प्री-मानसून का प्रहार: महाराष्ट्र में पूरे सप्ताह बारिश के साथ ओले बरसने की चेतावनी

By: skymet team | Edited By: skymet team
May 14, 2025, 4:45 PM
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महाराष्ट्र राज्य में अगले एक हफ्ते तक प्री-मानसून मौसम गतिविधियां तेज रहने की संभावना है। मई के महीने में विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र जैसे स्थलखंडीय (landlocked) उपविभाग देश के सबसे गर्म क्षेत्रों में शामिल होते हैं। आमतौर पर विदर्भ और मराठवाड़ा में मानसून से पहले तूफानी गतिविधियाँ और ओलावृष्टि अधिक देखने को मिलती हैं। हालांकि, इस बार का प्रभाव मध्य महाराष्ट्र पर सबसे ज़्यादा रहने वाला है। कोकण क्षेत्र में इसका असर सबसे बाद में होगा, जिसकी शुरुआत अगले सप्ताह से होने की संभावना है।

तेज मौसम गतिविधि के लिए तैयार रहें

महाराष्ट्र (मौसम देखें) के अधिकांश हिस्सों में मई की शुरुआत में पहले ही गरज-चमक के साथ प्री-मानसून बारिश हो चुकी है। अब फिर से मौसम इन गतिविधियों के लिए अनुकूल हो रहा है, विशेषकर मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में। पश्चिमी घाट के पीछे स्थित उत्तर-दक्षिण दिशा में फैले मध्य महाराष्ट्र के जिले नंदुरबार, धुले, नासिक, पुणे से लेकर सांगली, सतारा, कोल्हापुर और सोलापुर में तीव्र मौसम गतिविधि की अधिक संभावना है। 15-16 मई और फिर 19 से 23 मई के बीच दो बार तेज बारिश हो सकती है।

मौसम प्रणालियों की स्थिति

एक ट्रफ विदर्भ से लेकर केरल तक फैली हुई है, जो मराठवाड़ा, उत्तर व दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और के भीतरी हिस्सों से होकर गुजर रही है। साथ ही, 18 मई के आसपास अरब सागर में कोकण तट के पास एक ऑफ-शोर वॉर्टेक्स (चक्रवातीय घुमावदार प्रणाली) बनने की संभावना है। एक अन्य ट्रफ सौराष्ट्र से लेकर पूर्व-मध्य अरब सागर तक फैली हुई है, जो दक्षिण गुजरात और कोकण तट के पास प्रभाव डालेगी। इन सभी सिस्टमों के सम्मिलित प्रभाव से महाराष्ट्र, विशेष रूप से मध्य महाराष्ट्र में तेज हवाओं के साथ बारिश और गरज-चमक की व्यापक संभावना है। मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बिजली गिरने और ओलावृष्टि की घटनाएं भी हो सकती हैं।

मौसम गतिविधियों की समयावधि और क्षेत्रीय असर

मौसम की पहली लहर 15 से 17 मई 2025 के बीच प्रमुख रूप से देखने को मिलेगी। इसके बाद 18 और 19 मई को गतिविधियाँ थोड़ी कम रह सकती हैं। फिर 20 से 23 मई के बीच तूफानी गतिविधियाँ और अधिक तीव्र रूप लेंगी। पहले चरण में मुख्य रूप से मध्य महाराष्ट्र प्रभावित रहेगा, जबकि दूसरे चरण में मराठवाड़ा के हिस्सों में भी असर दिखाई देगा। विदर्भ क्षेत्र इस बार कम प्रभावित रहेगा। इस मौसम गतिविधि के चलते फिलहाल लू (हीटवेव) से राहत मिलेगी।

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डिस्क्लेमर: यह जानकारी स्काइमेट की पूर्वानुमान टीम द्वारा किए गए मौसम और जलवायु विश्लेषण पर आधारित है। हम वैज्ञानिक रूप से सही जानकारी देने का प्रयास करते हैं, लेकिन बदलती वायुमंडलीय स्थितियों के कारण मौसम में बदलाव संभव है। यह केवल सूचना के लिए है, इसे पूरी तरह निश्चित भविष्यवाणी न मानें।

Skymet भारत की सबसे बेहतर और सटीक निजी मौसम पूर्वानुमान और जलवायु इंटेलिजेंस कंपनी है, जो देशभर में विश्वसनीय मौसम डेटा, मानसून अपडेट और कृषि जोखिम प्रबंधन समाधान प्रदान करती है