Rajasthan Weather: राजस्थान में मूसलाधार बारिश का कहर, इन जिलों में बाढ़ जैसे हालात की आशंका
Jul 18, 2025, 12:50 PM | Skymet Weather Team
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राजस्थान में भारी बारिश का अलर्ट, फोटो: Steve McCurry

राजस्थान के कई हिस्सों में आज और कल खराब मौसम देखने को मिल सकता है। पहले भी चेतावनी दी गई थी कि राज्य के पूर्वी और मध्य हिस्से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, राजस्थान के अत्यंत पश्चिमी इलाकों खासकर सीमा से लगे क्षेत्र और दक्षिण-पश्चिम कोना, इस मानसूनी प्रभाव से काफी हद तक बचे रह सकते हैं और वहां केवल हल्की बारिश होने की संभावना है।

मध्य प्रदेश में बना डिप्रेशन, राजस्थान की ओर बढ़ रहा है

आज सुबह मध्य प्रदेश के ग्वालियर के पास एक डिप्रेशन (दबाव क्षेत्र) सक्रिय है। यह सिस्टम अगले 24 घंटों में पश्चिम की ओर बढ़ते हुए राजस्थान के पूर्वी और मध्य हिस्सों से गुजरेगा। इसके बाद शनिवार देर रात और रविवार तक इसका प्रभाव और दायरा काफी कम हो जाएगा। इस दौरान बारिश के साथ तेज हवाएं, बिजली गिरने की घटनाएं और कभी-कभी तेज बारिश की संभावना है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है।

मध्य और पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश और बाढ़ का खतरा

राजस्थान के पूर्वी और मध्य हिस्सों में मानसून का प्रभाव सबसे अधिक रहेगा और यहां जलभराव व बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है। कल यानी 17 जुलाई को भी कुछ जगहों पर भारी बारिश हुई थी। वहीं, अजमेर में पिछले 24 घंटों में 79 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जिससे सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया। आज 18 जुलाई और कल 19 जुलाई को अलवर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, टोंक, कोटा, बूंदी, जयपुर, अजमेर, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, नागौर, पाली, भीलवाड़ा, उदयपुर में बारिश का ज्यादा असर हो सकता है। वहीं, राजस्थान के पश्चिमी भागों में बारिश केवल जोधपुर, बीकानेर और ब्यावर तक ही पहुंचेगी।

पश्चिमी राजस्थान में बारिश का प्रभाव घटेगा

कल 19 जुलाई और परसों 20 जुलाई को बारिश का प्रभाव और क्षेत्र दोनों घट जाएंगे। उस समय मुख्य रूप से जोधपुर और बीकानेर के बीच का क्षेत्र प्रभावित रहेगा, जिसमें नागौर, डीडवाना, सीकर और चूरू जैसे स्थान शामिल हैं। इन जगहों पर भी कुछ बारिश और गरज-चमक की संभावना बनी रहेगी।

जलभराव, बाढ़ और यातायात बाधित होने की आशंका

स्थानीय बाढ़ और जलभराव की स्थिति से यातायात प्रभावित हो सकता है। रेल, सड़क और हवाई सेवाएं बाधित हो सकती हैं। राजस्थान के जलाशय, बांध और नदियाँ अपनी पूरी क्षमता तक भर सकते हैं। अगर अतिरिक्त पानी छोड़ा गया, तो निचले इलाकों में पानी भरने और बाढ़ का खतरा और बढ़ सकता है। इसलिए बारिश से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में पूरी सतर्कता बरतना बहुत जरूरी है। क्योंकि जलाशयों में पानी का स्तर मौसम सुधरने के बाद भी बढ़ता रह सकता है।