दिल्ली में न कोहरा दिख रहा, न शीतलहर और न बारिश के आसार, फिर भी ठिठुरन बरकरार
मुख्य मौसम बिंदु
- दिल्ली में न्यूनतम तापमान लगातार सामान्य से 3°-4°C कम।
- पश्चिमी विक्षोभ की कमी से बारिश और घना कोहरा नहीं।
- हवा की रफ्तार ज्यादा, इसलिए ठंड महसूस होगी।
- अगले एक हफ्ते तक तापमान में बड़े बदलाव की संभावना नहीं।
दिल्ली में काफी समय से न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे चल रहा है। नवंबर महीने का औसत न्यूनतम तापमान भी सामान्य से काफी कम रहा। नवंबर का औसत न्यूनतम तापमान 11.4°C रहा, जबकि सामान्य तापमान 13°C होता है। दिसंबर के पहले पाँच दिनों में न्यूनतम तापमान लो सिंगल डिजिट में दर्ज हुआ और सामान्य से 3°-4°C कम रहा। इस मौसम का सबसे कम तापमान 5.6°C दर्ज हुआ, वह भी लगातार दो दिनों-कल और आज। यह तापमान सामान्य से करीब 4°C कम है। हालांकि ठंड काफी है, लेकिन पारा अभी भी कड़ाके की ठंड (Cold Wave) की परिभाषा तक पहुँचने से थोड़ा-सा पीछे है।
सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की कमी से ‘ड्राई कोल्ड’ का असर
उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड तब बढ़ती है जब सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश कराते हैं। लेकिन इस बार ऐसे सिस्टमों की काफी कमी रही है, इसलिए सूखी ठंड (Dry Cold) जारी है। कमजोर और हल्के पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के अत्यंत ऊपरी हिस्सों से गुजर रहे हैं। इनके साथ या तो कोई मौसम गतिविधि नहीं हो रही, या फिर असर केवल ऊँचे पहाड़ी इलाकों तक सीमित है। इस वजह से मैदानों खासकर दिल्ली में केवल तापमान में हल्की-फुल्की उठापटक हो रही है, पर इतनी नहीं कि शीतलहर जैसी स्थिति बन सके।
दिल्ली में अभी तक असली ‘विंटर फॉग’ नदारद
इस बार दिल्ली में अब तक गहरा सर्दी वाला कोहरा नहीं दिखा है। जो थोड़ा बहुत धुंध दिख रहा है, वह प्रदूषण और विषाक्त कणों की वजह से है। दृश्यता अधिकतम शैलो फॉग (हल्का कोहरा) तक ही सीमित रही है। लेकिन इस वार सर्दियों वाला कोहरा गायब है और इसकी वापसी की उम्मीद भी फिलहाल कम है।
बारिश की कमी से नमी भी घटेगी, ठंड बनी रहेगी
पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय न होने की वजह से मध्य दिसंबर के बाद तक बारिश की संभावना नहीं है। ऐसे में हवा में नमी भी कम रहेगी और वह घना, नमी वाला ठंडा मौसम अभी बनता नहीं दिख रहा। आने वाले कुछ दिनों में निचले स्तरों पर हवा की रफ्तार औसत से ज्यादा रहेगी। इससे चिल फैक्टर (ठंड का असर) बना रहेगा। अगले एक हफ्ते तक न्यूनतम तापमान न तो तेजी से गिरेगा और न किसी बड़े उछाल की संभावना है।
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