मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश में झमाझम बारिश की चेतावनी, संभलकर रहें अगले 72 घंटे
दक्षिण-पश्चिम मानसून इन दिनों मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में सक्रिय से लेकर बेहद सक्रिय स्थिति में है। खासकर बुंदेलखंड क्षेत्र में कुछ जगहों पर भारी बारिश दर्ज की गई है। आने वाले दिनों में इन इलाकों में और अधिक भारी बारिश की संभावना है। यह बारिश अब आसपास के जिलों में भी फैल सकती है। इस मौसमी गतिविधि का प्रभाव पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों तक पश्चिम दिशा से और विदर्भ के कई हिस्सों तक दक्षिण दिशा से, जो मध्य प्रदेश से सटे हैं, पहुँच सकता है।
दबाव क्षेत्र कमजोर, लेकिन चक्रवातीय हलचल बनी
मध्य उत्तर प्रदेश के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र अब कमजोर हो गया है, लेकिन इससे जुड़ी चक्रवातीय परिसंचरण अभी भी मध्यम स्तर तक सक्रिय बनी हुई है। इसके अलावा, गंगा-पश्चिम बंगाल और आसपास के क्षेत्रों में अगले 48 घंटों में एक नया चक्रवातीय परिसंचरण विकसित हो सकता है, जो बाद में कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो सकता है। इसके पहले संकेत के रूप में इस क्षेत्र में एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा के आसपास एक पूर्व-पश्चिम अक्षीय हवाओं की रेखा भी मौजूद है। इससे बुंदेलखंड क्षेत्र (यूपी और एमपी) में एक संवर्तन क्षेत्र (Convergence Zone) बन गया है, जहाँ हवाएँ टकरा रही हैं और भारी वर्षा के हालात बन रहे हैं।
अति भारी बारिश की आशंका, स्थानीय बाढ़ का खतरा
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश की संभावना है। मध्य प्रदेश के उत्तर और मध्य भाग विशेष रूप से अत्यधिक बारिश की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही, उत्तर प्रदेश के संलग्न जिलों में भी स्थानीय स्तर पर मूसलधार बारिश का खतरा बना हुआ है।
यूपी और एमपी के जिलों में बाढ़ का खतरा
जिसमें मध्य प्रदेश के गुना, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, भिंड, मुरैना, टीकमगढ़, जबलपुर, सतना, सागर, दमोह, खजुराहो और उत्तर प्रदेश का आगरा, झांसी, ललितपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट भारी बारिश से प्रभावित होने वाले इलाके हैं। इन सभी इलाकों में अगले 2-3 दिनों तक स्थानीय बाढ़ की स्थिति बन सकती है। लोगों को सलाह दी जाती है कि अत्यधिक सतर्कता बरतें, खासकर नदी किनारे और निचले इलाकों में रहने वाले लोग।







