मध्य प्रदेश में मूसलाधार बारिश का कहर, निचले इलाकों में जलभराव की आशंका, इन इलाकों में बाढ़ की संभावना

By: skymet team | Edited By: skymet team
Jul 3, 2025, 2:00 PM
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दक्षिण-पश्चिम मानसून मध्य भारत के हिस्सों में काफी सक्रिय बना हुआ है। मध्य प्रदेश और गुजरात में बार-बार तेज बारिश और तूफानी मौसम की गतिविधियाँ देखी जा रही हैं। बंगाल की खाड़ी से उठा मानसूनी निम्न दबाव और चक्रवातीय परिसंचरण (cyclonic circulation) छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के रास्ते आगे बढ़ा है।

मध्य प्रदेश में भारी बारिश का रिकॉर्ड

1 जून से 2 जुलाई 2025 तक पश्चिम मध्य प्रदेश में सामान्य से 68% अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जबकि पूर्वी मध्य प्रदेश में 33% अधिक वर्षा हुई है। राज्य में अब भी भारी बारिश की संभावनाएं बनी हुई हैं और आने वाले दिनों में ये और तीव्र हो सकती हैं।

मौसम प्रणाली का विलय और ट्रफ रेखा का विस्तार

झारखंड और छत्तीसगढ़ पर बना निम्न दबाव का शेष भाग पहले चक्रवातीय परिसंचरण के रूप में सक्रिय था, जो अब उत्तर ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल पर स्थित एक अन्य परिसंचरण के साथ मिल गया है। इसके साथ ही, एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा ओडिशा से राजस्थान तक फैली हुई है।

इससे जुड़ी हुई शियर ज़ोन (जहाँ पूरबी और पछुआ हवाएं मिलती हैं) लगभग कर्क रेखा के साथ पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान से होकर गुजर रही है। यही ज़ोन बारिश की पट्टी को पूर्व से पश्चिम की ओर ले जाएगा, और यह धीरे-धीरे मध्य मध्य प्रदेश के ऊपर स्थिर हो सकती है।

5 जुलाई से मध्य प्रदेश में मूसलाधार बारिश का खतरा

तेज बारिश की गतिविधि 5 जुलाई 2025 को मध्य प्रदेश में प्रवेश करेगी। पूरे राज्य में व्यापक और तीव्र मानसूनी गतिविधि रहेगी, लेकिन मध्य और पूर्वी हिस्से विशेष रूप से प्रभावित हो सकते हैं। 5 से 8 जुलाई के बीच भारी से अति भारी वर्षा की संभावना है।

जिन जिलों में विशेष सतर्कता की जरूरत है

इन जिलों में भारी और संभावित रूप से नुकसानदायक वर्षा हो सकती है, उनमें जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, बैतूल, सीहोर, शाजापुर, रायसेन, भोपाल, विदिशा, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ और अशोकनगर शामिल है। इन क्षेत्रों में स्थानीय बाढ़ की आशंका है, जो निचले इलाकों में जलभराव कर सकती है। खराब मौसम के साथ तेज़ बिजली, गरज-चमक और तेज हवाएं भी चल सकती हैं।

8-9 जुलाई को राजस्थान की ओर बढ़ेगा असर

यह खराब मौसम 8 और 9 जुलाई को आगे बढ़ते हुए पूर्वी राजस्थान के हिस्सों में भी फैल जाएगा। वहां भी भारी बारिश और तूफानी गतिविधि देखने को मिल सकती है। मध्य प्रदेश और राजस्थान को 12 जुलाई, शनिवार से कुछ राहत मिलने की संभावना है। इसके बाद के सप्ताह में मौसम सामान्य होने लगेगा और तीव्र बारिश का सिलसिला धीरे-धीरे थमेगा।

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डिस्क्लेमर: यह जानकारी स्काइमेट की पूर्वानुमान टीम द्वारा किए गए मौसम और जलवायु विश्लेषण पर आधारित है। हम वैज्ञानिक रूप से सही जानकारी देने का प्रयास करते हैं, लेकिन बदलती वायुमंडलीय स्थितियों के कारण मौसम में बदलाव संभव है। यह केवल सूचना के लिए है, इसे पूरी तरह निश्चित भविष्यवाणी न मानें।

Skymet भारत की सबसे बेहतर और सटीक निजी मौसम पूर्वानुमान और जलवायु इंटेलिजेंस कंपनी है, जो देशभर में विश्वसनीय मौसम डेटा, मानसून अपडेट और कृषि जोखिम प्रबंधन समाधान प्रदान करती है