उत्तर-पश्चिम भारत में प्री-मानसून सक्रिय, जानें किन राज्यों में आँधी और ओलावृष्टि के आसार

By: skymet team | Edited By: skymet team
May 2, 2025, 4:00 PM
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उत्तर भारत में एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ पहुंच चुका है। इसके साथ-साथ पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के आसपास कई छोटे-छोटे चक्रवाती परिसंचरण बने हुए हैं। दक्षिण पंजाब, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी हरियाणा के त्रिसंधि क्षेत्र पर एक प्रमुख चक्रवातीय प्रणाली बनी है, जो ऊपरी हवा में मौजूद ट्रफ (पश्चिमी विक्षोभ से जुड़ी हुई) के साथ मिलकर बीते 24 घंटों में उत्तर भारतीय मैदानी इलाकों में widespread (व्यापक) बारिश और गरज-चमक वाले तूफानों का कारण बनी।

उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में आँधी-बारिश का असर

पिछले 24 घंटे में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कई हिस्सों में तूफानी मौसम देखा गया, जो आज सुबह तक जारी रहा। प्रमुख प्रभावित शहरों में अमृतसर, गुरदासपुर, लुधियाना, पटियाला, चंडीगढ़, अंबाला, करनाल, रोहतक, हिसार, गंगानगर, पिलानी, अजमेर, जैसलमेर, सीकर, भीलवाड़ा और टोंक शामिल रहे। इससे पहले जैसलमेर में देश का सबसे ज्यादा तापमान 46.7°C दर्ज हुआ था, लेकिन अब इन मौसम गतिविधियों के कारण अधिकतम तापमान में गिरावट आएगी और अधिकतर स्थानों पर तापमान 40°C से नीचे रह सकता है। लू की स्थिति फिलहाल थम गई है और आने वाले सप्ताहांत तक और भी खराब मौसम की संभावना बनी हुई है।

अगले 4–5 दिन उत्तर भारत में प्री-मानसून का जोर

पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती हवाओं की श्रृंखला के चलते उत्तर भारत में अगले 4–5 दिन सक्रिय प्री-मानसून परिस्थितियाँ बनी रहेंगी। इस दौरान भारी बारिश, तेज आँधी, ओलावृष्टि, बिजली गिरने और खतरनाक तूफानों की आशंका है। यह गतिविधियाँ 2 मई से 6 मई 2025 तक चलेंगी और कुछ इलाकों में इनका असर डरावना और नुकसानदायक हो सकता है, खासतौर पर राजस्थान और हिमालय के आसपास के क्षेत्रों में।

07 से 09 मई तक दक्षिण राजस्थान और कच्छ तक फैलेगा असर

07 मई से 09 मई के बीच यह मौसम गतिविधियाँ दक्षिणी राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों में भी फैल जाएंगी। आमतौर पर मौसम की मार से बचने वाले कच्छ और राजस्थान के पश्चिमी और दक्षिणी इलाके भी इस बार प्रभावित होंगे। जिन इलाकों में विशेष सतर्कता की जरूरत है, वे हैं राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर, सांचोर, सिरोही है। इसके साथ ही कच्छ (गुजरात) के भुज, नलिया, लाखपत, अंजार, रापर, कांडला, गाँधीधाम और मांडवी में भी सतर्कता की जरूरत होगी।

11 मई के बाद मिलेगा व्यापक मौसम सुधार

पूरे उत्तर और पश्चिम भारत में यह तूफानी मौसम 11 मई 2025 के आसपास शांत होने की संभावना है। तब तक लोगों को सावधानी बरतने और मौसम से जुड़ी चेतावनियों पर नजर रखने की सलाह दी जाती है।

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डिस्क्लेमर: यह जानकारी स्काइमेट की पूर्वानुमान टीम द्वारा किए गए मौसम और जलवायु विश्लेषण पर आधारित है। हम वैज्ञानिक रूप से सही जानकारी देने का प्रयास करते हैं, लेकिन बदलती वायुमंडलीय स्थितियों के कारण मौसम में बदलाव संभव है। यह केवल सूचना के लिए है, इसे पूरी तरह निश्चित भविष्यवाणी न मानें।

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