मौसम में बड़ा बदलाव, लंबे सूखे के बाद पश्चिमी हिमालय में फिर लौटेगी बारिश और बर्फबारी
मुख्य मौसम बिंदु
- 13–15 दिसंबर के बीच कमजोर पश्चिमी विक्षोभ से हल्की बारिश व बर्फबारी।
- 17 दिसंबर से मजबूत WD के कारण भारी बर्फबारी की संभावना
- जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल में प्रमुख गतिविधि, उत्तराखंड में हल्की बारिश।
- 21 दिसंबर के बाद उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में तापमान तेजी से गिरेगा।
पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में लंबे सूखे के बाद अब मौसम में बदलाव के संकेत दिख रहे हैं। क्षेत्र में आखिरी बार 4 और 5 नवंबर को अच्छी बारिश और बर्फबारी दर्ज हुई थी। इससे पहले अक्टूबर के पहले सप्ताह में दो बार बारिश/बर्फबारी हुई थी, जिसमें 2 अक्टूबर को हल्की और 6 अक्टूबर को भारी बर्फबारी हुई थी। इस बर्फबारी में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल के ऊपरी क्षेत्रों का लगभग 80% हिस्सा बर्फ से ढक गया था। 6 अक्टूबर का यह इवेंट अब तक का पहला और एकमात्र भारी स्पेल रहा है।
13 दिसंबर को सीज़न का पहला पश्चिमी विक्षोभ
एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ 13 दिसंबर से पश्चिमी हिमालय की ओर बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से 13 से 15 दिसंबर के बीच गिलगित-बाल्टिस्तान, मुज़फ़्फ़राबाद, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के ऊपरी क्षेत्रों में हल्की बारिश और बर्फबारी होगी। वहीं, हिमाचल प्रदेश में 14 दिसंबर को छिटपुट बारिश और बर्फबारी की संभावना है। हालांकि यह सिस्टम कमजोर है, लेकिन लंबे सूखे को तोड़ने और ऊंचाई वाले इलाकों को थोड़ी जरूरी नमी देने में मदद करेगा।
17 दिसंबर से आएगा अधिक ताकतवर पश्चिमी विक्षोभ
इसके बाद 17 दिसंबर से एक अधिक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ क्षेत्र को प्रभावित करेगा। यह सिस्टम अधिक शक्तिशाली दिखाई दे रहा है और इसके कारण:
• 18 से 20 दिसंबर के बीच जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में मध्यम बारिश व बर्फबारी, तथा कुछ स्थानों पर भारी बर्फबारी संभव है।
• हिमाचल प्रदेश में भी इस दौरान बारिश और बर्फबारी होगी, हालांकि तीव्रता उत्तर के इलाकों की तुलना में कम रहेगी।
• उत्तराखंड में केवल हल्की और छिटपुट गतिविधि देखने को मिलेगी।
अक्टूबर के बाद यह सबसे मजबूत सिस्टम होगा और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फ की परत बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।
21 दिसंबर के बाद गिरेगा पारा, बढ़ेगी सर्दी
इन दोनों पश्चिमी विक्षोभों के गुजरने के बाद उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में तापमान में तेज गिरावट दर्ज होगी। 21 दिसंबर से उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं मैदानों और मध्य हिस्सों तक पहुंचेंगी, जिससे न्यूनतम तापमान तेजी से घटेगा। यह चरण पूरे क्षेत्र में अधिक ठंडे मौसम की शुरुआत करेगा।
आगे की स्थिति
पीछे-पीछे दो पश्चिमी विक्षोभों के आने से पश्चिमी हिमालय में जारी लंबा सूखा टूट जाएगा। आने वाली बारिश और बर्फबारी बर्फ़ जमाव बढ़ाने, जल-संसाधनों को मजबूत करने और सर्दियों के चक्र को संतुलित करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यात्रियों और स्थानीय लोगों को ऊंचे दर्रों में संभावित व्यवधानों और ठंड में बढ़ोतरी के लिए तैयार रहना चाहिए।







