गुजरात में पारा 40°C पार जाने की संभावना, कुछ इलाकों में लू चलने के आसार
गुजरात प्री-मानसून सीजन में भारत के सबसे गर्म राज्यों में से एक है। यहां गर्मी मार्च की शुरुआत से ही तेज़ी पकड़ने लगती है और अप्रैल-मई में चरम पर पहुंचती है। मार्च का दूसरा हिस्सा, शुुरूआती दिनों से कहीं अधिक गर्म रहता है, जब तापमान 40°C के पार चला जाता है। हालांकि, तटीय इलाकों में भीषण गर्मी का प्रभाव कम रहता है, लेकिन उच्च आर्द्रता के कारण वहां भीषण असहजता बनी रहती है।
पश्चिमी विक्षोभ से बदलेगा हवा का पैटर्न
उत्तर भारत में 9 मार्च को एक पश्चिमी विक्षोभ पहुंचने वाला है। इससे पहले 8 से 10 मार्च के बीच दक्षिण और पश्चिम राजस्थान पर एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित होगा। इसके तुरंत बाद 11 से 14 मार्च के बीच एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिससे उत्तर और पूर्वोत्तर राजस्थान पर भी चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है। इन मौसमी प्रणालियों के कारण गुजरात और दक्षिण राजस्थान में हवाओं का पैटर्न बदल जाएगा।
गुजरात में गर्मी बढ़ाने वाला बदलाव
8 से 12 मार्च के दौरान गुजरात में कोई खास बादल या बारिश की संभावना नहीं है। हालांकि, आमतौर पर अरब सागर से चलने वाली आर्द्र दक्षिण-पश्चिमी हवाएं, जो अत्यधिक गर्मी से बचाव करती हैं, इस अवधि में बाधित हो सकती हैं। इससे उत्तरी और मध्य गुजरात तथा सौराष्ट्र-कच्छ के आंतरिक इलाकों में हल्की, अस्थिर और गर्म हवाएं चल सकती हैं। यह बदलाव इन इलाकों में प्रचंड गर्मी को बढ़ावा देगा।
40°C पार जाने की संभावना, लू की दस्तक
संभावना है कि 8 मार्च से गर्मी का असर तेज़ी से बढ़ेगा और अगले हफ्ते तक जारी रहेगा। इस दौरान कुछ जगहों पर तापमान 40°C या उससे अधिक पहुंच सकता है। अगर ऐसा होता है, तो यह गुजरात में समय से पहले लू (Heatwave) जैसी स्थिति का संकेत होगा। अहमदाबाद, गांधीनगर, वडोदरा, पाटण, मेहसाणा, खेड़ा, दाहोद, गोधरा, अमरेली, जूनागढ़, बोटाद, सुरेंद्रनगर, मोरबी, राजकोट, भुज और नलिया जैसे शहर इस भीषण गर्मी से सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं।







