जम्मू-कश्मीर और उससे सटे उत्तर पाकिस्तान के ऊपर ऊपरी वायुमंडल में पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) सक्रिय है। वहीं, निचले स्तरों पर एक चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) हरियाणा क्षेत्र में बना हुआ है। दोनों प्रणालियाँ पूर्व की ओर बढ़ेंगी। पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय के साथ आगे बढ़ेगा, जबकि चक्रवाती परिसंचरण कल 5 नवंबर तक दिल्ली और दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश की ओर खिसकेगा और अगले दिन पश्चिमी यूपी के तराई क्षेत्रों तक पहुंचेगा। यह प्रणाली अगले 24 घंटों में धीरे-धीरे कमजोर पड़कर समाप्त हो जाएगी।

कमजोर विक्षोभ लेकिन पहाड़ों पर असर
यह पश्चिमी विक्षोभ बहुत सक्रिय नहीं है और मैदानों में बना चक्रवाती परिसंचरण भी कमजोर है। इसके बावजूद जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में छिटपुट बर्फबारी की संभावना है। निचले और मध्य पहाड़ी इलाकों, खासकर कश्मीर घाटी में बारिश और गरज के साथ बौछारें (Thundershowers) देखने को मिल सकते हैं। उत्तराखंड में आसमान आंशिक रूप से बादलों से ढका रहेगा और ऊंचाई वाले हिस्सों में कहीं-कहीं हल्की बारिश या बर्फबारी हो सकती है। ज्यादातर मौसम गतिविधियाँ आज शाम और रात के समय होंगी। इसके बाद कल 5 नवंबर को केवल हल्की व छिटपुट गतिविधि रहेगी और फिर मौसम साफ हो जाएगा।
पंजाब-हरियाणा में भी हल्की बरसात की संभावना
पंजाब और हरियाणा के मैदानी क्षेत्रों में भी इसी अवधि के दौरान हल्की बारिश की संभावना है। मुख्य रूप से तराई वाले इलाके इससे अधिक प्रभावित होंगे, जबकि अन्य स्थानों पर छिटपुट और कम समय के लिए वर्षा हो सकती है। पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, होशियारपुर, लुधियाना, रूपनगर, मोहाली, चंडीगढ़, पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर में आज शाम और रात के दौरान बिखरी हुई बारिश की संभावना है। दिल्ली इस प्रणाली के बाहरी किनारे (outer periphery) पर रहेगी, इसलिए वहां केवल बहुत हल्की या छिटपुट गतिविधि की संभावना है।
पहाड़ों पर एक दिन बाद साफ मौसम
मैदानी इलाकों में कल (5 नवंबर) से मौसम पूरी तरह साफ हो जाएगा, जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम को पूरी तरह खुलने में अगले 24 घंटे और लगेंगे। गुलमर्ग, पहलगाम, मनाली, लाहौल-स्पीति घाटी, नारकंडा और कुफरी जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर हल्की से मध्यम बर्फबारी की संभावना है। 6 नवंबर के बाद मौसम साफ होने पर ठंडी हवाएं पर्वतों से नीचे उतरेंगी और हवा में ठंडक (nip in the air) बढ़ जाएगी। रात के तापमान में गिरावट आएगी, जिससे मौसम में पहली बार सर्दियों की ठिठुरन महसूस होगी।
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