लिरिड उल्का वर्षा 2025: रात के आसमान में चमकते तारों की बारिश, जानें देखने का सही समय

Apr 16, 2025, 7:30 PM | Skymet Weather Team
thumbnail image

प्रतिकात्मक फोटो

इस अप्रैल आकाश में एक अद्भुत खगोलीय घटना होने वाली है- लिरिड उल्का वर्षा, जो लगभग 2,700 वर्षों से देखी जा रही है। यह उल्का वर्षा 16 से 26 अप्रैल 2025 तक सक्रिय रहेगी और इसका चरम 21 अप्रैल की रात से 22 अप्रैल की सुबह तक होगा।

देखने का सर्वोत्तम समय और स्थान (भारत में)

लिरिड उल्का वर्षा की गतिविधि 21 अप्रैल की रात से बढ़कर 22 अप्रैल की सुबह तक चरम पर होगी। भारत में इसे देखने का सबसे अच्छा समय मध्यरात्रि के बाद से सूर्योदय से पहले तक रहेगा। इस दौरान चंद्रमा केवल 25-35% प्रकाशित होगा और सुबह लगभग 3:30 बजे उदय होगा, जिससे आकाश अपेक्षाकृत अंधकारमय रहेगा और देखने की स्थिति अनुकूल बनी रहेगी।

क्या उम्मीद करें?

आदर्श परिस्थितियों में, जैसे कि खुले और अंधेरे आकाश में प्रति घंटे 15-18 उल्काएं देखी जा सकती हैं। लिरिड उल्काएं अपनी तेज़ रफ्तार और चमक के लिए जानी जाती हैं, और कभी-कभी बहुत तेज़ चमक वाले "फायरबॉल्स" भी दिखाई दे सकते हैं।

इन उल्काओं की उत्पत्ति

लिरिड उल्का वर्षा तब होती है जब पृथ्वी धूमकेतु C/1861 G1 (Thatcher) द्वारा छोड़े गए मलबे के मार्ग से गुजरती है। यह एक लंबी कक्षा वाला धूमकेतु है, जो हर 415 वर्षों में सूर्य की परिक्रमा करता है। जब इसके छोड़े गए धूल के कण पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं, तो वे जल उठते हैं और चमकीले उल्काओं के रूप में दिखाई देते हैं।

कैसे देखें?

आपको इस उल्का वर्षा का आनंद लेने के लिए किसी दूरबीन या विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं है। केवल अपनी आँखों से देखें। शहर की रोशनी से दूर कोई अंधकारमय स्थान चुनें। पूर्वोत्तर दिशा की ओर लेटकर या आसमान की ओर देखने के लिए कोई आरामदायक स्थिति अपनाएं। अपनी आँखों को अंधेरे में समायोजित करने के लिए कम से कम 20-30 मिनट का समय दें और मोबाइल स्क्रीन से दूरी बनाए रखें। उल्काएं एक बार में नहीं आतीं, इसलिए कम से कम एक घंटे का समय जरूर दें।

अगली उल्का वर्षा: एटा एक्वारिड्स (Eta Aquariids)

लिरिड के बाद अगली प्रमुख उल्का वर्षा एटा एक्वारिड्स होगी, जो 19 अप्रैल से 28 मई तक सक्रिय रहेगी। इसका चरम 5 से 6 मई की रात को होगा। यह उल्का वर्षा प्रसिद्ध हैली के धूमकेतु (Halley's Comet) से जुड़ी हुई है। भारत से इसे सूर्योदय से पहले के समय में अच्छी तरह देखा जा सकता है।

आसमान की इस शानदार घटना का अवश्य आनंद लें और प्रकृति के इस चमत्कार से जुड़ने का अवसर न गंवाएं।

Similar Articles