बंगाल की खाड़ी में बना दबाव, देशभर में सक्रिय रहेगा मानसून, कई राज्यों में झमाझम बारिश के आसार

By: skymet team | Edited By: skymet team
Jun 30, 2025, 5:00 PM
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उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे सटे पश्चिम बंगाल तथा बांग्लादेश के क्षेत्रों में एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह सिस्टम ऊपरी वायुमंडलीय स्तर तक चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यह सिस्टम धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड और उत्तर छत्तीसगढ़ होते हुए आगे बढ़ेगा। इसके प्रभाव से गंगानगर (राजस्थान) से कोलकाता तक फैला हुआ मानसूनी ट्रफ सक्रिय रहेगा, जिससे इन क्षेत्रों में व्यापक वर्षा देखने को मिलेगी।

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पूर्व से पश्चिम की ओर खिसकता वर्षा क्षेत्र

अगले चार दिनों में बारिश का बेल्ट धीरे-धीरे पूर्व से पश्चिम की ओर यानी ओडिशा और पश्चिम बंगाल से लेकर राजस्थान और गुजरात तक बढ़ेगा। आज के दिन गंगीय पश्चिम बंगाल, उत्तर ओडिशा और झारखंड में बिखरी हुई बारिश और गरज के साथ बौछारें हो सकती हैं। कल कम दबाव का क्षेत्र भूमि पर आ जाएगा और वर्षा गतिविधियां छत्तीसगढ़ और झारखंड तक फैल जाएंगी। इस सिस्टम का बाहरी हिस्सा पूर्वी मध्य प्रदेश तक पहुंच जाएगा। उसके बाद, यह प्रणाली मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के भीतरी हिस्सों तक पहुंचकर वहाँ भारी बारिश करवाएगी। इससे संबंधित बादल और वर्षा का दायरा सिस्टम से आगे बढ़कर पश्चिम मध्य प्रदेश, दक्षिण-पूर्व राजस्थान और उत्तर महाराष्ट्र तक बारिश करवाएगा। उत्तर गुजरात के हिस्सों में भी इस सिस्टम के प्रभाव से बारिश की संभावना रहेगी।

03 जुलाई को बनेगा एक और चक्रवाती परिसंचरण

03 जुलाई को गंगीय पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश क्षेत्र में एक और चक्रवाती परिसंचरण विकसित होगा, जो अगले दिन भूमि क्षेत्र में प्रवेश करेगा। ये दोनों सिस्टम मिलकर 25°N अक्षांश के पास गुजरात से ओडिशा तक फैला एक ईस्ट-वेस्ट शियर ज़ोन बनाएंगे, जो मानसून को और अधिक सक्रिय बनाएगा। इसके कारण मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और उत्तर महाराष्ट्र में भारी बारिश की संभावना बन रही है। उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र भी तेज बारिश और गरज के साथ बौछारों से प्रभावित हो सकता है, जबकि अन्य भागों में हल्की से मध्यम वर्षा संभव है।

दक्षिण भारत में मानसून की सुस्ती, उत्तर-पूर्व में बाद में बढ़ सकती है बारिश

इस दौरान दक्षिण भारत के राज्यों, विशेष रूप से केरल में वर्षा गतिविधियां काफी कम रहेंगी। आने वाले सप्ताह में जहां मध्य और पश्चिमी भारत में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है, वहीं दक्षिणी हिस्सों में बारिश की भारी कमी देखने को मिल सकती है। हालांकि अभी यह साफ नहीं है, लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि 08 जुलाई के बाद मानसून ट्रफ का पूर्वी सिरा अपने सामान्य स्थान से उत्तर की ओर हिमालय की तलहटी की ओर खिसक सकता है। इससे उत्तर-पूर्व भारत में वर्षा की तीव्रता में बढ़ोतरी हो सकती है।

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डिस्क्लेमर: यह जानकारी स्काइमेट की पूर्वानुमान टीम द्वारा किए गए मौसम और जलवायु विश्लेषण पर आधारित है। हम वैज्ञानिक रूप से सही जानकारी देने का प्रयास करते हैं, लेकिन बदलती वायुमंडलीय स्थितियों के कारण मौसम में बदलाव संभव है। यह केवल सूचना के लिए है, इसे पूरी तरह निश्चित भविष्यवाणी न मानें।

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