रातभर की मूसलधार बारिश से मुंबई बेहाल, अगले हफ्ते और तेज होगा मानसून, समुद्री ज्वार और जलभराव का खतरा
मुंबई में रातभर हुई तेज बारिश ने शहर को लगभग थाम दिया। कई इलाकों में भारी जलभराव हो गया है, जिससे परिवहन सेवाएं बाधित हो गईं। कुछ सड़कों पर पानी भर गया है, अंडरपास बंद हो गए हैं और यात्री रास्तों में फंसे नजर आए। एयरलाइनों ने यात्रियों को अपनी उड़ानों की स्थिति जांचने की सलाह दी है। बारिश सोमवार को भी जारी रही, जिससे कई सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया।
सांताक्रूज में रिकॉर्ड बारिश, कोलाबा रहा सूखा
मुंबई एयरपोर्ट स्थित सांताक्रूज वेधशाला में इस जुलाई में पहली बार 100 मिमी से ज्यादा बारिश हुई, बीते 24 घंटों में यहां 115 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई है। सुबह 8:30 बजे के बाद तीन घंटों में 72 मिमी बारिश हुई। अब तक इस मौसम में सांताक्रूज़ में कुल 472 मिमी बारिश हो चुकी है, जो कि जुलाई के सामान्य आंकड़े (840.7 मिमी) को आधा पार कर चुकी है। दूसरी ओर, दक्षिण मुंबई का कोलाबा इलाका अपेक्षाकृत शुष्क रहा। वहां केवल 11 मिमी बारिश दर्ज हुई और सुबह 11:30 बजे तक केवल 1 मिमी बारिश हुई। मुंबई में बारिश का वितरण बेहद असमान रहा, बारिश का यही पैटर्न आज शाम और रात तक जारी रहने की संभावना है।
बंगाल की खाड़ी और कोकण से जुड़े सिस्टम का असर
आमतौर पर मुंबई में तेज मानसूनी बारिश तब शुरू होती है जब बंगाल की खाड़ी में कोई मौसमी सिस्टम बनता है। फिलहाल, उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, ओडिशा तट के पास एक चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है। इससे कोकण तट पर मानसूनी हवाओं की रफ्तार बढ़ी है और तेज बारिश हो रही है। यह सिस्टम जल्द ही कमजोर हो सकता है, क्योंकि बंगाल की खाड़ी में एक और मजबूत सिस्टम बनने जा रहा है।
पश्चिमी प्रशांत महासागर में उठे एक तूफान के अवशेष वियतनाम, लाओस, थाईलैंड और म्यांमार होते हुए बंगाल की खाड़ी में प्रवेश करेंगे। इसके चलते 24 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में एक नया निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है, जो 26 जुलाई से पूर्वी तट के रास्ते भारत के अंदर प्रवेश करेगा।
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सप्ताहभर जारी रह सकती है बारिश
इन दोनों मौसमी सिस्टमों के संयुक्त प्रभाव से मुंबई में पूरे सप्ताह बारिश की गतिविधियां बनी रहेंगी। आज की भारी बारिश के बाद कल (22 जुलाई) कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन दिनभर हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी। 23 जुलाई से फिर से बारिश तेज हो जाएगी और 27 जुलाई तक रुक-रुक कर भारी बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। इस दौरान सड़क और हवाई यातायात पर असर पड़ सकता है, साथ ही जलभराव जैसी स्थिति फिर बन सकती है।
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ज्वारभाटा और समुद्री लहरों का खतरा बढ़ेगा
25 जुलाई को अमावस्या होने के कारण समुद्र में ऊंची लहरें और ज्वारभाटा उठने की संभावना है। इससे तटीय इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है। नागरिकों से सावधानी बरतने और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने की अपील की गई है।







