्री तक अधिक रहने की आशंका है।

Image credit: IB Times

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