दिल्ली में आज धूल भरी आंधी और हल्की बारिश के आसार, अगले हफ्ते तेज होंगी बौछारें

By: skymet team | Edited By: skymet team
May 30, 2025, 2:15 PM
WhatsApp icon
thumbnail image

बीते शाम दिल्ली में हल्का धूल भरा तूफान देखने को मिला। राजधानी के अधिकतर हिस्सों में लगभग 45-50 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं, जिससे धूल उड़ने लगी और कुछ क्षेत्रों में हल्की बूंदाबांदी हुई। इससे तापमान में 4-5 डिग्री की गिरावट आई और शाम व रात का मौसम सुहावना हो गया। सफदरजंग बेस स्टेशन ने अधिकतम तापमान 39.1°C दर्ज किया, जो पिछले एक सप्ताह में सबसे अधिक था, लेकिन सामान्य से लगभग 1 डिग्री कम रहा। सफदरजंग, पालम और लोदी रोड पर हल्की वर्षा (ट्रेस) दर्ज की गई जबकि कुछ वेधशालाओं में शाम के समय 2-4 मिमी वर्षा हुई।

पंजाब के पास चक्रवाती परिसंचरण और ‘हीट लो’ की संभावना

एक चक्रवाती परिसंचरण पंजाब और उससे लगे सीमावर्ती इलाकों में बना हुआ है। जब मानसून पूरी तरह से जम जाता है, तब यह क्षेत्र पश्चिमी राजस्थान से लेकर पंजाब व हरियाणा तक एक स्थायी निम्न दबाव क्षेत्र (heat low) में बदल जाता है। इस दौरान निम्न वायुमंडलीय स्तरों पर चक्रवाती परिसंचरण सामान्य रूप से इसी क्षेत्र में बना रहता है। मानसूनी द्रोणिका (trough) इसी सिस्टम से शुरू होकर गंगीय पश्चिम बंगाल तक जाती है।

उत्तर प्रदेश में दूसरा चक्रवाती परिसंचरण

एक और चक्रवाती परिसंचरण उत्तर प्रदेश के मध्य भागों में बना हुआ है। इन दोनों परिसंचरणों को जोड़ने वाली ट्रफ दिल्ली से होकर गुजरती है और बांग्लादेश पर बने मौजूदा दबाव क्षेत्र तक फैली हुई है। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर के ऊपर ऊपरी वायुमंडल में एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। एक और पश्चिमी विक्षोभ उत्तर अफगानिस्तान और उसके आसपास के क्षेत्रों में तैयार हो रहा है। इन सभी सिस्टमों के सम्मिलित प्रभाव से पंजाब, हरियाणा, उत्तर राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्री-मानसूनी गतिविधियाँ देखने को मिल सकती हैं।

आगे के दिनों में दिल्ली का मौसम

दिल्ली में दिन के समय आंशिक रूप से बादल छाए रह सकते हैं, जिससे तापमान बढ़ने की संभावना कम रहेगी। शाम के समय गरज-चमक, धूल भरी आँधी और हल्की बारिश की संभावना है। यह गतिविधियाँ कम समय के लिए और हल्की होंगी। शनिवार (मई का अंतिम दिन) को ऐसी मौसमी गतिविधि शायद नहीं हो। लेकिन 1 से 5 जून के बीच एक बार फिर से बिखरी हुई प्री-मानसूनी गतिविधियाँ शुरू हो सकती हैं, जिनकी तीव्रता 2 से 4 जून के बीच अधिक रहने की संभावना है। हीटवेव (लू) का खतरा अगले एक सप्ताह तक नहीं रहेगा और यह अवधि आगे भी बढ़ सकती है।

author image

डिस्क्लेमर: यह जानकारी स्काइमेट की पूर्वानुमान टीम द्वारा किए गए मौसम और जलवायु विश्लेषण पर आधारित है। हम वैज्ञानिक रूप से सही जानकारी देने का प्रयास करते हैं, लेकिन बदलती वायुमंडलीय स्थितियों के कारण मौसम में बदलाव संभव है। यह केवल सूचना के लिए है, इसे पूरी तरह निश्चित भविष्यवाणी न मानें।

Skymet भारत की सबसे बेहतर और सटीक निजी मौसम पूर्वानुमान और जलवायु इंटेलिजेंस कंपनी है, जो देशभर में विश्वसनीय मौसम डेटा, मानसून अपडेट और कृषि जोखिम प्रबंधन समाधान प्रदान करती है