पंजाब से बिहार तक कोहरे की चादर, दिल्ली में सांस लेना मुश्किल, कब मिलेगी राहत?
मुख्य मौसम बिंदु
- दिल्ली-एनसीआर में AQI बहुत खराब श्रेणी में, स्वास्थ्य जोखिम बढ़ा
- कोहरे और स्मॉग से उड़ानें, ट्रेनें और सड़क यातायात प्रभावित
- पंजाब से बिहार तक फैला घना कोहरा
- 21–22 दिसंबर को फिर घने कोहरे की संभावना
18 दिसंबर की सुबह दिल्ली घने स्मॉग की चादर में लिपटी हुई नजर आई। घना कोहरा और अत्यधिक प्रदूषण एक साथ मिलकर पूरे क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता को गंभीर रूप से खराब कर गए। सुबह के शुरुआती घंटों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 358 दर्ज किया गया, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। हालांकि 17 दिसंबर की शाम AQI लगभग 450 था, जिसके मुकाबले हल्का सुधार देखा गया, लेकिन इसके बावजूद हवा की गुणवत्ता अभी भी लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बनी हुई है।
मौसम की परिस्थितियाँ बनीं कोहरा बनने के लिए अनुकूल
मौजूदा मौसम की परिस्थितियाँ कोहरा बनने के लिए बेहद अनुकूल रहीं। हवा की गति बहुत कम थी, रात का आसमान साफ रहा और नमी का स्तर अधिक बना रहा। इन सभी कारणों से प्रदूषक कण जमीन के पास ही जमा हो गए, जिससे व्यापक स्तर पर घना कोहरा और स्मॉग देखने को मिला। सुबह के समय विजिबिलिटी में तेज गिरावट दर्ज की गई, जिससे दिल्ली-एनसीआर में रोजमर्रा की ज़िंदगी और परिवहन व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई।
आईजीआई एयरपोर्ट पर उड़ानों पर असर
खराब दृश्यता के कारण इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ान संचालन प्रभावित हुआ। सुबह करीब 08:30 बजे दृश्यता घटकर लगभग 150 मीटर तक पहुंच गई, जिसके चलते विमानों को CAT III परिस्थितियों में ऑपरेट करना पड़ा। जैसे-जैसे दिन चढ़ा, विजिबिलिटी में धीरे-धीरे सुधार हुआ और सुबह 11:00 बजे तक यह करीब 500 मीटर तक पहुंच गई, जिसके बाद उड़ानों का संचालन सामान्य रूप से शुरू हो सका।
पंजाब से बिहार तक फैला घने कोहरे का असर
घना कोहरा केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहा। पंजाब से लेकर हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्सों को कवर करते हुए बिहार तक एक सतत कोहरे की परत फैली रही। इस वजह से कई लंबी दूरी की ट्रेनों में देरी हुई, जबकि राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर दृश्यता बेहद खराब रही। खतरनाक हालातों के चलते सड़क दुर्घटनाओं का खतरा काफी बढ़ गया, जिसके चलते सावधानी से वाहन चलाने की सलाह दी गई।
दिन में कुछ राहत, लेकिन अस्थायी
अनुमान है कि दिन के समय दिल्ली और एनसीआर में दृश्यता में धीरे-धीरे सुधार होगा। सतही हवाओं की गति में हल्की बढ़ोतरी होने की संभावना है, जिससे कोहरे और प्रदूषकों के फैलाव में मदद मिलेगी। हालांकि यह राहत ज्यादा समय तक टिकने वाली नहीं मानी जा रही है। 20 दिसंबर के आसपास पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र की ओर एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस आने की संभावना है। इसके प्रभाव से उत्तरी मैदानी इलाकों में एक बार फिर हवाओं की गति कमजोर पड़ सकती है।
21 और 22 दिसंबर को फिर लौट सकता है घना कोहरा
इसके चलते 21 और 22 दिसंबर को दिल्ली और एनसीआर सहित उत्तर भारत के बड़े हिस्सों में फिर से घने कोहरे की संभावना बन रही है। कोहरे का बनना मुख्य रूप से तीन मौसमीय कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें पहला है कम हवा की गति, दूसरा कम तापमान और तीसरा अधिक नमी। आने वाले दिनों में ये तीनों स्थितियाँ बार-बार बनी रहने की संभावना है, जिससे क्षेत्र में कोहरे भरी सुबहें जारी रह सकती हैं।
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